राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
‘समय असमय’ प्रचार करना
जब बॉसनिया और हर्ट्सेगोवीना युद्ध की चपेट में थे, तब वहाँ के हज़ारों लोगों को बेहिसाब मुसीबतों से गुज़रना पड़ा। संकट की उस घड़ी में, यहोवा के साक्षियों ने लोगों का हौसला बढ़ाने की और उनके दिल में आशा की एक किरण जगाने की हर कोशिश की। सारायीवो में हमारे एक भाई ने कुछ समय तक सेवा की। यहाँ उनके द्वारा लिखी चिट्ठी के कुछ अंश दिए गए हैं।
“यहाँ जीना बहुत ही मुश्किल है, मगर फिर भी, लोग बाइबल की सच्चाई को खुशी-खुशी स्वीकार कर रहे हैं। प्रचार के काम में यहाँ के साक्षियों की लगन एक बहुत ही बढ़िया मिसाल है। हालाँकि उनके पास धन-सम्पत्ति तो बहुत कम है लेकिन उनके पास जोश की कोई कमी नहीं है। कलीसिया के लगभग सभी जवान पूरे-समय की सेवकाई कर रहे हैं। उनके जोश से नए लोग भी प्रोत्साहित होते हैं और उनके लिए यह आम बात है कि वे अपनी सेवकाई के पहले महीने से ही ६० या उससे भी ज़्यादा घंटे सेवा में बिताएँ।
“घर-घर जाकर प्रचार करने के अलावा, हमने लोगों से मिलने के लिए कई और तरीके आज़माकर देखे हैं। मिसाल के तौर पर, शहर के कई क़ब्रिस्तानों में हमने बाइबल की किताबें बाँटीं, और इसके अच्छे नतीजे निकले।
“अस्पतालों में भी गवाही दी गई है। सारायीवो अस्पताल में हृदय रोग विभाग के सबसे बड़े डॉक्टर ने जनवरी ८, १९९७ की सजग होइए! पत्रिका ली, जिसका विषय था ‘दिल का दौरा—क्या किया जा सकता है?’ उसने इस अंक की और कॉपियाँ माँगी, ताकि वह दूसरे डॉक्टरों को भी दे सके। इसके बाद साक्षियों को उसके विभाग के सभी मरीज़ों से मिलने की इज़ाज़त दी गई। इस तरह लगभग एक घंटे में बिस्तर-से-बिस्तर जाकर हर मरीज़ से मिला गया और १०० से ज़्यादा पत्रिकाएँ बाँटी गईं। कई मरीज़ों ने कहा कि यह पहली बार था जब कोई अस्पताल में उनसे मिलने आया, उनका हौसला बढ़ाया और उनके मन में एक आशा जगाई।
“दूसरी बार साक्षी बच्चों के बारे में पत्रिकाएँ लेकर बाल-रोग विभाग में गए। उस विभाग की सबसे बड़ी डॉक्टर ने अस्पताल में सभी के पढ़ने के लिए बाइबल कहानियों की मेरी पुस्तक की कुछ कॉपियाँ भी लीं। अब, जो माताएँ अपने बच्चों से मिलने अस्पताल आती हैं वे हर रोज़ अपने बच्चो को बाइबल की कहानियाँ पढ़कर सुनाती हैं। इस डॉक्टर से उसके घर पर मिलने का भी इंतज़ाम किया गया है।
“सारायीवो में अलग-अलग देशों के हज़ारों NATO [North Atlantic Treaty Organization] सैनिक हैं। इनको भी अच्छी तरह गवाही दी गई है। कभी-कभी हम सभी जातियों के लिए सुसमाचार बुकलेट का इस्तेमाल करते हुए एक फौजी गाड़ी से दूसरी गाड़ी में जाते हैं और कई भाषाओं में प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ भी अपने साथ रखते हैं। इटैलियन सैनिकों के बैरकों में दो सौ से ज़्यादा पत्रिकाएँ बाँटी गई। हैरानी की बात है, कई इटैलियन सैनिकों ने कहा कि यहोवा के साक्षियों से पहले कभी उनकी मुलाकात नहीं हुई थी। खैर, सारायीवो में हमसे उनकी मुलाकात हो ही गई।
“एक दिन सड़क के किनारे एक फौजी गाड़ी खड़ी थी। मैनें अपनी छतरी से उस कार को खटखटाया और तब एक सैनिक बाहर निकला। मैंने उसे एक प्रहरीदुर्ग पत्रिका दी जिसका विषय था, ‘शांति के दूत—वे कौन हैं?’ उस सैनिक ने मुझे देखकर पूछा, ‘कहीं तुम यहोवा के एक साक्षी तो नहीं हो?’ यह जानने के बाद कि मैं यहोवा का एक साक्षी हूँ, उसने कहा, ‘तुम यहाँ भी? मुझे तो यकीन ही नहीं होता! क्या दुनिया में कोई जगह है जहाँ कोई साक्षी नहीं है?’ ”
प्रेरित पौलुस ने आग्रह किया: “वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।” (२ तीमुथियुस ४:२) दुनिया-भर के अपने भाई-बहनों की तरह ही, सारायीवो के यहोवा के साक्षी भी प्रचार करने के लिए बिस्तर से बिस्तर और एक फौजी गाड़ी से दूसरी फौजी गाड़ी तक भी जाते हैं!