विषय-सूची
15 मार्च, 2011
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
2-8 मई, 2011
परमेश्वर की पवित्र शक्ति पाइए, न कि दुनिया की फितरत
पेज 8
9-15 मई, 2011
जैसे-जैसे अंत नज़दीक आ रहा है, यहोवा पर भरोसा रखिए
पेज 12
16-22 मई, 2011
पेज 24
23-29 मई, 2011
पेज 28
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1 पेज 8-12
हमारे आस-पास के लोगों में दुनिया की फितरत साफ झलकती है, ऐसे में क्या हम उनसे अलग रह सकते हैं? यह लेख हमें समझने में मदद देगा कि दुनिया की फितरत हम पर कैसे असर कर सकती है। हम यह भी गौर करेंगे कि परमेश्वर की पवित्र शक्ति पाने के बारे में हम यीशु की मिसाल से क्या सीख सकते हैं।
अध्ययन लेख 2 पेज 12-16
यहोवा पर भरोसा रखने का क्या मतलब है? इस लेख में हम देखेंगे कि उस पर भरोसा रखने का मतलब सिर्फ नयी दुनिया के उसके वादे पर विश्वास करना ही नहीं है। हमें दिलो-जान से उसके मार्ग और स्तरों को कबूल करने और दुनिया के स्तरों को नकारने की ज़रूरत है।
अध्ययन लेख 3, 4 पेज 24-32
ये लेख बताएँगे कि नूह और उसका परिवार, मूसा और यिर्मयाह कैसे परमेश्वर से मिली ज़िम्मेदारी को पूरा करने के लिए खुद को तैयार रख सके और इस तरह वे परमेश्वर के वादों को पूरा होते देख सकेंगे। जानने की कोशिश कीजिए कि इनके रवैये से आप क्या सीख सकते हैं।
इस अंक में ये लेख भी हैं
3 झूठी दलीलों से खुद को धोखा मत दीजिए
17 आपके पास खुश होने की वजह है
20 अपने संगी भाइयों को कभी मत छोड़िए