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अप्रैल ८ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ४ (१९)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवा से चुनी हुई घोषणाएँ। इस सप्ताहान्त की क्षेत्र सेवकाई व्यवस्थाओं का उल्लेख करें।
२३ मि: “आनेवाली बेहतर परिस्थितियों का सुसमाचार दो।” प्रश्नोत्तर। परिच्छेद ६ की चर्चा करते वक़्त, श्रोतागण से प्रभावकारी प्रकाशकों द्वारा सुझावों की भेंट करें और उन वार्तालाप के मुद्दों पर टीका करें जिन्हें क्षेत्र सेवकाई में उपयोग किया जा सकता है। इन टीकाओं की तैयारी पहले से करवाएँ।
१२ मि: अधिक रुचि उत्तेजित करने के लिए पुनःभेंट करें। लिव फॉरेवर पुस्तक में जिन्होंने भी रुचि दिखायी, उन सभों की तुरन्त पुनःभेंट करने के लिए प्रकाशकों को प्रोत्साहित करें। जहाँ दिलचस्पी पायी गयी है, वहाँ सभों को पुनःभेंट करने के लिए स्नेही प्रोत्साहन देने और उसकी आवश्यकता पर संक्षिप्त चर्चा के बाद, एक छोटा प्रदर्शन प्रस्तुत करें कि कैसे वहाँ एक पुनःभेंट की जा सकती है, जहाँ एक पुस्तक की भेंट की गयी हो।
गीत ६ (४) और अन्तिम प्रार्थना।
अप्रैल १५ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ८७ (४७)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और लेखा रिपोर्ट। अंशदान स्वीकृतियाँ शामिल करें।
१५ मि: स्थानीय आवश्यकताएँ या नवम्बर १, १९९० के द वॉचटावर से “कंटिन्यू टू बी रीएड्जस्टेड” लेख पर भाषण। (प्रान्तीय भाषा: प्रहरीदुर्ग, नवम्बर १, १९९०, “परमेश्वर को सुनने के लिए क्या आप तैयार हैं?”)
२० मि: प्रभावकारी प्रस्तावनाओं की तैयारी करें। वह प्राचीन जो क्षेत्र सेवकाई में प्रभावी है, स्थानीय क्षेत्र के लिए उचित प्रस्तावनाओं की तैयारी करने में प्रकाशकों की मदद करता है। सुझाव रीज़निंग पुस्तक के पृष्ठ ९-१५ पर आधारित हो। दो या तीन प्रस्तावनाओं की चर्चा करें जिन्हें चालू वार्तालाप के विषय या कोई अन्य समयोचित विषय के साथ उपयोग किया जा सकता है। अनुभवी प्रकाशकों द्वारा घर-घर की सेवा के दो प्रस्तुतीकरण प्रदर्शित करवाएँ। जैसे समय अनुमति देता है, संक्षिप्त रूप से स्थानीय अनुभव बताएँ, जो उन प्रस्तावनाओं के मूल्य को चित्रित करती हैं, जो गृहस्वामी में रुचि उत्पन्न करती हैं।
गीत १२९ (६६) और अन्तिम प्रार्थना।
अप्रैल २२ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १३५ (७२)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। ईश्वरशासित समाचार। सेवकाई व्यवस्थाओं का उल्लेख करें और चालू पत्रिकाओं से विशेष मुद्दों की चर्चा करें जिन्हें पत्रिका सेवकाई कार्य में उपयोग किए जा सकते हैं। चालू भेंट प्रस्तुत करने के अनुभवों को बताया जा सकता है। मई में सहायक पायनियर कार्य प्रोत्साहित करें।
१५ मि: “मई के लिए आपकी योजनाएँ क्या हैं?” सेवकाई ओवरसियर द्वारा भाषण। ऐसे तरीक़े सुझाएँ जिस से इस विशेष महिने के कार्य को, मध्य-सप्ताह और संध्या सेवकाई जैसे, बढ़ाया जा सकता है। क्या प्रौढ़ प्रचारक और पायनियर कुछ समायोजन कर सकते हैं ताकि वे व्यवस्था किए गए सामूहिक कार्य को अधिक समर्थन दे सकेंगे?
२० मि: “सुसमाचार की भेंट—आनन्द से।” प्रश्नोत्तरी विचार-विमर्श। परिच्छेद ३ के सम्बन्ध में प्रदर्शित करें कि कैसे एक प्रौढ़ प्रचारक वार्तालाप का विषय या रीज़निंग पुस्तक उपयोग करते हुए एक नए व्यक्ति को प्रस्तुतीकरण तैयार करने में मदद करता है।
गीत १२६ (२५) और अन्तिम प्रार्थना।
अप्रैल २९ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १६८ (८४)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। “अपने सम्पूर्ण आचरण में पवित्र बनो” से मुख्य मुद्दों पर बल दो। साथ ही, सप्ताहान्त की क्षेत्र सेवकाई में सहभागिता प्रोत्साहित करें।
१५ मि: “नए सम्मेलन प्रकाशनों से परिचित बनो।” श्रोतागण के साथ स्पष्ट परिचर्चा, प्रत्येक प्रकाशन के उन मुख्य मुद्दों पर बल देते हुए, जो स्थानीय रूप से सहायक होंगे। इस जानकारी को अपना बनाने में भाइयों ने देरी नहीं करनी चाहिए।
२० मि: “सेवकाई में प्रगति करना।” एक अनुभवी प्राचीन और एक भाई के बीच चर्चा, जो एक ऐसे व्यक्ति का अभिनय करता है जो कुछ समय से सत्य में रहने के बावजूद प्रगति नहीं कर पाया है। उन्हें परिच्छेद ३ में निर्दिष्ट अभ्यास सत्र प्रदर्शित करने दें। परिच्छेद ४ की चर्चा करते वक़्त, एक पायनियर या अन्य प्रभावी प्रचारक एक कम अनुभवी प्रचारक को यह दिखाते हुए प्रदर्शित करें कि कैसे स्थानीय क्षेत्र में समय समय पर सामना की गयी एक स्थिति से निपटा जा सकता है। दिलों तक पहुँचने के विषय पर वॉचटावर, अगस्त १, १९८५ के पृष्ठ १५-२० में दिए सुझावों को चर्चा में शामिल करें। लोगों से बात करने में और पुनःभेंट करने के लिए निश्चित योजना बनाने में सुधार लाने के लिए सभों को प्रोत्साहित करते हुए भाग समाप्त करें।
गीत १२३ (६३) और अन्तिम प्रार्थना