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  • “धर्म-सहनशीलता दिवस”
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2001
w01 11/1 पेज 25-26

“धर्म-सहनशीलता दिवस”

पोलैंड में एक बार एक स्कूल की प्रिंसीपल की चर्चा यहोवा के साक्षियों से हुई। इस चर्चा से उसकी दिलचस्पी इतनी बढ़ी कि उसने अपने स्कूल में “धर्म-सहनशीलता दिवस” मनाने की घोषणा की। इसके लिए उसने अलग-अलग धर्मों जैसे कैथोलिक, बौद्ध धर्म और यहोवा के साक्षियों के बच्चों को अपने विश्‍वासों और कामों के बारे में छोटे-छोटे भाषण तैयार करने का सुझाव दिया ताकि छात्रों को एक-दूसरे के बारे में और भी ज़्यादा जानने का मौका मिल सके। इसके लिए तीन नौजवान साक्षी फौरन तैयार हो गए।

जब वह दिन आया तो सबसे पहले 15 साल की मालवीना ने भाषण दिया। उसके भाषण की चंद बातें इस तरह थीं: “इस स्कूल में दाखिला लेने से पहले ही आप में से कई लोग हमें पहचानते थे क्योंकि हम प्रचार करने के लिए आपके घर आए थे। आप शायद सोचते होंगे कि हम बार-बार आपके घर क्यों आते हैं। इसकी वजह यह है कि हम मसीही धर्म के संस्थापक, यीशु मसीह की मिसाल पर चलते हैं। लोगों को परमेश्‍वर के राज्य का सुसमाचार सुनाने में उसने हर मौके का फायदा उठाया। प्रेरित और शुरू के मसीही भी उसके नक्शेकदम पर चले। आज कई जगहों में, यहोवा के साक्षियों को अपने विश्‍वास की खातिर मुश्‍किल-से-मुश्‍किल परीक्षाओं से गुज़रना पड़ता है। लेकिन हमें खुशी है कि हमें इस स्कूल में कोई परेशानी नहीं है और इस शांति को बनाए रखने में आप सभी का बहुत बड़ा हाथ है। इसके लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहते हैं!”

अपने भाषण के आखिर में मालवीना ने कहा: “आपके घर आने की हमारे पास एक और वजह है। वह है कि हम आपकी परवाह करते हैं। बाइबल बताती है कि इंसान बहुत जल्द ऐसी घटनाएँ देखेगा जो दुनिया को हिलाकर रख देंगी। इसलिए आप से गुज़ारिश है कि अगली बार जब हम आपके घर आएँ तो हमारी बात सुनने के लिए थोड़ा वक्‍त ज़रूर निकालिएगा। हम आपको बताना चाहते हैं कि किस तरह हम धरती पर फिरदौस में हमेशा मिल-जुलकर रह सकेंगे।”

अगला भाषण देनेवाला 15 साल का साक्षी, मातेयूश था। उसने अपने सुननेवालों को बताया कि किस तरह यहोवा के साक्षियों ने कई सालों के दौरान अलग-अलग तरीके अपनाकर सारे जहान में सुसमाचार फैलाया है। उदाहरण के लिए, जब मूक फिल्मों का ज़माना था, उस दौरान 1914 में साक्षी “फोटो-ड्रामा ऑफ क्रिएशन” दिखा रहे थे। यह ऐसी फिल्म थी जिसमें स्लाइड्‌स और चलचित्र दिखाए जाते थे साथ ही आवाज़ भी सुनायी पड़ती थी।

मातेयूश ने फिर बताया कि राज्य का संदेश फैलाने में रेडियो की क्या भूमिका रही है और उसने समझाया कि यहोवा के साक्षियों द्वारा तैयार, मल्टिलैंग्वॆज इलेक्ट्रॉनिक फोटोटाइपसेटिंग सिस्टम (MEPS) जैसे बेजोड़ प्रोग्राम का किस तरह इस्तेमाल किया जाता है। उसने यह भी बताया कि यहोवा के साक्षियों ने बगैर खून के इलाज करने के तरीकों की फायदेमंद जानकारी, डॉक्टरों तक पहुँचाने में मदद दी है। उसने कहा: “आज पोलैंड के जाने-माने डॉक्टरों का कहना है कि वे इस मामले में हमारे विश्‍वास की कदर करते हैं और उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हर साल ज़्यादा-से-ज़्यादा मरीज़ों का इलाज बगैर खून के किया जा रहा है, हालाँकि वे साक्षी नहीं हैं।”

मातेयूश ने किंगडम हॉल के निर्माण का ज़िक्र करते हुए अपने भाषण के अंत में कहा: “क्या आप हमारे किंगडम हॉल में आना चाहेंगे? इसके लिए आप से रुपए-पैसे की न तो कोई माँग की जाएगी ना ही आपसे कोई चंदा लिया जाएगा।” सॉसनोव्यीट्‌स में अधिवेशन केंद्र के बारे में मातेयूश ने कहा: “इतनी बड़ी इमारत को कितने अच्छे और फायदेमंद तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, यह वाकई देखने लायक है। क्यों न हम सभी साथ मिलकर वहाँ जाएँ? हमारे पास एक सुझाव है जिसके बारे में हमारी दोस्त कातारज़ीना आपको बताएगी।”

अगला भाषण 15 वर्षीय कातारज़ीना ने बड़े जोश के साथ दिया। उसने कहा: “आप सभी से गुज़ारिश है कि यहोवा के साक्षियों के ज़िला अधिवेशन के लिए सॉसनोव्यीट्‌स आएँ। वहाँ ऐसे विषयों पर चर्चा की जाएगी जिनके बारे में नौजवान चिंता करते हैं।” कातारज़ीना ने यह भी बताया कि मसीही खास तौर पर यीशु मसीह की मृत्यु का स्मारक मनाते हैं। उसने अपने सुननेवालों को बढ़ावा देते हुए कहा: “इस समारोह के लिए पिछले साल दुनिया-भर में 1.4 करोड़ लोग इकट्ठे हुए थे। क्यों न आप भी अगली बार हमारे साथ इस समारोह में शामिल हों?”

अपना-अपना भाषण देने के बाद मालवीना, मातेयूश और कातारज़ीना ने अपने टीचरों को किताब, यहोवा के साक्षी—परमेश्‍वर के राज्य की घोषणा करनेवाले (अँग्रेज़ी) और दो वीडियो कैसट भी दिए जिनमें यहोवा के साक्षियों के विश्‍वासों और कामों के बारे में बताया गया है।a उनके टीचरों ने बड़ी खुशी से इन्हें स्वीकार किया और वादा किया कि वे इन्हें इतिहास की क्लास में इस्तेमाल करेंगे।

इसके बाद 12 वर्षीय मार्टीना ने वहाँ उपस्थित सभी के लिए यह गीत बजाया “एहसान तेरा मानते, यहोवा।” इन नौजवान साक्षियों ने ‘परमेश्‍वर में साहस प्राप्त’ करके एक बेहतरीन साक्षी दी। (1 थिस्सलुनीकियों 2:2, NHT) सभी नौजवान साक्षियों के लिए उन्होंने कितनी बढ़िया मिसाल कायम की है!

[फुटनोट]

a यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रकाशित।

[पेज 26 पर तसवीर]

स्कूल में भाषण देने से कुछ दिन पहले मालवीना उसकी तैयारी में

[पेज 26 पर तसवीर]

भाषण के लिए आयतों को चुन रही कातारज़ीना

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