विषय-सूची
15 अगस्त, 2009
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
28 सितंबर, 2009–4 अक्टूबर, 2009
परमेश्वर ने दी धरती पर हमेशा की ज़िंदगी की आशा
पेज 3
गीत नं. 9 (37), 29 (222)
5-11 अक्टूबर, 2009
धरती पर हमेशा की ज़िंदगी—क्या यीशु ने इस आशा के बारे में सिखाया?
पेज 7
गीत नं. 17 (187), 2 (15)
12-18 अक्टूबर, 2009
धरती पर हमेशा की ज़िंदगी की आशा फिर से ढूँढ़ी गयी
पेज 12
गीत नं. 29 (222), 6 (45)
19-25 अक्टूबर, 2009
“खुद को ऐसा इंसान बनाए रखो जिससे परमेश्वर प्यार करे”
पेज 18
गीत नं. 23 (200), 11 (85)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1-3 पेज 3-16
इन लेखों में बाइबल की इस आशा के बारे में बताया गया है कि इंसान धरती पर हमेशा की ज़िंदगी जीएँगे। यही आशा सच्चे मसीहियों को ईसाईजगत से अलग करती है और ये लेख इस आशा पर आपका विश्वास मज़बूत करेंगे। यह विश्वास आपको ज़िंदगी की तरफ एक अच्छा नज़रिया रखने में मदद देगा और अपनी आशा के बारे में दूसरों को बताने की हिम्मत देगा।
अध्ययन लेख 4 पेज 18-22
यह लेख उन तीन तरीकों पर चर्चा करता है, जिससे हम खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रख सकते हैं। (यहू. 21) ऐसा करने के लिए हमें (1) उन लोगों से प्यार करना चाहिए जिनसे यहोवा प्यार करता है, (2) अधिकार रखनेवालों का आदर करना चाहिए और (3) यहोवा की नज़रों में शुद्ध रहने की कोशिश करनी चाहिए।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
पेज 16
पेज 23
‘यहोवा ने उन पर अपने मुख का प्रकाश चमकाया है’
पेज 24
‘खुशखबरी के इस दिन’ में अपना ध्यान भटकने मत दीजिए
पेज 28
क्या आप पहले सेवा करते थे? क्या आप दोबारा सेवा करना चाहेंगे?
पेज 30