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  • क्या आपको याद है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
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    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
w05 12/15 पेज 30

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब जानते हैं या नहीं:

• पहले पाप, यानी आदम के आज्ञा तोड़ने की तुलना एक खानदानी बीमारी से क्यों की जा सकती है?

आदम का यह पाप उसकी संतानों में भी फैल गया, इसलिए पाप की तुलना एक बीमारी से की जा सकती है। इस तरह हम सब में एक भारी खोट या पाप आ गया है, ठीक जैसे कुछ बच्चों को अपने माता-पिता से खानदानी बीमारी लग जाती है।—8/15, पेज 5.

• आज हिंसा बढ़ने की खास वजह क्या हैं?

शैतान, लोगों को यहोवा से दूर ले जाने के लिए कई तरीकों से उनके अंदर हिंसा की भावना पैदा कर रहा है। कुछ तरीके हैं: फिल्में, संगीत और ऐसे कंप्यूटर गेम जो खिलाड़ियों को घिनौने ज़ुल्म करने और मार-काट मचाने को भड़काते हैं। खून-खराबे की कई वारदातें टीवी, फिल्मों वगैरह में दिखायी हिंसा की वजह से ही हुई हैं।—9/1, पेज 29.

• पुन्तियुस पीलातुस कौन था?

वह कम दर्जे के शाही वर्ग का एक रोमी पुरुष था और शायद सेना में भी रह चुका था। रोमी सम्राट, तिबिरियुस ने सा.यु. 26 में पीलातुस को यहूदिया के प्रांत का गवर्नर ठहराया था। यीशु के मुकद्दमे के वक्‍त, पीलातुस ने यहूदी अगुवों के इलज़ाम सुने। भीड़ को खुश करने के लिए उसने यीशु को मौत की सज़ा देने की मंज़ूरी दी।—9/15, पेज 10-12.

• मत्ती 24:3 में बताया “चिन्ह” क्या है?

इस चिन्ह के कई पहलू हैं जिनका एक-साथ पूरा होना किसी खास घटना की पहचान होता। इस चिन्ह में युद्ध, अकाल, महामारियाँ और भूकंप शामिल हैं, और इससे यीशु के चेले समझ पाते कि वह राजा के तौर पर अब ‘उपस्थित’ है और इस ‘रीति-व्यवस्था का अंत’ बहुत करीब है।—10/1, पेज 4-5.

• डाइस्पोरा क्या था और ये कहाँ-कहाँ थे?

शब्द डाइस्पोरा वादा किए गए देश से बाहर रहनेवाले यहूदियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पहली सदी में ज़्यादातर यहूदी इन इलाकों में रहते थे: सूरिया, एशिया माइनर, बाबुल और मिस्र। रोमी साम्राज्य के अधीन यूरोप के कुछ हिस्सों में भी उनकी छोटी-छोटी बिरादरियाँ पायी जाती थीं।—10/15, पेज 12.

• अगर एक मसीही ऐसी नौकरी कबूल करता है जिसमें माँग की जाती है कि वह अपने साथ हथियार रखे, तो क्या वह अपना विवेक साफ बनाए रख सकता है?

यह एक मसीही का निजी फैसला है कि क्या वह ऐसी नौकरी कबूल करेगा जिसमें माँग की जाती है कि वह अपने साथ बंदूक या कोई और हथियार रखे। लेकिन ऐसी नौकरी में यह खतरा रहता है कि अगर उसे हथियार चलाना पड़े तो वह खून का दोषी बन सकता है। और खुद उसकी जान भी जोखिम में होती है, क्योंकि कोई हमलावर उसे घायल कर सकता है या जान से मार सकता है। इस तरह की नौकरी करनेवाले मसीही को कलीसिया में सेवा की कोई खास ज़िम्मेदारी नहीं दी जाएगी। (1 तीमुथियुस 3:3, 10)—11/1, पेज 31.

• शब्द “हरमगिदोन” शब्द “मगिद्दो पर्वत” से निकला है, तो क्या इसका यह मतलब है कि हरमगिदोन की लड़ाई मध्य-पूर्व के किसी पर्वत पर लड़ी जाएगी?

जी नहीं। आज इस्राएल में मगिद्दो नाम का कोई पर्वत नहीं है, सिर्फ एक वादी और मैदान से लगा हुआ एक छोटा-सा टीला है। यह इलाका इतना बड़ा नहीं कि इसमें “पृथ्वी के [सभी] राजा और उन की सेनाएँ” समा सकें। परमेश्‍वर की महान लड़ाई, हरमगिदोन दुनिया-भर में लड़ी जाएगी और यह सारे युद्धों को खत्म करेगी। (प्रकाशितवाक्य 16:14, 16; 19:19; भजन 46:8, 9)—12/1, पेज 4-7.

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