विषय-सूची
15 मार्च, 2008
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
21-27 अप्रैल, 2008
सही हद तक अधीनता दिखाइए और दूसरों का लिहाज़ कीजिए
पेज 3
गीत नं. 16 (143), 9 (37)
28 अप्रैल, 2008–4 मई, 2008
अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में खुशी पाइए
पेज 7
गीत नं. 14 (117), 23 (200)
5-11 मई, 2008
पेज 12
गीत नं. 26 (212), 6 (45)
12-18 मई, 2008
“तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है?”
पेज 21
गीत नं. 7 (51), 4 (43)
19-25 मई, 2008
क्या आप दूसरों के बारे में यहोवा के जैसा नज़रिया रखते हैं?
पेज 25
गीत नं. 15 (127), 22 (130)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 3-11
दुनिया के ज़्यादातर लोग न तो अधिकारियों को अधीनता दिखाते हैं और ना ही दूसरों का लिहाज़ करते हैं। मगर मसीहियों के पास अधीनता दिखाने और दूसरों का लिहाज़ करने की कई वजहें हैं। वे वजहें क्या हैं? और आप अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में एक-दूसरे के लिए लिहाज़ कैसे दिखा सकते हैं?
अध्ययन लेख 3 पेज 12-16
हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा को हमारी फिक्र है और जब हम पीड़ाओं से जूझते वक्त उसे दुहाई देते हैं, तो वह हमारी सुनता है? इस सवाल का जवाब इस लेख में दिया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि परीक्षाओं में धीरज धरने की ताकत हमें कहाँ से मिल सकती है।
अध्ययन लेख 4, 5 पेज 21-29
ये दोनों लेख हमें लोगों के बारे में सही नज़रिया पैदा करने और दूसरों में नुक्स निकालने की फितरत से बचे रहने में मदद देंगे। इसके अलावा, इन लेखों में हम यह भी देखेंगे कि बुद्धिमान और मूर्ख इंसान के बीच क्या फर्क है।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
ऐंडीज़ पर्वतमाला की ऊँचाई पर खुशखबरी सुनाना
पेज 16
एक बहुत ज़रूरी वादा किया है मैंने
पेज 19
यहोवा का वचन जीवित है—लूका किताब की झलकियाँ
पेज 30