अप्रैल में सर्वायवल पुस्तक पेश करें
१ आज लाखों लोग उत्तरजीविता के बारे में चिन्तित हैं, और इसके पीछे उचित कारण है। खाद्य पदार्थों की कमी, प्रदूषण, हिंसा, और कई अन्य जीवन को धोखा देनेवाली परिस्थितियों ने मनुष्यों को भविष्य क्या लानेवाला है उससे सम्बन्धित भयभीत होने के लिए प्रेरित किया है। और फिर भी, उत्तरजीविता के बारे में चिन्तित लोगों में से अधिकांश एक और बड़े खतरे के बारे में बिल्कुल कम या कुछ भी नहीं जानते। यीशु ने उसे एक ऐसा भारी क्लेश कहा “जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हआ, और न कभी होगा।” (मत्ती २४:२१) मानव जाति के सामने क्या उत्तरजीविता से अधिक महत्त्वपूर्ण कोई और सवाल हो सकता है?
२ उस सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर में हमारी पुस्तक सर्वायवल इन्टु अ न्यू अर्थ से अधिक समयोचित क्या हो सकता है? “राज्य वृद्धि” जिल्ला सम्मेलन में उसके प्रकाशन की घोषणा करने के बाद वक्ता ने कहा: “हमारे समयों में उत्तरजीविता एक मुख्य चिन्ता का विषय बन चुका है। लेकिन जो मानव जाति के सामने है, वह एक परमाणु-युद्ध से भी कहीं अधिक विस्मयकारी है। वह स्वयं परमेश्वर के साथ एक लेख है। विस्मयकारक बाइबल भविष्यवाणियाँ स्पष्ट रूप से यह दिखाती हैं कि उत्तरजीवियाँ होंगे . . . उन में एक होने में आपकी सहायता के लिए यह पुस्तक प्रकाशित की गयी है।”
एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को पूर्ण करने में सहायता करें
३ लेकिन उत्तरजीविता पर एक पुस्तक को प्रकाशित करने से कहीं अधिक महत्त्व लोगों की उस सबसे अत्यावश्यक माँग को पूर्ण करने में शामिल है। उन्हें उसके बारे में सुनना है, उसे पाना है, उसे पढ़ना और समझना है, और फिर उस में पायी गयी जानकारी के अनुसार कार्य करना है। इसे मन में रखते हुए उस जिल्ला सम्मेलन वक्ता ने कहा था: “यह स्थिति उन सभों की ओर से अत्यावश्यक कार्यवाही की माँग करती है जो भी बच निकलनेवाले हैं . . . यह एक ऐसा प्रकाशन है जो क्षेत्र सेवकाई में हमारे उपयोग के लिए रचा गया है, और साथ ही हमारे अपने अध्ययन के लिए भी।” जी हाँ, भाईयों, ‘प्रचारक के बिना वे कैसे सुनेंगे?’—रोमि. १०:१४.
४ क्या आप एक जीवन को बचाने से अधिक रोमांचक और अधिक सन्तोषजनक कोई और बात की कल्पना कर सकते हैं? लेकिन तब क्या अगर आप किसी और की रक्षा करते हुए अपनी भी रक्षा कर सकेंगे? यह और भी लाभप्रद होगा।—१ तीमु. ४:१६.
५ लोगों का, इस नयी पुस्तक की मदद से सच्चाई जानने के कारण कितनी ज़िन्दगियों को बचाया जा सकता है? इसका उत्तर एक बड़ी मात्रा में उस परिश्रम पर, जो हम उसके वितरण में करते हैं, और हमारे प्रस्तुतीकरणों की प्रभावकारिता पर निर्भर है। हम उसे अप्रैल के दौरान १० रुपए के चन्दे में हमारी साहित्य भेंट के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। हमारे पड़ोसियों, रिश्तेदारों, सहकर्मियों, सहपाठियों या दूसरों के साथ इस पुस्तक को बाँटने में जो परिश्रम किया जाता है वह मुख्यतः कई बातों पर निर्भर होता है, जैसे कि स्वास्थ्य, उम्र, शक्ति, और पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ। एक अधिकतर मात्रा में, यह दूसरों के लिए हमारे प्रेम पर और साथ ही उनकी उत्तरजीविता के लिए हम जो अत्यावश्यकता महसूस करते हैं, उस पर निर्भर है।—२ तीमु. ४:२अ.
६ हमारी सेवकाई की प्रभावकारिता बहुधा इस बात पर निर्भर है कि हम प्रस्तुत की गयी पुस्तक के बारे में कितने बहुश्रुत हैं। अब तक तो हमारे पास उसे पूरा पढ़ लेने का अवसर मिल चुका है। क्या हम ने वार्तालाप के मुद्दे, उद्धरण, या उसके चित्रों पर विचार किया है? पृष्ठ २७ का चार्ट, जो १९१४ को एक चिन्हित वर्ष के रूप में दिखाता है, और पृष्ठ २९ के उद्धरण, जो सूचित करते हैं कि इतिहासकार उस वर्ष को किस दृष्टि से देखते हैं, उन लोगों को पसन्द आएंगे जो उत्तरजीविता के बारे में चिन्तित हैं। उत्तरजीविता के लिए आवश्यक उस “चिन्ह” पाने के लिए जो ज़रूरी है, उसकी प्रत्याशा पृष्ठ ९५ के चित्र की चर्चा करने के द्वारा उकसाया जा सकता है।—यहेजकेल ९:४, ६ से तुलना करें।
७ अध्याय शीर्षक विचारशील लोगों में रुचि को उत्पन्न करेगा। उदाहरणार्थ, “वॉट विल बिकम ऑफ प्लॅनेट अर्थ”, “हव लाँग विल द प्रेसन्ट सिस्टम लास्ट?”, “ॲक्ट वाइसली इन द फेस ऑफ कलॅमिटी” और “द काउन्टडौन नियर्स इट्स ज़ीरो अवर!” जैसे शीर्षक इस पुस्तक में चर्चित रुचि-आकर्षक विषयों में से कुछ हैं। उस गृहस्वामी के हाथों में इस पुस्तक को रखने की कोशिश करें और उससे पूछिए कि कौनसे अध्यायों के शीर्षकों ने उसे सब से अधिक रुचि दिलायी। जिन्होंने इस तरीके को दूसरे पुस्तकों के साथ उपयोग किये हैं, बहुधा यह पाए हैं कि इनके अच्छे परिणाम हैं।
निराश न बनें
८ हम सभों ने उस सम्मेलन वक्ता के अन्तिम उक्तियों पर तालियाँ बजायी जब उन्होंने कहा: “जब कि समय बचा है हम सब आनन्दमय गवाहों की इस बढ़ती भीड़ का भाग होने के लिए आनेवाले और बहुतों की मदद करने के अवसर का पूरा लाभ उठाएं। . . . जब वह इस दुष्ट संसार का नाश करता है, तब, परमेश्वर की अनर्जित कृपा के द्वारा हम उसकी महिमायुक्त ‘नयी पृथ्वि’ के उत्तरजीवित व्यक्तियों में रहें!” इसलिए चलो हम और बहुतों को अप्रैल के दौरान इस सर्वायवल पुस्तक का वितरण करने में एक पूर्ण भाग लेने के अवसर का पूरा लाभ उठाएं।