ठीक समय पर सहायता
१ कलीसिया के लिए अपनी सच्ची चिन्ता के कारण यीशु हमेशा “ठीक समय पर सहायता” देंगे। (इब्रा. ४:१६) जैसे इफिसियों ४:८, ११, १२ में प्रतिज्ञा दी गई है, अधिकतर आवश्यक सहायता “मनुष्यों में दान” के द्वारा दी जाती है। हर कलीसिया का सेवा अध्यक्ष ऐसा एक दान है।
२ किन रीतियों से सेवा अध्यक्ष हमारी सहायता कर सकते हैं? अनेक रीतियां हैं: (१) वे हम सब को प्रचार और शिष्य बनाने के कार्यों के महत्त्व की ओर सचेत रखने का प्रयत्न करते हैं। (२) वे चिन्ता रखते हैं कि कलीसियाई पुस्तक अध्ययन दलों के द्वारा क्षेत्र में अच्छा मार्गदर्शन और अगुआई दी जा रही हो। (३) वे यह देखने में रुचि रखते हैं कि हम में से हरेक को सेवकों के नाते हमारी प्रभावकारिता को सुधारने के लिए आवश्यक व्यक्तिगत सहायता दी जाती है।
सेवा अध्यक्ष की भेंट
३ कलीसियाई पुस्तक अध्ययन की व्यवस्था के द्वारा उपलब्ध कराई गई नियमित उत्तम सहायता के साथ-साथ, व्यक्तिगत रूप से हम सहायता प्राप्त कर सके, इसलिए खास प्रबन्ध किये गये हैं। सामान्य रीति से सेवा अध्यक्ष को एक कलीसियाई पुस्तक अध्ययन का संचालन सौंपा जाता है, परन्तु हर महीने में एक बार एक सप्ताह के लिए किसी अन्य पुस्तक अध्ययन के साथ काम करने हेतु वे अपने दल को छोड़ देते हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनका सहायक उनका स्थान लेते हैं। अपनी भेंट के बारे में वे अध्ययन संचालक को आगे से सूचना देते हैं जिस से कि दल सप्ताह के कार्यें से पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक तैयारी कर सकते हैं।
४ इस खास सप्ताह के दौरान, पुस्तक अध्ययन का संचालन ४५ मिनट तक सामान्य रीति से होता है। इस से सेवा अध्यक्ष को १५ मिनट मिलते हैं, एक प्रोत्साहित करनेवाला भाषण देने के लिए, जो हमें हमारे सुसमाचार-प्रचार कार्य को सुधारने हेतु सहायता देने के लिए तैयार किया गया है। यह महत्त्वपूर्ण है कि सारे प्रकाशकों और नये रुचि दिखानेवाले व्यक्ति उपस्थित रहे।
५ जिस दल से भेंट की जा रही है उस में सभी प्रकाशकों को इस खास भेंट के दौरान सेवा में पूर्ण भाग लेने की व्यवस्था करनी चाहिये, खासकर सप्ताहान्त के समय। जहाँ उचित हो, उस सप्ताह के लिए संध्या-गवाही कार्य की व्यवस्था की जा सकती है। सेवा अध्यक्ष का एक लक्ष्य है कि वे जितना हो सके उतने प्रकाशकों के साथ सेवा में कार्य करें। शायद वे हम में से कुछेक के साथ हमारे पुनःभेंटो या बाइबल अध्ययनों पर आ सकते हैं। जिन किसी को सेवकाई में सहायता या प्रोत्साहन की आवश्कता महसूस होती हो, वह उनके पास जाकर सहायता माँग सकते हैं। और फिर, उस सप्ताह के दौरान वे जिन क्षेत्र सेवा की सभाओं का संचालन करते हैं उन में उपस्थित रहने से हम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
६ सेवा अध्यक्ष अध्ययन संचालक के साथ दल के कार्य की चर्चा करने के लिए समय निकालते हैं। सेवा की नियमित व्यवस्थाओं को दोहराया जाता है, चौकसी करने के लिए कि इनका व्यावहारिक क्रम है जो सब के लिए अनुकूल है। सेवकाई में नियमित भाग लेने के लिए यदि किसी को सहायता या प्रोत्साहन की आवश्यकता हो तो वे उनके साथ निजी रूप से बात कर सकते हैं और उनको सुधारने के लिए दयालू रूप से सहायता देनेवाले, सुझाव दे सकते हैं। सेवा अध्यक्ष व्यवस्था कर सकते हैं कि वे अध्ययन संचालक के साथ अनियमित प्रकाशकों से भेंट करें। और फिर वे उस दल के पुस्तक अध्ययन संचालक के साथ बइबल अध्यन रिपोर्टों की फाइल की जाँच कर सकते हैं। शायद वे कुछेक प्रकाशकों के साथ उनके गृह बाइबल अध्ययनों पर जा सकते हैं और आत्मिक प्रोत्साहन दे सकते हैं।
७ जिन कलीसियाओं में कई पुस्तक अध्ययन हैं, सेवा अध्यक्ष कम बार भेंट कर सकेंगे। अतः, जब वे भेंट करते हैं, पूर्ण लाभ उठाने के लिए सभी को खास परिश्रम करनी चाहिए। भेंट के दौरान, आपकी सेवकाई को सुधारने के लिए दिये गये सुझावों को लिख लें और अगली भेंट से पहले उन्हें लागू करने का हार्दिक प्रयास करें। खैर, जब कभी हमें उसकी आवश्यकता हो, तब वे हमें सहायता देने के लिए कलीसिया में उपस्थित हैं। जिन कलीसियाओं में थोड़े कलीसियाई पुस्तक अध्ययन हैं, सेवा अध्यक्ष प्रयास करेंगे कि कम से कम हर छः महीने वे प्रत्येक दल से भेंट करें।
८ सेवा अध्यक्ष के साथ सहयोग करने के लिए हमारी रज़ामन्दी और जब वे हमारे कलीसियाई पुस्तक अध्ययन से भेंट करते हैं उस समय हमारा हार्दिक समर्थन, हमें शिष्य बनाने के कार्य में हमारी प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए और हमारी सेवकाई में अधिक आनन्द प्राप्त करने के लिए सहायक होगा।