विषय-सूची
15 दिसंबर, 2009
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
1-7 फरवरी, 2010
पेज 11
गीत नं. 6 (45), 16 (143)
8-14 फरवरी, 2010
मुसीबतों के दौर में भी अपनी खुशी बरकरार रखें
पेज 15
गीत नं. 9 (37), 11 (85)
15-21 फरवरी, 2010
हमारा मसीहा! जिसके ज़रिए परमेश्वर हमारा उद्धार करता है
पेज 20
गीत नं. 2 (15), 17 (187)
22-28 फरवरी, 2010
ऐसा प्यार बढ़ाइए जो कभी नहीं मिटता
पेज 24
गीत नं. 22 (130), 7 (51)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 11-19
सभी मसीहियों में अपनी आध्यात्मिक तरक्की ज़ाहिर करने की काबिलीयत होती है, फिर चाहे वे स्त्री हो या पुरुष, बच्चे या बूढ़े। इन लेखों में बताया गया है कि हम किस तरह यह कर सकते हैं। साथ ही, हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि मुसीबतों के दौर में भी हम अपनी खुशी बरकरार कैसे रख सकते हैं।
अध्ययन लेख 3 पेज 20-24
बाइबल इस बात का पक्का सबूत देती है कि यीशु ही वह मसीहा है जिसके आने का वादा किया गया था। यहोवा ने अपने बेटे को धरती पर इसलिए भेजा ताकि वह यहोवा के नाम पर लगा कलंक मिटाए, उसकी हुकूमत बुलंद करे और आज्ञा माननेवाले इंसानों को पाप और मौत की बेड़ियों से छुड़ाए। जब हम प्रचार में जाते हैं, तो हमें लोगों को मसीहा के बारे में ये सच्चाइयाँ बतानी चाहिए।
अध्ययन लेख 4 पेज 24-28
हम यहोवा और यीशु के लिए अपना प्यार कैसे बढ़ा सकते हैं? प्यार किस तरह सबकुछ धीरज के साथ सह लेता है? इसका क्या मतलब है कि प्यार कभी नहीं मिटता? यह लेख, जो 2010 के सालाना वचन पर आधारित है, इन सवालों के जवाब देगा।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
पेज 3
क्या आप उस पार मकिदुनिया जा सकते हैं?
पेज 4
परमेश्वर की सेवा में व्यस्त और खुश
पेज 8
पेज 29
पेज 32