विषय-सूची
15 दिसंबर, 2012
© 2012 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. सर्वाधिकार सुरक्षित।
अध्ययन संस्करण
अध्ययन लेख
28 जनवरी, 2013–3 फरवरी, 2013
ज़िंदगी में सच्ची कामयाबी हासिल कीजिए
4-10 फरवरी, 2013
आप पर भरोसा करके आपको प्रबंधक ठहराया गया है!
11-17 फरवरी, 2013
“प्रवासी” बने रहने की ठान लेना
18-24 फरवरी, 2013
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 4-13
ज़िंदगी में कामयाब होने का असल में क्या मतलब है? ये लेख समझाते हैं कि दुनिया जिसे कामयाबी मानती है उसमें और सच्ची कामयाबी में कितना फर्क है। इन लेखों में हम यह भी देखेंगे कि सही मायनों में कामयाब होने के लिए हमें परमेश्वर के वफादार बने रहना चाहिए और हमें जो ज़िम्मेदारियाँ दी गयी हैं, उन्हें पूरा करना चाहिए।
अध्ययन लेख 3, 4 पेज 19-28
अभिषिक्त मसीही और उनके साथी, “दूसरी भेड़ें” किस मायने में “प्रवासी” हैं? (यूह. 10:16; 1 पत. 2:11) ये लेख इन सवालों के जवाब देंगे और हमारा इरादा मज़बूत करेंगे कि हम इस दुनिया में प्रवासियों की तरह बने रहें और अपने अंतर्राष्ट्रीय भाईचारे के साथ मिलकर प्रचार करते रहें।
इस अंक में ये लेख भी हैं
3 अंधविश्वास से खबरदार रहिए—बाइबल में कोई जादुई ताकत नहीं
14 आपने पूछा
29 प्रहरीदुर्ग का सरल अँग्रेज़ी संस्करण—क्यों निकाला गया?
32 2012 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची
मुख्य पृष्ठ: दक्षिण कोरिया में 1,00,000 से भी ज़्यादा साक्षी हैं। यहाँ के कई साक्षियों को जेल की सज़ा दी गयी है क्योंकि वे राजनैतिक मामलों में किसी का पक्ष नहीं लेते और हथियार उठाने से साफ इनकार कर देते हैं। मगर जेल में रहते हुए भी वे खत लिखने के ज़रिए या दूसरे तरीकों से लोगों को अच्छी गवाही देते हैं।
दक्षिण कोरिया
जनसंख्या
4,81,84,000
प्रचारक
1,00,059
पिछले साल इतने भाइयों को जेल हुई
731
उन्होंने हर महीने इतने घंटे प्रचार किया
9,000