परमेश्वर के वचन से मुहब्बत करनेवालों के लिए एक खास अवसर
परमेश्वर के वचन से मुहब्बत करनेवालों के लिए १९९८ एक खास साल था। क्योंकि उस साल, “न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द होली स्क्रिप्चर्स” का १० करोड़वीं कॉपी छपी। तब से बाकी बाइबलों की तुलना में, यह एक ऐसी बाइबल है जिसे इस सदी में सबसे ज़्यादा वितरित किया गया है!
यह बहुत ही अनोखी बात है क्योंकि जब यह अनुवाद रिलीज़ हुआ था तब इसकी काफी निंदा की गयी थी। इसके बावजूद, यह बाइबल सब कुछ झेलते हुए न सिर्फ टिकी रही बल्कि इसका इस्तेमाल बढ़ता गया। यह पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों के घरों और दिलों में जा बसी! यह अनुवाद क्यों किया गया और इसकी खासियत क्या है? इसके पीछे किसका हाथ है? और इसे इस्तेमाल करने से आपको क्या फायदा हो सकता है?
नए अनुवाद की ज़रूरत क्यों पड़ी?
सौ से भी ज़्यादा सालों से यहोवा के साक्षी जिस कानूनी ऐजन्सी का इस्तेमाल करते हैं, यानी वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी, उसने बाइबलें वितरित की हैं। मगर यहोवा के साक्षियों को परमेश्वर के वचन का एक नया अनुवाद करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? साकाइ कुबो और वोलटर स्पेक्ट द्वारा लिखी किताब इतने सारे अनुवाद? (अंग्रेज़ी) कहती है: “बाइबल के किसी भी अनुवाद को आखिरी और सबसे बढ़िया अनुवाद नहीं समझा जा सकता। क्योंकि जो भी अनुवाद किया जाता है उसमें बाइबल के विद्वानों द्वारा पायी गई नयी जानकारी और भाषा में होनेवाले बदलाव के मुताबिक परिवर्तन किया जाना चाहिए।”
इस सदी में इब्रानी, यूनानी और अरामी भाषाओं की समझ काफी बढ़ी है। शुरू में बाइबल को इन्हीं तीन भाषाओं में लिखा गया था। साथ ही, पिछली पीढ़ियों के बाइबल अनुवादकों ने जो बाइबल की हस्तलिपियाँ इस्तेमाल की थीं, आज हमें उनसे भी पुरानी और सही हस्तलिपियाँ मिली हैं। इनकी मदद से अब परमेश्वर के वचन का पहले से भी कहीं ज़्यादा सही-सही अनुवाद किया जा सकता है। सो, इन्हीं नेक इरादों के साथ न्यू वर्ल्ड बाइबल ट्रांस्लेशन कमीटी बनायी गयी ताकि वह आज की आम भाषाओं में बाइबल का अनुवाद करने का काम सँभाले।
सन् १९५० में, अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद की गयी न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द क्रिस्चियन ग्रीक स्क्रिप्चर्स प्रकाशित हुई। इसके शीर्षक से ही ज़ाहिर होता है कि इस अनुवाद ने लीक से हटकर एक नया कदम उठाने का साहस किया, क्योंकि इस अनुवाद में बाइबल को “पुराना” और “नया” नियम कहकर दो भागों में विभाजित नहीं किया गया। अगले दस सालों के दौरान, इब्रानी शास्त्र के कुछ भागों को भी थोड़ा-थोड़ा करके प्रकाशित किया गया। और सन् १९६१ में अंग्रेज़ी भाषा में पूरी बाइबल, एक खंड के रूप में रिलीज़ की गयी।
मगर इस अनोखी बाइबल का अनुवाद किसने किया? सितंबर १५, १९५० की अंग्रेज़ी प्रहरीदुर्ग में लिखा गया था: “जो लोग ट्रांस्लेशन कमीटी में थे, उन्होंने अपनी इच्छा ज़ाहिर की है कि . . . उनके नाम गुप्त रखे जाएँ। वे खासकर यह नहीं चाहते कि उनके नाम, उनके जीते-जी या फिर उनकी मौत के बाद छापे जाएँ। क्योंकि इस अनुवाद का मकसद है जीवित और सच्चे परमेश्वर के नाम को महिमा देना।” कुछ विरोधियों ने यह इलज़ाम लगाया कि यह नौसिखियों का अनुवाद है और इसलिए इसे तुरंत खारिज कर देना चाहिए। मगर सभी लोगों ने ऐसा नहीं सोचा। एलॆन एस. डॆथी लिखता है: “अगर हम यह जान भी लेते हैं कि किसी खास बाइबल अनुवाद के अनुवादक या प्रकाशक कौन हैं, तो क्या इससे हम सीधे-सीधे यह फैसला कर पाएँगे कि यह अनुवाद अच्छा है या बुरा? शायद नहीं। क्योंकि जब तक हम खुद किसी अनुवाद की जाँच नहीं कर लेते, तब तक हम यह पता नहीं लगा सकते कि वह अच्छा है या बुरा।”a
खासियतें
करोड़ों लोगों ने यही किया और पाया है कि न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन न केवल पढ़ने में आसान है बल्कि इसका अनुवाद हर बारीकी को ध्यान में रखते हुए सही-सही किया गया है। अनुवाद करनेवालों ने मूल इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं से इसका अनुवाद किया है और इसके लिए उन्होंने सबसे बढ़िया मूल हस्तलिपियों का इस्तेमाल किया है।b इस बात में भी बहुत ज़्यादा सावधानी बरती गयी कि उस मूल-पाठ का अनुवाद जितना हो सके, उतना शाब्दिक रूप से किया जाए, मगर ऐसी भाषा में जो आसानी से समझ में आए। और ऐसा ही किया गया। कुछ विद्वानों ने तारीफ करते हुए कहा कि इस अनुवाद में कोई खोट नहीं है और यह बिलकुल सही है। मिसाल के तौर पर, जनवरी १९६३ का एन्डोवर न्यूटन क्वाटर्ली ने कहा: “नये नियम का अनुवाद इस बात का सबूत है कि यहोवा के साक्षियों में भी ऐसे विद्वान हैं जो बाइबल का अनुवाद करते वक्त आम तौर पर उठनेवाली समस्याओं को अक्लमंदी से सुलझाने के काबिल हैं।”
इन अनुवादकों की वज़ह से बाइबल को समझना अब बहुत आसान हो गया। बाइबल के जो पाठ पहले ठीक-ठीक समझ में नहीं आते थे, वे अब बहुत ही साफ-साफ समझ आते हैं। मसलन, मत्ती ५:३ में दिया गया उलझानेवाला पाठ, “धन्य हैं वे, जो आत्मा में कमज़ोर हैं,” (किंग जेम्स वर्शन) का न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन में इस तरह अनुवाद किया गया है: “खुश हैं वे जो अपनी आध्यात्मिक ज़रूरतों के प्रति सचेत हैं,” जिसे हम आसानी से समझ सकते हैं। मुख्य-मुख्य शब्दों का अनुवाद करते वक्त भी न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन बहुत ही संगत है। मिसाल के तौर पर यूनानी शब्द प्सीकी को लीजिए जिसके लिए हर जगह अंग्रेज़ी शब्द ‘सोल’ इस्तेमाल किया गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि जब कोई व्यक्ति पूरी बाइबल पढ़ता है और हर जगह इसी शब्द को पाता है, तो वह बहुत जल्दी यह समझ जाता है कि ‘सोल’ अमर नहीं है, जैसा कि उन्हें सिखाया गया है।—मत्ती २:२०; मरकुस ३:४; लूका ६:९; १७:३३.
परमेश्वर के नाम को वापस डालना
न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन की एक खासियत यह है कि इसमें परमेश्वर का नाम, जेहोवा (हिंदी में यहोवा) वापस डाल दिया गया। इब्रानी बाइबल की पुरानी कॉपियों में, परमेश्वर का नाम चार व्यंजनों के द्वारा लिखा गया है जो अंग्रेज़ी में, YHWH या JHVH (हिंदी भाषा में य,ह,व,ह) व्यंजनों से लिखा जाता है। यह विशेष नाम बाइबल के पुराने नियम कहलाए जानेवाले भाग में ही करीबन ७,००० बार आता है। (निर्गमन ३:१५; भजन ८३:१८) इससे साफ ज़ाहिर होता है कि सृष्टिकर्ता चाहता था कि उसकी उपासना करनेवाले लोग उसका नाम जानें और उसका इस्तेमाल भी करें!
मगर अंधविश्वास और डर की वज़ह से यहूदी लोगों ने परमेश्वर का नाम लेना ही बंद कर दिया। यीशु के प्रेरितों की मौत के बाद, यूनानी शास्त्र की नकल उतारनेवाले लोग परमेश्वर के नाम को हटाकर, यूनानी शब्द काइरिऑस (प्रभु) या थिऑस (परमेश्वर) डालने लगे। अफसोस की बात है कि आज के अनुवादक उसी रीत पर चलते हैं और उन्होंने ज़्यादातर बाइबलों से परमेश्वर का नाम हटा दिया। इससे परमेश्वर को उचित सम्मान नहीं मिलता। यहाँ तक कि उन्होंने इस बात को ही छिपा दिया कि परमेश्वर का कोई नाम भी है। मसलन, उन्होंने यूहन्ना १७:६ में कहे गए यीशु के इन शब्दों का: ‘मैं ने तेरा नाम प्रगट किया’ है, टुडेस इंग्लिश वर्शन में इस तरह अनुवाद किया है: “मैं ने तुझे प्रगट किया है।”
कुछ विद्वान परमेश्वर के नाम को हटा देने के पक्ष में हैं क्योंकि इस नाम का सही उच्चारण लोगों को मालूम नहीं। मगर बाइबल के दूसरे जाने-माने नाम जैसे कि जरिमाया, आइज़ाया और जीसस (हिंदी में यिर्मयाह, यशायाह और यीशु) का उच्चारण, मूल इब्रानी भाषा के उच्चारण से बहुत ही अलग है, पर फिर भी इनके इसी उच्चारण को वे स्वीकार करते हैं। और चूँकि परमेश्वर के नाम का अनुवाद अंग्रेज़ी में ‘जेहोवा’ किया गया है जो एक उचित तरीका है, साथ ही लोग इस नाम से वाकिफ भी हैं, इसलिए इसके इस्तेमाल के खिलाफ उठायी गयी आपत्तियाँ बेबुनियाद हैं।
न्यू वर्ल्ड बाइबल ट्रांस्लेशन कमीटी ने साहस के साथ, बाइबल के इब्रानी और यूनानी भागों में जेहोवा का नाम फिर से इस्तेमाल किया। इस संबंध में वे पुराने ज़माने के मिशनरियों द्वारा किए गए अनुवाद की मिसाल पर चले, जिन्होंने केंद्रीय अमरीका, दक्षिण पैसॆफिक, और पूर्वी देशों के लोगों के लिए अनुवाद किया था। मगर इस तरह परमेश्वर का नाम इस्तेमाल करने का मकसद महज़ नयी जानकारी देना नहीं था। क्योंकि परमेश्वर को अच्छी तरह जानने के लिए यह ज़रूरी है कि हम उसका नाम जानें। (निर्गमन ३४:६, ७) न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन बाइबल ने परमेश्वर का नाम इस्तेमाल करने के लिए लाखों लोगों का हौसला बढ़ाया है!
अंग्रेज़ी न जाननेवाले लोगों तक पहुँचना
सन् १९६३ और १९८९ के बीच, पूरा न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन या उसका कुछ भाग दस और भाषाओं में अनुवाद किया गया। मगर, अनुवाद करने का काम बहुत ही मेहनत का काम था। कुछ भाषाओं में, इसे अनुवाद करने में २० या उससे ज़्यादा साल लग गए। उसके बाद सन् १९८९ में यहोवा के साक्षियों के वर्ल्ड हैडक्वार्टर में, ट्रांस्लेशन सर्विसस डिपार्टमेंट शुरू हुआ। शासी निकाय की राइटिंग कमीटी के निर्देशन में, यह डिपार्टमेंट बाइबल अनुवाद के काम में तेज़ी लाने में जुट गया। अनुवाद करने का एक नया तरीका शुरू किया गया जिसमें कंप्यूटर टॆक्नॉलॉजी के साथ-साथ बाइबल के शब्दों का अध्ययन शामिल था। यह सिस्टम कैसे काम करता है?
एक बार जब राइटिंग कमीटी से किसी नयी भाषा में बाइबल का अनुवाद करने की अनुमति मिलती है, तब यह कमीटी समर्पित मसीहियों की एक टीम को अनुवाद करने के लिए नियुक्त करती है। जब टीम मिलकर अनुवाद करती है तो एक बेहतर और अच्छा अनुवाद होता है जबकि अकेले व्यक्ति के लिए ऐसा करना मुश्किल है। (नीतिवचन ११:१४ से तुलना कीजिए।) आम तौर पर, इस टीम के हर सदस्य को संस्था के प्रकाशनों का अनुवाद करने का अनुभव होता है। टीम को बाइबल अनुवाद के सिद्धांतों के बारे में और खास तौर पर इस काम के लिए तैयार किए गए कंप्यूटर प्रोग्राम को इस्तेमाल करने के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। कोई भी कंप्यूटर अनुवाद नहीं करता, मगर वह टीम को अनुवाद करने के लिए ज़रूरी जानकारी देता है और टीम जो भी काम करती है उसका रिकॉर्ड रखता है।
बाइबल का अनुवाद करने के दो स्टेज होते हैं। पहले स्टेज में, अनुवादकों को ऐसे शब्दों और कथनों की एक सूची दी जाती है जो अंग्रेज़ी न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन में इस्तेमाल हुए हैं। इस सूची में अंग्रेज़ी के मिलते-जुलते शब्दों को, जैसे “atone,” “atonement,” और “propitiation” एक साथ रखा जाता है। इससे अनुवादकों को इन शब्दों के मतलब में जो हलका फरक है, उसे जानने में मदद मिलती है। वे अपनी भाषा में इन शब्दों के बराबर का अर्थ ढूँढ़कर इकट्ठा करते हैं। मगर कभी-कभी अनुवादक को किसी आयत में इन शब्दों का अनुवाद करने में कठिनाई हो सकती है। तब कंप्यूटर रिसर्च सिस्टम की मदद से अनुवादक, यूनानी और इब्रानी शब्दों के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है और वॉच टावर संस्था के दूसरे प्रकाशन भी इस्तेमाल कर सकता है।
जब इस प्रॉजॆक्ट का दूसरा स्टेज शुरू होता है, तब अंग्रेज़ी शब्दों के लिए पहले से चुने गए अपनी भाषा के शब्दों को, कंप्यूटर सिस्टम की मदद से बाइबल पाठ में डाल दिया जाता है। इससे अनुवाद काफी हद तक सही होता है और काफी हद तक अंग्रेज़ी के एक शब्द का अनुवाद करने के लिए अनुवाद की भाषा का एक ही शब्द इस्तेमाल किया जाता है। मगर, कंप्यूटर के “सर्च एण्ड रिप्लेस” सिस्टम द्वारा किया गया यह काम पढ़ने में अटपटा लगता है। सो, बाइबल की आयतों को ठीक से लिखने और वाक्य बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है ताकि आयतों को पढ़ना और समझना आसान हो जाए।
अनुवाद करने का यह सिस्टम काफी मददगार साबित हुआ है। एक टीम ने तो पूरे इब्रानी शास्त्र का अनुवाद बस दो साल में कर दिया। दूसरी तरफ, एक और टीम को बिना कंप्यूटर की मदद से, इससे मिलती-जुलती भाषा में बाइबल का अनुवाद करने में १६ साल लग गए। सन् १९८९ से आज तक, और १८ भाषाओं में मसीही यूनानी शास्त्र का अनुवाद किया जा चुका है। पूरा न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन या इसके कुछ भाग, अब ३४ भाषाओं में मिलते हैं। इस कारण, तकरीबन ८० प्रतिशत यहोवा के साक्षियों के पास अपनी भाषा में कम-से-कम मसीही यूनानी शास्त्र ज़रूर है।
द यूनाइटॆड बाइबल सोसाइटीस रिपोर्ट करती है कि दुनिया की ६,५०० भाषाओं में से सिर्फ २,२१२c भाषाओं में ही बाइबल के कुछ भाग उपलब्ध हैं। इसलिए, लगभग १०० अनुवादक न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन के इब्रानी शास्त्र को ११ और यूनानी शास्त्र को ८ भाषाओं में अनुवाद कर रहे हैं। और परमेश्वर चाहता भी है “कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।” (१ तीमुथियुस २:४) इसमें कोई शक नहीं कि ऐसा करने में न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन का बहुत बड़ा हाथ रहेगा।
इसलिए हमें इस बात से खुशी होती है कि इस अनुवाद की करीब १० करोड़ कॉपियाँ छप चुकी हैं जो वाकई एक बहुत बड़ी कामयाबी है और हमें उम्मीद है कि आगे भी इसकी करोड़ों कॉपियाँ और छपेंगी। हम आपसे यह गुज़ारिश करते हैं कि आप खुद इसकी जाँच करके देखिए। आपकी सुविधा के लिए इसमें ढेर सारी खासियतें हैं: इसकी प्रिंट साफ है, हर पेज पर शीर्षक है, जानी-मानी आयतों को ढूँढ़ निकालने के लिए इंडॆक्स है, बढ़िया नक्शे हैं, और दिलचस्प परिशिष्ट या एपॆंडिक्स है। और सबसे ज़रूरी बात, आप पूरे भरोसे के साथ इस बाइबल को पढ़ सकते हैं क्योंकि यह आपकी अपनी भाषा में परमेश्वर की बातों को सही-सही बतलाता है।
[फुटनोट]
a दिलचस्पी की बात है, न्यू अमेरिकन स्टैंडर्ड बाइबल के १९७१ रिफ्रेंस एडिशन के ऊपरी कवर पर कुछ ऐसा ही लिखा था: “हमने बाइबल का वितरण बढ़ाने के लिए किसी विद्वान का नाम नहीं दिया है क्योंकि हमारा विश्वास है कि परमेश्वर के वचन को लोगों तक पहुँचने के लिए किसी विद्वान के नाम की ज़रूरत नहीं।”
b वेस्कोट और होर्ट की द न्यू टेस्टामेंट इन दी ओरिजिनल ग्रीक ने मूल यूनानी पाठ का काम किया। आर. किट्टॆल की बिबलिया हेब्राइका ने इब्रानी शास्त्र के लिए मूल पाठ का काम किया।
c क्योंकि काफी लोगों को एक से ज़्यादा भाषाएँ आती हैं, सो यह माना जाता है कि पूरी बाइबल या इसके कुछ भाग इतनी भाषा में छप चुके हैं कि दुनिया की आबादी के ९० प्रतिशत लोग इसे पढ़ सकते हैं।
[पेज 29 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“नये नियम का अनुवाद इस बात का सबूत है कि यहोवा के साक्षियों में भी ऐसे विद्वान हैं जो बाइबल का अनुवाद करते वक्त आम तौर पर उठनेवाली समस्याओं को अक्लमंदी से सुलझाने के काबिल हैं।”—एन्डोवर न्यूटन क्वाटर्ली, जनवरी १९६३
[पेज 30 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“जो भी अनुवाद किया जाता है उसमें बाइबल के विद्वानों द्वारा पायी गई नयी जानकारी और भाषा में होनेवाले बदलाव के मुताबिक परिवर्तन किया जाना चाहिए।”
[पेज 31 पर बक्स/तसवीर]
विद्वान न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन की तारीफ करते हैं
एन अमेरिकन ट्रांस्लेशन बाइबल के “नये नियम” के अनुवादक, एड्गर जे. गुडस्पीड ने दिसंबर ८, १९५० को लिखे अपने पत्र में न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द क्रिस्चियन ग्रीक स्क्रिप्चर्स के बारे में कहा: “मुझे आप लोगों के धार्मिक संगठन का काम, जो दुनिया भर में फैला है, पसंद है। और आपका सहज, सच्चा, और सुस्पष्ट अनुवाद पढ़कर भी मुझे बहुत खुशी हुई। इससे मुझे यह साफ दिखता है कि इसे अनुवाद करने से पहले काफी अध्ययन किया गया है।”
इब्रानी और यूनानी भाषा के विद्वान एलॆक्ज़ैन्डर थॉमसन ने लिखा: “अनुवाद से साफ पता चलता है कि यह बहुत ही कुशल और बुद्धिमान विद्वानों का काम है क्योंकि जो अर्थ यूनानी भाषा में व्यक्त हुआ है, वही अर्थ अंग्रेज़ी भाषा में जितना दिया जा सकता है उतना देने की पूरी कोशिश की गयी है।”—द डिफरॆनशिएटर, अप्रैल १९५२, पेज ५२-७.
इस्राएल में इब्रानी भाषा के विद्वान, प्रॉफॆसर बेनजॆमिन कॆदार ने १९८९ में कहा: “इब्रानी बाइबल और उसके अनुवादों के संबंध में, जब मैं भाषाओं पर रिसर्च करता हूँ, तो मैं अकसर न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन का अंग्रेज़ी संस्करण देखता हूँ। ऐसा करते वक्त, हर बार मेरा ये यकीन बढ़ता जाता है कि इसके अनुवाद में सच्चे दिल से मेहनत की गयी है ताकि इसमें मूल-पाठ का सही-सही अर्थ डालने की पूरी-पूरी कोशिश की जाए।”