विषय-सूची
15 अप्रैल, 2009
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
1-7 जून, 2009
अय्यूब ने यहोवा का नाम रौशन किया
पेज 3
गीत नं. 6 (45), 4 (43)
8-14 जून, 2009
आपकी खराई से यहोवा का दिल खुश होता है
पेज 7
गीत नं. 23 (200), 21 (191)
15-21 जून, 2009
सृष्टि यहोवा की बुद्धि का बखान करती है
पेज 15
गीत नं. 26 (212), 17 (187)
22-28 जून, 2009
यीशु मसीह की कदर करना जो मूसा से महान है
पेज 24
गीत नं. 28 (224), 20 (93)
29 जून, 2009–5 जुलाई, 2009
यीशु मसीह की कदर करना जो दाविद और सुलैमान से महान है
पेज 28
गीत नं. 8 (53), 22 (130)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 3-11
इन लेखों में बताया गया है कि क्यों यहोवा ने शैतान को अय्यूब पर एक-के-बाद-एक परीक्षाएँ लाने दीं और किस बात ने अय्यूब को अपनी खराई बनाए रखने में मदद दी। इनमें यह भी समझाया गया है कि हम कैसे अय्यूब की तरह यहोवा के वफादार रह सकते हैं और उसका दिल खुश कर सकते हैं।
अध्ययन लेख 3 पेज 15-19
यहोवा के हाथ की रचनाएँ दिखाती हैं कि उसमें क्या-क्या गुण हैं। इन रचनाओं पर गौर करने से हम अपनी ज़िंदगी के लिए कई अनमोल सबक सीख सकते हैं। इस लेख में हम यहोवा के बनाए चार जीवों के बारे में चर्चा करेंगे और देखेंगे कि उनसे हम क्या सीख सकते हैं।
अध्ययन लेख 4, 5 पेज 24-32
जब हम बाइबल में यीशु के ज़माने से पहले के कुछ वफादार पुरुषों के बारे में पढ़ते हैं, तो पाते हैं कि उनके और यीशु के बीच कई समानताएँ हैं जो ध्यान देने लायक हैं। इन दो लेखों में हम मूसा, दाविद और सुलैमान के बारे में चर्चा करेंगे और देखेंगे कि उनकी ज़िंदगी की घटनाएँ किस तरह यह जानने में मदद देती हैं कि यीशु, परमेश्वर के मकसद में क्या भूमिका निभाता है। इससे यीशु के लिए हमारी कदरदानी और भी बढ़ेगी।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
पेज 12
पेज 14
क्या आप वहाँ सेवा कर सकते हैं, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है?
पेज 20