वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w01 11/1 पेज 4-7
  • अपने विवेक की रक्षा कीजिए

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • अपने विवेक की रक्षा कीजिए
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2001
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • झूठा धर्म विवेक को भ्रष्ट करता है
  • सही मनोरंजन का चुनाव करना
  • संगति का आपके विवेक पर असर पड़ता है
  • अपने विवेक की हिफाज़त कीजिए
  • क्या आपके विवेक ने अच्छी तालीम पायी है?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
  • परमेश्‍वर की नज़र में साफ ज़मीर
    परमेश्‍वर के प्यार के लायक बने रहिए
  • अपना ज़मीर साफ बनाए रखें—कैसे?
    “खुद को परमेश्‍वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
  • अपने अंदर की आवाज़ सुनिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2007
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2001
w01 11/1 पेज 4-7

अपने विवेक की रक्षा कीजिए

क्या आप एक ऐसे हवाई जहाज़ में सफर करना चाहेंगे जिसके कंप्यूटर में गलत प्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया हो? बिलकुल नहीं, ऐसे ख्याल से ही हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। या फिर, सोचिए तब क्या होगा अगर किसी ने विमान के कंप्यूटर में सही दिशा दिखानेवाले प्रोग्राम के साथ छेड़-छाड़ की हो या जानबूझकर उसमें गलत जानकारी रिकॉर्ड की हो? उसी तरह लाक्षणिक तौर पर कोई हमारे विवेक के साथ ऐसी ही छेड़-छाड़ करने की कोशिश कर रहा है। उसने हमारी नैतिक मार्गदर्शन देनेवाली व्यवस्था को तोड़ने की ठान ली है। उसका सिर्फ एक ही मकसद है कि हमें परमेश्‍वर के खिलाफ करके हमारी बरबादी का तमाशा देखे!—अय्यूब 2:2-5; यूहन्‍ना 8:44.

आखिर तबाही मचानेवाला यह बेरहम कौन है? बाइबल कहती है कि यह “वही पुराना सांप [है], जो इब्‌लीस और शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमानेवाला है।” (तिरछे टाइप हमारे।) (प्रकाशितवाक्य 12:9) अदन के बाग में उसने खोखली दलीलों के बल पर हव्वा को फुसलाया, जिससे वह परमेश्‍वर के खिलाफ हो गयी और जो सही था उसे ठुकरा दिया। (उत्पत्ति 3:1-6,16-19) तब से शैतान ने ऐसे कई बड़े-बड़े संगठनों की ईजाद की है जो लोगों को धोखे में रखकर परमेश्‍वर के खिलाफ ले जा रहे हैं। और इन संगठनों में झूठा धर्म सबसे आगे है।—2 कुरिन्थियों 11:14,15.

झूठा धर्म विवेक को भ्रष्ट करता है

बाइबल की प्रकाशितवाक्य की किताब के मुताबिक झूठा धर्म, एक लाक्षणिक वेश्‍या है जिसे बड़ा बाबुल कहा गया है। उसकी शिक्षाओं की वजह से ज़्यादातर लोगों में, अच्छे-बुरे के बीच फर्क करने की समझ ही खत्म हो गयी है। ये लोग ऐसे इंसानों से नफरत करते हैं, यहाँ तक कि उन्हें मारने पर भी उतारू हो जाते हैं जिनका विश्‍वास उनसे अलग है। दरअसल, प्रकाशितवाक्य में परमेश्‍वर खासकर झूठे धर्म को दोषी ठहराता है क्योंकि उसने “पृथ्वी पर सब घात किए हुओं” का, साथ ही परमेश्‍वर के उपासकों का भी खून बहाया है।—प्रकाशितवाक्य 17:1-6; 18:3,24.

झूठा धर्म किस हद तक लोगों के नैतिक आदर्शों को बिगाड़ देगा, इस बारे में यीशु ने अपने चेलों को खबरदार किया: “वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा वह समझेगा कि मैं परमेश्‍वर की सेवा करता हूं।” सचमुच, इस तरह का खून-खराबा करनेवाले लोग नैतिक आदर्शों से कितनी दूर चले गए हैं! यीशु ने कहा: “उन्होंने न तो पिता को जाना और न मुझे।” (तिरछे टाइप हमारे।) (यूहन्‍ना 16:2,3, NHT) इन शब्दों को कहने के थोड़े समय बाद ही, कुछ धार्मिक अगुवों के भड़काने पर यीशु को मार डाला गया और इस पाप को उन्होंने अपने विवेक के सामने सही ठहराया। (यूहन्‍ना 11:47-50) यीशु ने बताया कि उसके चेले इन लोगों से कितने अलग होंगे क्योंकि उनका आपसी प्रेम ही इस बात की निशानी होगा कि वे यीशु के सच्चे चेले हैं। और यह प्रेम वे सिर्फ अपने भाइयों तक ही सीमित नहीं रखते बल्कि वे अपने दुश्‍मनों से भी प्रेम करते हैं।—मत्ती 5:44-48; यूहन्‍ना 13:35.

झूठे धर्म ने एक और तरीके से भी कइयों का विवेक भ्रष्ट किया है। इसने ऐसी नैतिकता को, या दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी अनैतिकता को बढ़ावा दिया है जिसे ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग पसंद करते हैं। इस बारे में प्रेरित पौलुस ने भविष्यवाणी की थी: “ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।”—2 तीमुथियुस 4:3.

आजकल धर्म के अगुवे, लोगों को वही बातें सुनाते हैं जो उन्हें सुनना पसंद हैं जैसे कि शादी के बगैर लैंगिक संबंध रखना परमेश्‍वर के खिलाफ पाप नहीं है। कुछ और का मानना है कि समलैंगिकता में कोई बुराई नहीं है। यहाँ तक कि कुछ पादरी खुद समलिंगी हैं। ब्रिटेन के अखबार, द टाइम्स के एक लेख ने बताया कि “तेरह जाने-माने समलिंगी पादरियों” को चर्च ऑफ इंग्लैंड के प्रधान धर्मसभा में चुना गया है। जब खुद पादरियों ने नैतिकता के मामले में बाइबल के आदर्शों को ताक पर रख दिया है और उनका चर्च उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता तो उनके चर्च आनेवालों की नैतिकता के बारे में क्या कहा जा सकता है? तभी तो इसमें कोई ताज्जुब की बात नहीं कि करोड़ों लोग उलझन में फँसे हुए हैं।

इससे कहीं बेहतर है कि हम बाइबल के आदर्शों और आध्यात्मिक सच्चाइयों पर चलें जो हमें संकेत-दीप की तरह सही राह दिखाते हैं! (भजन 43:3; यूहन्‍ना 17:17) उदाहरण के लिए, बाइबल सिखाती है कि न तो वेश्‍यागामी और न परस्त्रीगामी ‘परमेश्‍वर के राज्य के वारिस होंगे।’ (1 कुरिन्थियों 6:9,10) बाइबल यह भी बताती है कि जो स्त्री-पुरुष ‘स्वाभाविक व्यवहार को छोड़कर,’ ऐसे काम करते हैं ‘जो स्वभाव के विरुद्ध हैं,’ वे परमेश्‍वर की नज़र में “निर्लज्ज काम” करते हैं। (रोमियों 1:26,27,32) नैतिकता के बारे में ये सच्चाइयाँ, असिद्ध इंसानों की गढ़ी हुई बातें नहीं हैं, बल्कि ये आदर्श खुद परमेश्‍वर ने ठहराए हैं जिन्हें वह न तो कभी बदलता है और न ही कभी बदलेगा। (गलतियों 1:8; 2 तीमुथियुस 3:16) मगर शैतान के पास और भी कई तरकीबें है जिनका इस्तेमाल करके वह हमारे विवेक को भ्रष्ट करने पर लगा हुआ है।

सही मनोरंजन का चुनाव करना

किसी व्यक्‍ति से ज़बरदस्ती कोई बुरा काम करवाना एक बात है, मगर उसे ऐसा कर देना कि वह खुद बुरा काम करना चाहे, बिलकुल अलग बात है। “संसार का सरदार,” शैतान यही चाहता है। वह भोले या नासमझ लोगों को, खासकर नौजवानों के दिलो-दिमाग को अपने गिरे हुए सोच-विचारों से दूषित करना चाहता है। इसके लिए वह कई रास्ते इख्तियार करता है जैसे गलत किस्म के साहित्य, सिनेमा, संगीत, कंप्यूटर गेम्स, और इंटरनॆट पर पोर्नोग्राफी की साइट्‌स।—यूहन्‍ना 14:30; इफिसियों 2:2.

पीडिएट्रिक्स नाम की एक पत्रिका ने यह रिपोर्ट दी: “[अमरीका] के नौजवान साल-भर में टीवी पर लगभग 10,000 हिंसा की वारदातें देखते हैं और यह हिंसा सबसे ज़्यादा बच्चों के कार्यक्रमों में देखने को मिलती है।” इस रिपोर्ट के मुताबिक “हर साल, नौजवान करीब 15,000 ऐसे दृश्‍य देखते हैं जिनमें अश्‍लीलता साफ तौर पर दिखायी जाती है या उसका ज़िक्र होता है और गंदा मज़ाक किया जाता है।” इतना ही नहीं, प्राइम-टाइम में जब ज़्यादा लोग टीवी देखते हैं, रिपोर्ट कहती है कि उस समय “लैंगिक किस्म के दृश्‍य घंटे-भर में 8 से भी ज़्यादा बार दिखाए जाते हैं, और 1976 की तुलना में आज ऐसे दृश्‍य चार गुना ज़्यादा हो गए हैं।” अध्ययन से यह भी ज़ाहिर हुआ कि “गंदी बोली का इस्तेमाल अब पहले से कहीं ज़्यादा किया जा रहा है।” लेकिन बाइबल और ढेरों वैज्ञानिक अध्ययन यह चेतावनी देते हैं कि अगर एक व्यक्‍ति नियमित तौर पर इस तरह की जानकारी को अपने दिमाग में भरे तो एक बेहतर इंसान बनने के बजाय वह बुराई में और भी डूब जाएगा। इसलिए अगर आप वाकई परमेश्‍वर को खुश करना चाहते हैं और खुद को लाभ पहुँचाना चाहते हैं, तो नीतिवचन 4:23 में दी गयी सलाह को मानिए: “अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।”—यशायाह 48:17.

आजकल के ज़्यादातर लोकप्रिय संगीत से भी हमारा विवेक भ्रष्ट होता है। ऑस्ट्रेलिया के अखबार द सन्डे मेल में दी गयी एक रिपोर्ट कहती है कि एक गायक जिसके गानों ने कई पश्‍चिमी देशों में धूम मचा रखी है, दरअसल लोगों को “हिलाकर रख देने की खास कोशिश” की है। इस लेख के मुताबिक, “उसके गाने ड्रग्स, कौटुम्बिक व्यभिचार और बलात्कार जैसी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं” और वह “अपने गाने में अपनी पत्नी को मारकर उसकी लाश झील में फेंक देने की बात करता है।” इस लेख में उसके गानों के और भी बोल बताए गए थे जो इतने गंदे हैं कि उनके बारे में बात न करना ही बेहतर होगा। मगर ताज्जुब की बात है कि उसके संगीत के लिए उसे बहुत बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्या आप अपने दिलो-दिमाग में ऐसे ज़हरीले विचार भरना चाहेंगे, जिन्हें संगीत का नकाब पहनाकर आपके सामने पेश किया जाता है? हम आशा करते हैं कि आप ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा करनेवाले लोग अपने विवेक को अशुद्ध करते हैं और आगे चलकर उनका “मन दुष्ट” हो जाता है और वे परमेश्‍वर के दुश्‍मन हो जाते हैं।—इब्रानियों 3:12, NHT; मत्ती 12:33-35.

इसलिए मनोरंजन के मामले में सही चुनाव कीजिए। बाइबल आग्रह करती है: “जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरनीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सद्‌गुण और प्रशंसा की बातें हैं उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।”—फिलिप्पियों 4:8.

संगति का आपके विवेक पर असर पड़ता है

नील और फ्रांज़ जब छोटे थे तो उन्हें नेकदिल मसीहियों के साथ संगति करना अच्छा लगता था।a लेकिन, नील कहता है: “जैसे-जैसे समय बीतता गया मैं गलत सोहबत में पड़ गया।” नतीजा यह हुआ कि उसे किसी जुर्म के लिए जेल की सज़ा हो गयी, जिसका उसे बेहद अफसोस है। फ्रांज़ के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसने बड़े दुःख के साथ कहा: “मुझे लगता था कि अगर मैं दुनिया के नौजवानों के साथ मेल-जोल बढ़ा भी लूँ तो उनका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मगर गलतियों 6:7 की बात कितनी सच है, ‘परमेश्‍वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।’ अपने कड़वे अनुभव से मुझे एहसास हुआ कि यहोवा जो कहता वह कभी गलत नहीं होता, मेरी अपनी सोच ही गलत थी। मेरे अपराध के लिए अब मुझे उम्र कैद काटनी पड़ रही है।”

नील और फ्रांज़ जैसे लोग रातों-रात अपराधी नहीं बन जाते, बल्कि शुरू-शुरू में ऐसे काम करने के ख्याल से ही उन्हें घिन आती है। दरअसल एक व्यक्‍ति तबाही की ओर धीरे-धीरे बढ़ता है और उसका सबसे पहला कदम होता है बुरी संगति। (1 कुरिन्थियों 15:33) फिर अगला कदम ड्रग्स लेना या हद-से-ज़्यादा शराब पीना हो सकता है। इसलिए, विवेक के बारे में यह सही कहा गया है कि यह इंसान के “व्यक्‍तित्व का वह हिस्सा है जो शराब में बड़ी आसानी से घुलकर खत्म हो जाता है।” इस मुकाम पर पहुँचने के बाद, एक व्यक्‍ति के लिए अपराध या अनैतिकता में फँसना कोई बड़ी बात नहीं होती।

तो फिर, विनाश की ओर ले जानेवाला पहला कदम उठाया ही क्यों जाए? इसके बजाय, ऐसे समझदार लोगों की संगति कीजिए जो सचमुच परमेश्‍वर से प्यार करते हैं। आपका विवेक आपको सही राह दिखाए, इसके लिए वे इसे मज़बूत करने में आपकी पूरी मदद करेंगे, और इस तरह आप बहुत-सी तकलीफों से बच सकेंगे। (नीतिवचन 13:20) हालाँकि नील और फ्रांज़ अभी-भी जेल की सज़ा काट रहे हैं मगर अब उनकी आँखें खुल चुकी हैं और उन्हें एहसास हो गया है कि विवेक परमेश्‍वर की तरफ से एक देन है। और इसे अच्छी तरह से सिखाना चाहिए और इसकी हमेशा कदर की जानी चाहिए। इसके अलावा अब वे दोनों अपने परमेश्‍वर, यहोवा के साथ एक बढ़िया रिश्‍ता कायम करने की जी-जान से कोशिश कर रहे हैं। इसलिए समझदारी दिखाते हुए आप भी उनकी गलतियों से सीखिए।—नीतिवचन 22:3.

अपने विवेक की हिफाज़त कीजिए

जब हम अपने अंदर परमेश्‍वर के लिए प्यार और विश्‍वास बढ़ाते हैं, साथ ही उसका भय मानते हैं तो इससे ज़ाहिर होता है कि हम अपने विवेक की हिफाज़त करना चाहते हैं। (नीतिवचन 8:13; 1 यूहन्‍ना 5:3) बाइबल बताती है कि जिस व्यक्‍ति में ये गुण नहीं होते, वह नैतिक मामलों में कभी स्थिर नहीं रहता। उदाहरण के लिए, भजन 14:1 उन लोगों का ज़िक्र करता है जो अपने मन में कहते हैं: “कोई परमेश्‍वर है ही नहीं।” इस विश्‍वास की कमी से उनके व्यवहार पर कैसा असर पड़ता है? यही आयत आगे बताती है: “वे बिगड़ गए, उन्हों ने घिनौने काम किए हैं।”

परमेश्‍वर पर जिन लोगों का सच्चा विश्‍वास नहीं है, उनके पास एक अच्छे भविष्य की पक्की आशा नहीं है। इसलिए वे सिर्फ आज के लिए जीते हैं और अपने शरीर की इच्छाओं को पूरा करने में लग जाते हैं। उनका नज़रिया यह है कि “आओ, खाए-पीए, क्योंकि कल तो मर ही जाएंगे।” (1 कुरिन्थियों 15:32) लेकिन दूसरी तरफ, जिन लोगों की नज़र अनंत जीवन के इनाम पर टिकी हुई है, वे दुनिया के दो पल के सुख-विलास के भुलावे में आकर भटकते नहीं। बल्कि, सही राह दिखानेवाले कंप्यूटर की तरह उनका सिखाया गया विवेक उन्हें परमेश्‍वर के साथ वफादारी निभाने और उसकी आज्ञाओं का पालन करने में हमेशा मदद करता रहता है।—फिलिप्पियों 3:8.

परमेश्‍वर के वचन से सलाह लेते रहना ज़रूरी है ताकि आपका विवेक काम करता रहे और आपको सही राह दिखाता रहे। सजीव भाषा का इस्तेमाल करते हुए बाइबल बताती है कि ऐसा मार्गदर्शन पाना मुमकिन है: “जब कभी तुम दहिनी वा बाई ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो।” (यशायाह 30:21) इसलिए रोज़ाना बाइबल पढ़ने के लिए वक्‍त निकालिए। जब आपको सही काम करने में मुश्‍किलें आएँ या आप पर चिंता के बादल मंडराने लगें तब बाइबल पढ़ने से आपको ताकत और हौसला मिलेगा। इस बात का यकीन रखिए कि यहोवा, नैतिक और आध्यात्मिक मामलों में आपको सही राह ज़रूर दिखाएगा, बशर्ते आप उस पर अपना पूरा भरोसा रखें। जी हाँ, भजनहार की मिसाल पर चलिए जिसने लिखा: “मैं ने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिये कि वह मेरे दहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊंगा।”—भजन 16:8; 55:22.

[फुटनोट]

a नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 5 पर तसवीरें]

बाइबल में बताया गया “बड़ा बाबुल” यानी झूठा धर्म बहुतों के विवेक का खून करने के लिए ज़िम्मेदार है

[चित्र का श्रेय]

पादरी, सैनिकों को आशीष देते हुए: U.S. Army photo

[पेज 6 पर तसवीरें]

हिंसा और अनैतिकता को देखने से आपका विवेक भ्रष्ट होगा

[पेज 7 पर तसवीर]

परमेश्‍वर के वचन से लगातार मार्गदर्शन पाने से आपके विवेक की रक्षा होगी

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें