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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
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  • दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
  • अध्ययन लेखों का मकसद
  • इस अंक में ये लेख भी हैं:
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2010
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विषय-सूची

15 नवंबर, 2010

अध्ययन के लिए

दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:

27 दिसंबर, 2010–2 जनवरी, 2011

जवानो—परमेश्‍वर के वचन के मार्गदर्शन में चलो

पेज 3

गीत नं. 37, 22

3-9 जनवरी, 2011

जवानो—साथियों के दबाव का विरोध करो

पेज 7

गीत नं. 24, 52

10-16 जनवरी, 2011

जवानो—आप अपनी ज़िंदगी में क्या करना चाहते हैं?

पेज 12

गीत नं. 1, 11

17-23 जनवरी, 2011

यहोवा हमारा परमप्रधान है!

पेज 24

गीत नं. 23, 51

24-30 जनवरी, 2011

हम खराई से चलते रहेंगे!

पेज 28

गीत नं. 29, 45

अध्ययन लेखों का मकसद

अध्ययन लेख 1-3 पेज 3-16

ये लेख खास तौर पर जवानों के लिए तैयार किए गए हैं। पहला लेख बताता है कि जवान, परमेश्‍वर के वचन बाइबल में पायी गयी सलाह से कैसे मार्गदर्शन पा सकते हैं। दूसरे लेख में चर्चा की गयी है कि वे साथियों के दबाव का विरोध कैसे कर सकते हैं। और तीसरा लेख बताता है कि जवान अपने लिए ऐसे कौन-से लक्ष्य रख सकते हैं, जिन्हें वे हासिल कर सकें।

अध्ययन लेख 4, 5 पेज 24-32

जानिए कि आप कैसे यहोवा की हुकूमत का साथ देकर उसे बुलंद कर सकते हैं। ध्यान कीजिए कि खराई बनाए रखने का मतलब क्या है। खरे इंसान अय्यूब के जीवन में हुई घटनाओं पर एक बार फिर गौर कीजिए। ये लेख दिखाते हैं कि आप कैसे बीते ज़माने के अय्यूब और दूसरे इंसानों की तरह, खराई पर चल सकते हैं और यहोवा को परमप्रधान परमेश्‍वर मानकर उसके वफादार रह सकते हैं।

इस अंक में ये लेख भी हैं:

यहोवा दुखी मनवालों की गुहार सुनता है 17

आओ ‘यहोवा के लिए भेंट’ ले जाएँ 20

पाठकों के प्रश्‍न 22

‘उन्होंने जो कुछ किया उसका लेखा उनके साथ गया’ 23

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