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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
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  • दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
  • अध्ययन लेखों का मकसद
  • इस अंक में ये लेख भी हैं:
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
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विषय-सूची

15 अगस्त, 2010

अध्ययन के लिए

दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:

27 सितंबर, 2010–3 अक्टूबर, 2010

यीशु ने किस तरह परमेश्‍वर की नेकी बुलंद की

पेज 8

गीत नं. 46, 49

4-10 अक्टूबर, 2010

फिरौती हमें कैसे बचाती है

पेज 12

गीत नं. 31, 30

11-17 अक्टूबर, 2010

‘अटल-कृपा’ अपनी बोली में ज़ाहिर कीजिए

पेज 21

गीत नं. 35, 50

18-24 अक्टूबर, 2010

दोहाई देनेवालों का उद्धार कौन करेगा?

पेज 28

गीत नं. 38, 23

अध्ययन लेखों का मकसद

अध्ययन लेख 1, 2 पेज 8-16

ध्यान दीजिए कि शैतान ने कैसे परमेश्‍वर को चुनौती दी और यीशु ने कैसे यहोवा की नेक हुकूमत की महिमा की और उसे बुलंद किया। यीशु के ज़रिए दिए गए फिरौती बलिदान की कीमत पर भी गौर कीजिए और जानिए कि इससे आपकी ज़िंदगी कैसे बच सकती है। इन लेखों में इन्हीं बातों पर चर्चा की जाएगी।

अध्ययन लेख 3 पेज 21-25

सीखिए कि अटल-कृपा क्या है और इसका हमारी ज़ुबान पर कैसा असर होना चाहिए। हम कैसे परमेश्‍वर के इस गुण को अपनी रोज़मर्रा की बोली में दिखा सकते हैं।

अध्ययन लेख 4 पेज 28-32

परमेश्‍वर के बेटे यीशु मसीह के हज़ार साल की एक झलक भजन 72 में दी गयी है। जब आप इस लेख का अध्ययन करेंगे और उस पर मनन करेंगे कि कैसे यहोवा, महान सुलैमान के ज़रिए उन लोगों को छुड़ाएगा जो मदद की दोहाई लगा रहे हैं तो यह आपका दिल छू जाएगा।

इस अंक में ये लेख भी हैं:

आँख मूँदकर दुनिया की राय मत अपनाइए 3

पाठकों के प्रश्‍न 6

सबके लिए न्यौता! 17

क्या आपको याद है? 20

आदम को किस मायने में परमेश्‍वर की समानता में बनाया गया? 20

समय का पाबंद क्यों हों? 25

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