विषय-सूची
15 सितंबर, 2009
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
26 अक्टूबर, 2009–1 नवंबर, 2009
आपके मन का स्वभाव वैसा ही हो जैसा मसीह का था
पेज 7
गीत नं. 23 (200), 9 (37)
2-8 नवंबर, 2009
आज्ञा मानने और हिम्मत दिखाने में यीशु के जैसे बनिए
पेज 11
गीत नं. 16 (143), 4 (43)
9-15 नवंबर, 2009
मसीह का प्यार हमें भी प्यार करने के लिए उकसाता है
पेज 16
गीत नं. 12 (113), 22 (130)
16-22 नवंबर, 2009
यहोवा से मिलनेवाली शिक्षा का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता
पेज 21
गीत नं. 21 (191), 5 (46)
23-29 नवंबर, 2009
आपके छुटकारे के लिए यहोवा ने जो किया, क्या आप उसकी कदर करते हैं?
पेज 25
गीत नं. 1 (13), 6 (45)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1-3 पेज 7-20
हम जानते हैं कि यीशु कई मायनों में मसीहियों के लिए एक आदर्श था। इन लेखों में यीशु के मन के स्वभाव और उसके कामों पर ध्यान खींचा गया है। इनमें आपको कुछ ऐसे उदाहरण मिलेंगे, जो आप अपने परिवार और मंडली में लागू कर सकते हैं। साथ ही, उनकी मदद से आप ज़िंदगी में आनेवाली मुश्किलों का सामना कर सकते हैं।
अध्ययन लेख 4 पेज 21-25
परमेश्वर के वचन से सीखी सच्चाइयों की आप कितनी कदर करते हैं? इस लेख में हम देखेंगे कि परमेश्वर से सिखलाए जाने से हमें बेशुमार फायदे होते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि खुशखबरी की खातिर त्याग करने से हमें क्या आशीषें मिलती हैं।
अध्ययन लेख 5 पेज 25-29
हमें पाप और मौत से छुटकारा दिलाने के लिए यहोवा ने क्या किया है? और इसके लिए उसे क्या कीमत चुकानी पड़ी? इन सवालों के जवाब जानने से हमारा दिल एहसान से भर जाएगा। साथ ही, हम यहोवा को यह दिखाने के लिए उभारे जाएँगे कि उसने और उसके बेटे ने जो छुटकारा मुमकिन किया है, उसकी हम कितनी कदर करते हैं।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
धर्म का चुनाव—मैं खुद करता हूँ या मेरे मम्मी-पापा?
पेज 3
पेज 30