विषय-सूची
15 नवंबर, 2011
अध्ययन संस्करण
इन हफ्तों के अध्ययन लेख:
26 दिसंबर, 2011–1 जनवरी, 2012
पेज 6
2-8 जनवरी, 2012
जीवन और शांति पाने के लिए पवित्र शक्ति के मुताबिक चलिए
पेज 10
9-15 जनवरी, 2012
पेज 16
16-22 जनवरी, 2012
पुरुषों को आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद दीजिए
पेज 24
23-29 जनवरी, 2012
भाइयों को मंडली में ज़िम्मेदारी उठाने के लिए प्रशिक्षण दीजिए
पेज 28
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1 पेज 6-10
परमेश्वर ने प्रार्थना का जो इंतज़ाम किया है, क्या आप उसका पूरा फायदा उठा रहे हैं? जानिए कि जब हम मुश्किल हालात का सामना करते हैं, ज़रूरी फैसले लेते हैं, या प्रलोभनों का विरोध करते हैं, तब प्रार्थना कैसे हमारी मदद कर सकती है?
अध्ययन लेख 2 पेज 10-14
प्रेषित पौलुस ने रोम के मसीहियों को बताया कि किन बातों पर मन लगाने से उन्हें जीवन और शांति मिल सकती है। जानिए कि उसकी सलाह से आप कैसे फायदा पा सकते हैं।
अध्ययन लेख 3 पेज 16-20
जैसा कि इस लेख में बताया गया है, पुराने ज़माने के वफादार सेवक और पहली सदी के यीशु के चेले “मुसाफिर” की तरह जीए। लेकिन आज सच्चे मसीहियों के बारे में क्या कहा जा सकता है? जानिए कि इस दुष्ट संसार में मुसाफिर की तरह जीने का मतलब क्या है।
अध्ययन लेख 4, 5 पेज 24-32
आध्यात्मिक कामों में अगुवाई लेने के लिए पुरुषों की ज़रूरत है। यीशु ने कई पुरुषों को खुशखबरी कबूल करने और फिर परमेश्वर की सेवा में कई ज़िम्मेदारियाँ उठाने के काबिल बनने में मदद दी। उसने जिन तरीकों का इस्तेमाल किया, उनके बारे में सीखकर हम उन पुरुषों की मदद कर सकेंगे जो हमें प्रचार में मिलते हैं। इसके अलावा, हम सीखेंगे कि बपतिस्मा पाए हुए पुरुषों को यहोवा के संगठन में और ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए कैसे मदद दी जा सकती है।
इस अंक में ये लेख भी हैं
3 येहू सच्ची उपासना का ज़बरदस्त हिमायती
15 “अभी अपाहिज हूँ, मगर हमेशा के लिए नहीं!”
21 आपने पूछा
22 क्या आप ‘दान करने के सम्मान’ में खुशी पाते हैं?