विषय-सूची
15 अप्रैल, 2011
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
30 मई, 2011–5 जून, 2011
पूरी गंभीरता के साथ यहोवा की सेवा करना
पेज 9
6-12 जून, 2011
ऐसे फैसले लीजिए जिनसे परमेश्वर की महिमा हो
पेज 13
13-19 जून, 2011
‘पवित्र शक्ति के फल’ से परमेश्वर की महिमा होती है
पेज 18
20-26 जून, 2011
क्या आप पवित्र शक्ति के निर्देशन में चलते हैं?
पेज 23
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1 पेज 9-13
हालाँकि आज दुनिया के लोग ज़िंदगी के बारे में लापरवाह रवैया दिखाते हैं, लेकिन मसीहियों को चाहिए कि वे अपनी ज़िंदगी को गंभीरता से लें। खासकर यहोवा की उपासना के मामले में ऐसा रवैया रखना बहुत ज़रूरी है। हमें अपनी मसीही ज़िम्मेदारियों को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए, इस बारे में बाइबल के आधार पर एक संतुलित नज़रिया इस लेख में पेश किया जाएगा।
अध्ययन लेख 2 पेज 13-17
फैसले लेना बहुतों को एक चुनौती लगता है। यह लेख हमें समझाएगा कि क्यों ज़रूरी है कि हम अच्छे फैसले लेना सीखें और यह तय करने के लिए कि हमारे फैसलों से परमेश्वर की महिमा हो, इस लेख में कुछ कारगर तरीके दिए गए हैं।
अध्ययन लेख 3, 4 पेज 18-27
“पवित्र शक्ति का फल” क्या है? हम इस फल को कैसे पैदा कर सकते हैं? और हमें ऐसा क्यों करना चाहिए? हमें इन सवालों के जवाब मिलेंगे, जब हम इन लेखों में पवित्र शक्ति के फल के नौ पहलुओं पर गौर करेंगे। इनमें कुछ व्यवहारिक सुझाव भी दिए गए हैं, जिनसे बहुतों को मदद मिलेगी।
इस अंक में ये लेख भी हैं
3 क्या आप परमेश्वर के मार्गदर्शन के सबूत साफ-साफ पहचानते हैं?
6 बेईमान दुनिया में ईमानदारी से कैसे चलें?
29 मैंने बहुत-सी अच्छी चीज़ें पायीं