वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w06 3/15 पेज 3
  • मौत एक खौफनाक हकीकत!

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • मौत एक खौफनाक हकीकत!
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2006
  • मिलते-जुलते लेख
  • घमंड में आकर अबशालोम ने बगावत की
    हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2022
  • यहोवा पर पूरा भरोसा रखने से हिम्मत बढ़ती है
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2011
  • आज़ादी दिलानेवाले परमेश्‍वर की सेवा कीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2012
  • गुस्ताखी करने से अपमान होता है
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2000
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2006
w06 3/15 पेज 3

मौत एक खौफनाक हकीकत!

“इंसान की पैदाइश से यह गुंजाइश हमेशा बनी रहती है कि किसी भी पल वह मर सकता है। और फिर एक-न-एक-दिन यह गुंजाइश हकीकत का रूप ले ही लेती है। इसे कोई टाल नहीं पाता।” यह बात ब्रिटेन के एक इतिहासकार आरनल्ड टॉइनबी ने लिखी थी। वाकई, जब हमारे किसी अपने की या करीबी दोस्त की मौत हो जाती है, तो हम पर दुःखों का कैसा पहाड़ टूट पड़ता है!

हज़ारों सालों से मौत इंसानों के लिए एक खौफनाक हकीकत बनी हुई है। एक-न-एक-दिन यह हर किसी को अपने शिकंजे में ले लेती है। इससे कोई नहीं बच सकता। किसी अपने की मौत पर हम कितने लाचार और बेबस महसूस करते हैं। यही बात 19वीं सदी के एक निबंध-लेखक ने इस तरह लिखी: “गम हमें दोबारा बच्चा बना देता है—अक्लमंदों की अक्ल काम नहीं करती। बड़े-बड़े ज्ञानियों को कुछ नहीं सूझता।” जी हाँ, मौत के आगे हम छोटे बच्चों की तरह बेबस हो जाते हैं, हम हालात को बदलने के लिए कुछ नहीं कर पाते। न दौलत और न ताकत मरनेवाले को वापस ला सकती है। ज्ञानियों और समझदारों के पास कोई जवाब नहीं होता। जैसे कमज़ोर रोता है, वैसे ताकतवर भी रोता है।

ऐसी ही बेबसी और दर्द, प्राचीन इस्राएल के राजा दाऊद ने अपने बेटे अबशालोम की मौत पर महसूस किया था। उसकी मौत की खबर सुनकर राजा दाऊद रो पड़ा और कहा: “हाय मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मैं मर गया होता! हाय अबशालोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे!” (2 शमूएल 18:33, NHT) बड़े-बड़े दुश्‍मनों को हरानेवाला शूरवीर राजा, बेबस होकर सिर्फ यह कामना कर सकता था कि काश “अन्तिम बैरी” यानी मौत उसके बेटे के बजाय खुद उसका शिकार करती।—1 कुरिन्थियों 15:26.

क्या मौत का कोई इलाज है? अगर हाँ, तो जो मर गए हैं क्या उनके लिए कोई उम्मीद है? क्या हम अपने अज़ीज़ों से दोबारा कभी मिल पाएँगे? अगला लेख हमें बाइबल से इन सवालों के जवाब देगा।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें