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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2004
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2004
w04 12/15 पेज 30

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब जानते हैं या नहीं:

• आध्यात्मिक और मन की थकान होने पर एक मसीही क्या कर सकता है?

हमें अपनी थकान की वजह जानने की ज़रूरत है। अच्छा होगा अगर हम अपनी आदतों और साज़ो-सामान की सूची बनाएँ और उसकी जाँच करके गैर-ज़रूरी बोझ को दूर करें। हम अपने हालात के मुताबिक ऐसे लक्ष्य रख सकते हैं जिन तक पहुँचना हमारे लिए मुमकिन हो। अपनी आध्यात्मिक सेहत की देखभाल करना ज़रूरी है और इसके लिए हमें नियमित तौर पर प्रार्थना और मनन करना चाहिए।—8/15, पेज 23-6.

• यहोवा के साक्षी क्यों कहते हैं कि 1,44,000 एक असल संख्या है?

प्रेरित यूहन्‍ना को जब 1,44,000 के बारे में बताया गया, तो उसके बाद उसने ‘एक बड़ी भीड़ देखी जिसे कोई गिन नहीं सकता था।’ (प्रकाशितवाक्य 7:4,9) अगर 1,44,000 एक लाक्षणिक संख्या होती, तो इन दो समूहों में कोई फर्क नहीं होता। यीशु ने अपने साथ राज करनेवालों को ‘छोटा झुण्ड’ कहा। (लूका 12:32)—9/1, पेज 30-1.

• एक इस्राएली किसी पराए को ऐसे जानवर का मांस क्यों बेच सकता था, जिसका खून बहाया न गया हो?

जो परदेशी या पराया व्यक्‍ति अपना धर्म नहीं बदलता, उस पर व्यवस्था लागू नहीं होती थी। इसलिए एक इस्राएली को उसे इस तरह के जानवर देने या बेचने की इजाज़त थी। (व्यवस्थाविवरण 14:21) मगर जो परदेशी अपना धर्म बदलकर यहोवा का उपासक बन जाता, उस पर व्यवस्था लागू होती थी और वह ऐसे जानवर का मांस नहीं खा सकता था जिसका खून बहाया न गया हो। (लैव्यव्यवस्था 17:10)—9/15, पेज 26.

• बायोमिमेटिक्स क्या है, और मसीहियों को शायद इसमें क्यों दिलचस्पी हो?

यह विज्ञान का ऐसा क्षेत्र है जिसमें कुदरत की रचनाओं की नकल करके नयी-नयी चीज़ें बनाने की कोशिश की जाती है। मिसाल के लिए, राइट भाइयों ने बड़े-बड़े पक्षियों की उड़ान का अध्ययन करके एक विमान तैयार किया। बायोमिमेटिक्स, एक मसीही को सिरजनहार की महिमा करने के लिए उभार सकता है।—10/1, पेज 9.

• दूसरा कुरिन्थियों 12:2-4 के मुताबिक कौन फिरदौस में उठा लिया गया था?

पौलुस ने प्रेरित होने के अपने अधिकार को साबित करने के तुरंत बाद, फिरदौस के इस दर्शन का ब्यौरा दिया। बाइबल में किसी और व्यक्‍ति के इस तरह उठाए जाने का ज़िक्र नहीं है और सिर्फ पौलुस ने ही इस घटना का ज़िक्र किया। इसलिए कहा जा सकता है कि यह दर्शन पौलुस को ही मिला था।—10/15, पेज 8.

• यीशु में ऐसी कुछ खूबियाँ क्या हैं जिनकी वजह से वह परमेश्‍वर का ठहराया अगुवा बनने के काबिल है?

यीशु की ईमानदारी बेमिसाल थी और उसका चालचलन बेदाग था। उसने तन-मन से परमेश्‍वर की सेवा की। यीशु, दिल से लोगों की परवाह करता और मेहनत करने को तैयार रहता था।—11/1, पेज 6-7.

• हज़ार साल के दौरान दुष्टात्माएँ कहाँ होंगी?

बाइबल में दिए सबूतों की बिना पर हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि वे मसीह के हज़ार साल की हुकूमत के दौरान, शैतान के साथ अथाह कुंड में पड़ी रहेंगी। (प्रकाशितवाक्य 20:1-3) उत्पत्ति 3:15 की भविष्यवाणी के मुताबिक सर्प का सिर कुचलने में, हज़ार साल के दौरान शैतान का अथाह कुंड में बंद रहना भी शामिल है। शैतान के वंश का एक हिस्सा दुष्ट स्वर्गदूतों या दुष्टात्माओं से बना है। दुष्टात्माओं का अथाह कुंड के नाम से थर-थर काँपना यह दिखाता है कि वे भविष्य में खुद पर लगायी जानेवाली पाबंदी से अच्छी तरह वाकिफ हैं। (लूका 8:31)—11/15, पेज 30-1.

• एक इंसान अगर इतनी शराब नहीं पीता कि दूसरों को पता चल जाए, तो भी उसे शराब के मामले में सावधान क्यों रहना चाहिए?

कुछ लोगों में कई जाम लेने के बाद भी पियक्कड़पन की निशानियाँ नज़र नहीं आतीं। मगर धीरे-धीरे एक वक्‍त आएगा, जब वे शराब के बगैर नहीं रह पाएँगे और ‘बहुत ज़्यादा शराब के गुलाम’ हो जाएँगे। (तीतुस 2:3, NW) यीशु ने ‘खुमार और मतवालेपन से सुस्त’ होने के खिलाफ चेतावनी दी। (लूका 21:34, 35) सिर्फ ज़्यादा शराब पीने से ही हम खतरे में नहीं पड़ते। अगर सावधान न रहें, तो हम सही मात्रा में पीने से भी शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से ऊँघने लग सकते हैं और आलसी बन सकते हैं।—12/1, पेज 19-21.

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