आप बाइबल की भविष्यवाणियों पर क्यों भरोसा कर सकते हैं
यूनान के उत्तर-पश्चिमी राज्य, इपीरस के राजा पीरस और रोमी साम्राज्य के बीच काफी समय से तनाव चल रहा था। राजा पीरस किसी भी तरह यह जानना चाहता था कि आगे चलकर क्या होगा। यह जानने के लिए वह डॆल्फाई की पुजारिनों के पास गया। लेकिन उसे जो जवाब मिला, उसे सुनकर वह बुरी तरह उलझन में पड़ गया, क्योंकि उस बात के दो मतलब निकाले जा सकते थे। (१) “मेरी यह वाणी है कि तू, एकूस का पुत्र, रोम पर विजय हासिल कर सकता है। तू जाएगा, और लौटकर आएगा, युद्ध में तेरा विनाश कभी नहीं होगा।” और (२) “मेरी यह वाणी है कि रोम तुझ, एकूस के पुत्र पर विजय हासिल कर सकता है। तू जाएगा, और लौटकर कभी नहीं आएगा, युद्ध में तेरा विनाश होगा।” राजा पीरस ने पुजारिन की बात के पहले मतलब पर विश्वास किया और रोम के खिलाफ जंग छेड़ दी। लेकिन पीरस को बहुत बुरी तरह मुँह की खानी पड़ी।
ऐसे मामले दिखाते हैं कि उन तीर्थस्थलों की पुजारिनों की बातें अकसर अस्पष्ट होती थीं और इनके दो मतलब निकाले जा सकते थे। लेकिन बाइबल की भविष्यवाणी के बारे में क्या? बाइबल की आलोचना करनेवाले विद्वान कहते हैं कि बाइबल की भविष्यवाणियों में और उन पुजारिनों की भविष्यवाणियों में कोई खास फर्क नहीं है। वे कहते हैं कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ और कुछ नहीं, बस भविष्य के बारे में लिखी ऐसी बातें हैं जिन्हें बहुत ही चालाक और तेज़ दिमागवाले लोगों, खासकर याजक लोगों ने लिखा था। वे कहते हैं कि शायद अपने तज़ुर्बे की वज़ह से या कुछ खास लोगों द्वारा गुप्त जानकारी मिलने की वज़ह से उन्हें पता चला कि आगे क्या-क्या घटनाएँ होंगी। सो, आइए हम बाइबल की भविष्यवाणियों और उन पुजारिनों की भविष्यवाणियों की कुछ बातों की तुलना करें, और देखें कि हम किस पर भरोसा कर सकते हैं।
फर्क
उन पुजारिनों की भविष्यवाणियों की खासियत यह थी कि उनके दो मतलब निकाले जा सकते थे। इसकी मिसाल है डॆल्फाई के ज्योतिषी। वे अजीबो-गरीब शब्दों में भविष्यवाणियाँ बताते थे। इसकी वज़ह से यह ज़रूरी हो जाता था कि वहाँ के पुजारी उसका ठीक-ठीक मतलब समझाएँ। लेकिन वे उसे इस तरह समझाते थे कि उसके दो विपरीत मतलब निकाले जा सकें। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है लीडिया के राजा, क्रीसस को बतायी गयी भविष्यवाणी। जब उसने इन ज्योतिषियों के दर्शन किए, तो उससे कहा गया: “अगर क्रीसस हेलिस को पार करेगा, तो वह एक शक्तिशाली साम्राज्य का विनाश करेगा।” दरअसल, जिस “शक्तिशाली साम्राज्य” का विनाश हुआ, वह उसी का था! जब उसने कप्पदुकिया पर कब्ज़ा करने के लिए हेलिस नदी को पार किया, तो उसे फारसी राजा कुस्रू के हाथ से बुरी तरह मात खानी पड़ी।
लेकिन, ज्योतिषियों की इन भविष्यवाणियों के बिलकुल विपरीत, बाइबल की भविष्यवाणियाँ एकदम सही और स्पष्ट हैं। इसकी एक अच्छी मिसाल है बाबुल के विनाश के बारे में की गयी भविष्यवाणी, जो बाइबल के यशायाह नाम की पुस्तक में लिखी है। बाबुल के विनाश से कुछ २०० साल पहले, भविष्यवक्ता यशायाह ने पूरी बारीकी के साथ और एकदम सही-सही भविष्यवाणी की कि मादी-फारस बाबुल का तख्ता पलट देगा। भविष्यवाणी में यह भी बताया गया था कि इस युद्ध के विजेता का नाम कुस्रू होगा। और उसमें यह भी बताया गया था कि इसके लिए कौन-सी रणनीति इस्तेमाल की जाएगी, यानी शहर को सुरक्षा देनेवाली नदी को सुखा दिया जाएगा और उस किलेबंद शहर के दरवाज़े खुले होंगे। भविष्यवाणी में बतायी गयी ये सारी घटनाएँ बिलकुल वैसी ही पूरी हुईं। (यशायाह ४४:२७–४५:२) और यह भी भविष्यवाणी की गयी थी कि कुछ समय बाद बाबुल पूरी तरह उजड़ जाएगा और कोई उसमें नहीं बसेगा। यह बात भी आगे चलकर सही साबित हुई।—यशायाह १३:१७-२२.
यह भी ध्यान दीजिए कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ कितनी स्पष्ट हैं। उदाहरण के लिए भविष्यवक्ता योना ने यह चेतावनी दी: “अब से चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा।” (योना ३:४) इस चेतावनी के दो मतलब निकालने का कोई सवाल ही नहीं उठता! और यह चेतावनी इतनी स्पष्ट और ज़बरदस्त थी कि नीनवे के लोगों ने “परमेश्वर के वचन की प्रतीति की; और उपवास का प्रचार किया . . . और . . . टाट ओढ़ा।” उन्होंने जो मन-फिराव किया, उसकी वज़ह से यहोवा ने उस समय नीनवे के लोगों को नाश नहीं किया।—योना ३:५-१०.
अकसर राजा और सेनापति उन ज्योतिषियों की बातों का मतलब अपनी पसंद के मुताबिक निकालते थे, ताकि उनका अपना फायदा हो। वे लोगों से कहते थे कि ‘ईश्वर की यही मर्ज़ी है,’ और इस तरह उनसे अपना काम निकलवाते थे। लेकिन, सच्चे परमेश्वर की भविष्यवाणियाँ किसी की पसंद नापसंद का लिहाज़ नहीं करतीं।
इसे समझने के लिए आइए कुछ उदाहरण देखें। जब राजा दाऊद ने परमेश्वर के विरुद्ध गलती की, तो यहोवा का भविष्यवक्ता नातान उसे ताड़ना देने से पीछे न हटा। (२ शमूएल १२:१-१२) जब इस्राएल के दस-गोत्रीय राज्य पर यारोबाम II राज्य कर रहा था, तब उसने यहोवा के खिलाफ विद्रोह किया। तभी भविष्यवक्ता होशे और आमोस ने उस राजा को और उसके चेलों को बहुत कड़ी फटकार लगायी, क्योंकि उन्होंने सच्चे धर्म को छोड़ दिया था और ऐसे काम किए थे जिनसे परमेश्वर के नाम पर कलंक लगा था। (होशे ५:१-७; आमोस २:६-८) जब यहोवा ने भविष्यवक्ता आमोस के ज़रिए उस राजा को चेतावनी दी, तब तो वह और भी कड़ी फटकार थी। उसने कहा: “मैं यारोबाम के घराने पर तलवार खींचे हुए चढ़ाई करूंगा।” (आमोस ७:९) सो, यारोबाम का पूरा घराना नाश कर दिया गया।—१ राजा १५:२५-३०; २ इतिहास १३:२०.
अकसर वे ज्योतिषी पैसे लेकर भविष्यवाणी करते थे। जो ज़्यादा दाम बोलता, उसे उसकी पसंद की भविष्यवाणी सुनायी जाती। सो, डॆल्फाई के ज्योतिषियों के पास जो भविष्य पूछने जाते थे, वे बस फिज़ूल की जानकारी के लिए पानी की तरह पैसे बहाते थे। इस तरह अपोलो के मंदिर में और दूसरे मंदिरों में पैसों की बारिश होती थी। इसके विपरीत, चाहे कुछ भी हो, बाइबल की भविष्यवाणियाँ और चेतावनियाँ बगैर किसी कीमत और पक्षपात के दी जाती थीं। जिस व्यक्ति को चेतावनी दी जाती थी, उसके ओहदे का या अमीरी का लिहाज़ नहीं किया जाता था, क्योंकि सच्चे भविष्यवक्ताओं को घूस नहीं दी जा सकती थी। इसीलिए भविष्यवक्ता और न्यायी शमूएल ने ईमानदारी से पूछा: “मैंने . . . किसके हाथ से घूस लेकर अपनी आंखों में धूल झोंकी?”—१ शमूएल १२:३, NHT.
भविष्य बतानेवाले ये ज्योतिषी बस कुछ ही जगहों में रहते थे। सो, अगर व्यक्ति अपने भविष्य जानने के लिए इनके पास जाना चाहता, तो उसे बहुत ही परेशानी उठानी पड़ती और बहुत दूर तक जाना पड़ता। एक आम इंसान के लिए इन ज्योतिषियों तक पहुँचना बहुत ही मुश्किल था, क्योंकि ये इपीरस राज्य के डोडोना में टोमारस पर्वत पर और मध्य यूनान के पहाड़ी इलाकों के डॆल्फाई जैसी मुश्किल जगहों में रहते थे। इसलिए सिर्फ दौलतमंद और बड़े-बड़े अधिकारी ही ऐसी जगहों तक पहुँच सकते थे। इतना ही नहीं, “ईश्वरों की मर्ज़ी” साल के बस कुछ ही दिनों में जानी जा सकती थी। इसके बिलकुल विपरीत, यहोवा परमेश्वर ने अपने भविष्यवक्ताओं को सीधे लोगों के पास भेजा, ताकि वे उन्हें ज़रूरी भविष्यवाणियाँ सुनाएँ। मिसाल के तौर पर, जब यहूदी लोग बाबुल की गुलामी में थे, उस दौरान यहोवा के कम-से-कम तीन भविष्यवक्ता उसके लोगों में मौजूद थे। भविष्यवक्ता यिर्मयाह यरूशलेम में था, यहेजकेल गुलाम यहूदियों के साथ था और दानिय्येल बाबुल की राजधानी में था।—यिर्मयाह १:१, २; यहेजकेल १:१; दानिय्येल २:४८.
पुजारिन आम तौर पर अपनी भविष्यवाणियाँ अकेले में सुनाती थी, ताकि सुननेवाला व्यक्ति अपनी मर्ज़ी के मुताबिक इनका मतलब निकाल सके। इसके विपरीत, बाइबल की भविष्यवाणियाँ अकेले में नहीं बल्कि लोगों की मौजूदगी में दी जाती थीं, ताकि सभी लोग उन्हें सुन सकें और उनका मतलब समझ सकें। भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने कई बार यरूशलेम के शहर में काफी लोगों के सामने भविष्यवाणियाँ कीं, हालाँकि वह जानता था कि वहाँ के अधिकारियों को और लोगों को उसकी भविष्यवाणियाँ पसंद नहीं आएँगी।—यिर्मयाह ७:१, २.
यूनान के उन ज्योतिषियों की भविष्यवाणियाँ आज इतिहास के पन्नों में दफन हो चुकी हैं। उनका आज के कठिन समयों में जीनेवाले लोगों के लिए कोई फायदा नहीं है। उन ज्योतिषियों की आज ऐसी कोई भी भविष्यवाणी नहीं है जो हमसे या हमारे भविष्य से ताल्लुक रखती हो। लेकिन, इसके बिलकुल विपरीत, बाइबल की भविष्यवाणियाँ ‘परमेश्वर के वचन’ का भाग हैं जो “जीवित, और प्रबल” है। (इब्रानियों ४:१२) बाइबल की जो भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं, वे दिखाती हैं कि यहोवा ने हमेशा से किस तरह लोगों के साथ व्यवहार किया है। और बाइबल उसके उद्देश्यों और उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ ज़रूरी जानकारी देती है। इसके अलावा, बाइबल में ऐसी भी महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणियाँ हैं जो जल्द ही पूरी होंगी। भविष्य में होनेवाली इन्हीं घटनाओं के बारे में प्रेरित पतरस ने लिखा: “हम एक नए आकाश [मसीहा के स्वर्गीय राज्य] और नई पृथ्वी [धर्मी लोगों] की आस देखते हैं जिन में धार्मिकता बास करेगी।”—२ पतरस ३:१३.
बाइबल की भविष्यवाणियों और झूठे धर्मों के पुजारियों के द्वारा की गई भविष्यवाणियों के बीच ज़मीन आसमान का फरक देखकर, आप सचमुच वही कहना चाहेंगे जो पुस्तक, द ग्रेट आइडियाज़ में लिखा है: “जहाँ तक भविष्य को जानने का सवाल है, इस मामले में इब्रानी भविष्यवक्ताओं का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। दूसरे धर्मों के ज्योतिषियों की तरह . . . इन भविष्यवक्ताओं को परमेश्वर की गुप्त बातों को जानने के लिए कोई तंत्र-मंत्र या चालबाज़ी नहीं करनी पड़ती थी। . . . ज्योतिषियों की भविष्यवाणियों के विपरीत, उनकी ज़्यादातर भविष्यवाणियों के मतलब स्पष्ट होते हैं। उनके इरादे से यही पता चलता है कि वे परमेश्वर की योजनाओं को छिपाना नहीं चाहते, मगर उसे ज़ाहिर करना चाहते हैं, क्योंकि परमेश्वर खुद चाहता है कि मनुष्य जान ले कि भविष्य में क्या होनेवाला है।”
क्या आप बाइबल की भविष्यवाणी पर भरोसा करेंगे?
आप बाइबल की भविष्यवाणी पर भरोसा कर सकते हैं। देखा जाए, तो असल में आपकी ज़िंदगी यहोवा पर और उसकी भविष्यवाणियों के पूरा होने पर निर्भर करती है। बाइबल में सिर्फ ऐसी भविष्यवाणियाँ नहीं लिखी हैं जो पूरी हो चुकी हैं, बल्कि इसमें ऐसी कई भविष्यवाणियाँ भी लिखी हैं जो अब पूरी हो रही हैं या जल्द ही पूरी होनेवाली हैं। सो, बीते समय में बाइबल की जो भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए हम पूरा विश्वास रख सकते हैं कि उसमें लिखी बाकी भविष्यवाणियाँ भी पूरी होंगी। और क्योंकि ये भविष्यवाणियाँ हमारे समय के और हमारे भविष्य के बारे में हैं, इसी लिए हमें इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए।
ऐसी ही एक भविष्यवाणी बाइबल में यशायाह २:२, ३ में दी गयी है, जिस पर आप पूरा भरोसा रख सकते हैं: ‘अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर जाएं; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।’ आज यह भविष्यवाणी पूरी हो रही है क्योंकि लाखों लोग यहोवा की उपासना को कबूल कर रहे हैं और उसके पथों पर चलना सीख रहे हैं। सो, क्या आप भी परमेश्वर के पथों के बारे में ज़्यादा सीखना चाहते हैं, साथ ही उसके और उसके उद्देश्यों के बारे में सही-सही ज्ञान लेना चाहते हैं, ताकि उसके पथों पर चल सकें?—यूहन्ना १७:३.
बाइबल की एक और भविष्यवाणी है जो हमें फौरन कुछ करने के लिए कहती है। हमारे भविष्य के बारे में भजनहार ने गीत में एक बात कही: “कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; . . . थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं।” (भजन ३७:९, १०) आपके हिसाब से हमें क्या करने की ज़रूरत है ताकि हम इन दुष्ट लोगों के साथ और बाइबल की भविष्यवाणियों का मज़ाक उड़ानेवालों के साथ नष्ट न हो जाएँ? उसी भजन में इसका जवाब दिया गया है: “जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” (भजन ३७:९) यहोवा की बाट जोहने या उस पर आशा रखने का मतलब है उसके वादों पर पूरा-पूरा भरोसा रखना और उसके सिद्धांतों को अपनी ज़िंदगी में अमल में लाना।—नीतिवचन २:२१, २२.
उस समय ज़िंदगी कैसी होगी जब यहोवा की बाट जोहनेवाले पृथ्वी के अधिकारी होंगे? एक बार फिर बाइबल की भविष्यवाणी बताती है कि परमेश्वर के वफादार लोगों का भविष्य बहुत ही शानदार होगा। इसके बारे में भविष्यवक्ता यशायाह ने लिखा: “तब अन्धों की आंखें खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़िया भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरुभूमि में नदियां बहने लगेंगी।” (यशायाह ३५:५, ६) प्रेरित यूहन्ना ने भी इसके बारे में लिखा: “वह [यहोवा] उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। और जो सिंहासन पर बैठा था, उस ने कहा, . . . कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।”—प्रकाशितवाक्य २१:४, ५.
यहोवा के साक्षी मानते हैं कि बाइबल एक ऐसी पुस्तक है जिसकी भविष्यवाणियों पर पूरा भरोसा किया जा सकता है। और वे प्रेरित पतरस की बात को भी पूरे दिल से कबूल करते हैं: “हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा और तुम यह अच्छा करते हो जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।” (२ पतरस १:१९) हमें पूरी उम्मीद है कि शानदार भविष्य के बारे में की गई बाइबल की भविष्यवाणी जानकर आपके दिल को सुकून मिलेगा!
[पेज 6 पर बक्स/तसवीरें]
डॆल्फाई के ज्योतिषी
पुराने ज़माने के यूनान में सबसे ज़्यादा मशहूर थे।
[तसवीरें]
पुजारिन इस तिपाई पर बैठकर भविष्यवाणियाँ सुनाया करती थी
नशीले धुँए का कश लेकर पुजारिन मदहोश हो जाती थी माना जाता है कि अपोलो देवता उसके द्वारा भविष्यवाणियाँ करता था
[चित्रों का श्रेय]
Tripod: From the book Dictionary of Greek and Roman Antiquities; Apollo: The Complete Encyclopedia of Illustration/J. G. Heck
[पेज 7 पर तसवीर]
डॆल्फाई की भविष्यवाणियों पर बिलकुल भी यकीन नहीं किया जा सकता था
[चित्र का श्रेय]
Delphi, Greece
[पेज 8 पर तसवीर]
नए संसार के बारे में बाइबल की भविष्यवाणी पर आप पूरा यकीन रख सकते हैं