विषय-सूची
15 मई, 2011
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
27 जून, 2011–3 जुलाई, 2011
पेज 7
4-10 जुलाई, 2011
पेज 11
11-17 जुलाई, 2011
आपकी ज़िंदगी में किस व्यक्ति की अहमियत सबसे ज़्यादा है?
पेज 16
18-24 जुलाई, 2011
‘वाह! परमेश्वर की बुद्धि क्या ही अथाह है!’
पेज 21
25-31 जुलाई, 2011
यहोवा पर पूरा भरोसा रखने से हिम्मत बढ़ती है
पेज 28
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 7-15
पहले लेख में बताया गया है कि मसीही परिवार के हर सदस्य की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह आध्यात्मिक रूप से जागता रहे। दूसरे लेख में चर्चा की गयी है कि आध्यात्मिक तौर पर मज़बूत रहने के लिए पूरे परिवार को अपनी आँख एक ही चीज़ पर टिकाए रखना, आध्यात्मिक लक्ष्यों को पाना और पारिवारिक उपासना की शाम को नियमित तौर पर करना बहुत ज़रूरी है।
अध्ययन लेख 3 पेज 16-21
सच्चे सेवकों की ज़िंदगी में यहोवा की सबसे ज़्यादा अहमियत होनी चाहिए। इस लेख में बताया जाएगा कि पहली स्त्री हव्वा, वफादार शख्स अय्यूब और परमेश्वर के सिद्ध बेटे यीशु के उदाहरणों से हम इस बारे में क्या सीखते हैं?
अध्ययन लेख 4 पेज 21-25
रोमियों के अध्याय 11 में पौलुस लाक्षणिक जैतून के पेड़ की बात करता है। इस पेड़ के अलग-अलग भाग क्या दर्शाते हैं? जब हम उनके मतलब पर गौर करेंगे तब हम न सिर्फ यहोवा के मकसद के बारे में और ज़्यादा सीखेंगे बल्कि उसकी अथाह बुद्धि पर हैरान हुए बिना नहीं रह पाएँगे।
अध्ययन लेख 5 पेज 28-32
इस लेख में राजा दाविद के लिखे तीसरे और चौथे भजन पर चर्चा की गयी है। परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे इन भजनों में बताया गया है कि अगर हम यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना करें और उस पर पूरा भरोसा रखें तो हम पूरी हिम्मत के साथ तकलीफों का सामना कर सकेंगे। जब दाविद ने अपने बेटे अबशालोम की धोखेबाज़ी का सामना किया तब उसने ऐसी ही हिम्मत दिखायी।
इस अंक में ये लेख भी हैं
3 क्या आपको परमेश्वर के वचन से वाकई खुशी मिलती है?
6 “कमाल के निगरान और प्यारे दोस्त”
26 अपने सिद्ध नेता, मसीह के पीछे चलना