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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
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  • दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
  • अध्ययन लेखों का मकसद
  • इस अंक में ये लेख भी हैं:
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
w10 3/15 पेज 1-2

विषय-सूची

15 मार्च, 2010

अध्ययन के लिए

दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:

3-9 मई, 2010

बपतिस्मा लें—पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से

पेज 10

गीत नं. 1 (13), 16 (143)

10-16 मई, 2010

पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में चलो, अपने समर्पण के मुताबिक जीओ

पेज 14

गीत नं. 6 (45), 9 (37)

17-23 मई, 2010

‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’

पेज 19

गीत नं. 8 (53), 11 (85)

24-30 मई, 2010

एक झुंड, एक चरवाहा

पेज 24

गीत नं. 17 (187), 22 (130)

अध्ययन लेखों का मकसद

अध्ययन लेख 1, 2 पेज 10-18

ये दोनों लेख हमें यह समझने में मदद देते हैं कि “पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से” बपतिस्मा पाने का मतलब क्या है। (मत्ती 28:19) आप इन लेखों में कुछ ऐसे सुझाव पाएँगे जो आपको अपने समर्पण के मुताबिक जीने में मदद देंगे।

अध्ययन लेख 3, 4 पेज 19-28

यीशु ने गेहूँ और जंगली पौधों की मिसाल में समझाया कि ‘राज के बेटों’ के साथ आगे क्या-क्या घटनाएँ घटेंगी। इस मिसाल में गेहूँ और जंगली पौधे किन्हें दर्शाते हैं? यह मिसाल हमारे दिनों में कैसे पूरी हो रही है? क्या यह मिसाल सिर्फ अभिषिक्‍त जनों के बारे में है?

इस अंक में ये लेख भी हैं:

बदलते हालात में भी परमेश्‍वर की मंज़ूरी पाते रहना 3

मरकुस—‘सेवा के लिए बहुत काम का’ 6

पाठकों के प्रश्‍न 28

संकटों से भरे आज के दौर में “मन की शुद्धता” बनाए रखना 30

[पेज 2 पर चित्र का श्रेय]

By permission of the Israel Museum, Jerusalem

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