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  • हमारी राज-सेवा—1991
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हमारी राज-सेवा—1991
km 11/91 पेज 2

नवम्बर के लिए सेवकाई सभाएँ

नवम्बर ४ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह

गीत १९९ (४०)

१० मि: स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवा में से उचित घोषणाएँ।

२० मि: “प्रचलित घटनाओं का महत्त्व समझना।” सवाल-जवाब। परिच्छेद ६ पर ग़ौर करने के बाद, नए वार्तालाप के विषय को इस्तेमाल करते हुए एक प्रदर्शन पेश करें। चालू अवेक! पत्रिका में से ख़ास विषय को पेश करें।

१५ मि: अवेक! पत्रिका से हमें व्यक्‍तिगत रूप से किस तरह लाभ हुआ है। योग्य भाई तीन या चार प्रचारकों की मुलाक़ात लेता है। कम से कम एक पाठशाला जानेवाले युवक को शामिल करें।

गीत १७४ (१३) और अन्तिम प्रार्थना।

नवम्बर ११ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह

गीत २७ (७)

५ मि: स्थानीय घोषणाएँ।

१५ मि: “क्षेत्र सेवा में तन-मन से कार्य करें—भाग ४।” भाषण। परिवार के प्रधानों को परिवार के सभी सदस्यों को सुव्यवस्थित होने और युक्‍तिसंगत सेवा लक्ष्य बनाने की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें।

१५ मि: “सुसमाचार की भेंट—प्रकाशनों को अक़्लमन्दी से इस्तेमाल करने के ज़रिए।” सवाल-जवाब। जानकारी को स्थानीय रंग दें।

१० मि: जुलाई १५, १९९१ के वॉचटावर, पृष्ठ २७-३०, पर दिए गए लेख, “दीनता को क्यों ग्रहण करें?” पर आधारित प्रोत्साहक भाषण। (प्रान्तीय भाषाएँ: जुलाई १, १९९०, प्रहरीदुर्ग, “अन्तर्दृष्टि के लिए यहोवा की ओर देखो।”)

गीत ९२ (५१) और अन्तिम प्रार्थना।

नवम्बर १८ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह

गीत १६४ (७३)

१० मि: स्थानीय घोषणाएँ, ईश्‍वरशासित समाचार, लेखा रिपोर्ट, और दान स्वीकृति। मण्डली को अक्‍तूबर के क्षेत्र सेवा रिपोर्ट के बारे में सूचित करें।

२० मि: स्कूल ॲन्ड जेहोवाज़ विटनेसिज़ ब्रोशर की उपयोगिता। एक भाषण। अच्छा होगा यदि यह एक ऐसे प्राचीन द्वारा दिया जाए जो पिता भी हैं। पाठशाला अधिकारियों को यहोवा के गवाहों के विश्‍वासों से वाक़िफ़ कराने और दोनों मसीही माता-पिता तथा युवजन को पाठशाला की गतिविधियों से संबद्ध मामलों में सहायता करने के लिए ब्रोशर की उपयोगिता को विशिष्ट करें। समय-समय पर युवजन के साथ जानकारी पर पुनर्विचार करना चाहिए। जब समस्याएँ या सवाल उत्पन्‍न होते हैं, तब निर्देशन के लिए ब्रोशर को देखें। “साउन्ड मॉरल प्रिंसिपलस्‌” और “हॉलिडेज़ ॲन्ड सेलेब्रेशनस्‌” शीर्षकों के नीचे दी गयी विशेष जानकारी की ओर ध्यानाकर्षित करें। (पृष्ठ ९-११, १७-२१) अन्त में, माता-पिताओं को अपने बच्चों के शिक्षण में दिलचस्पी लेने और पाठशाला के अधिकारियों से सहयोग करने की ज़रूरत को विशिष्ट करें।—पृष्ठ ३०-१.

१५ मि: “अपनी ही ज़िम्मेदारी का भार उठाना।” प्राचीन एक परिवार के साथ इस लेख पर विचार-विमर्श करता है। दर्शकगण में बैठे हुए परिवार के प्रधानों को पूछता है कि किस तरह १९९१ के कार्यक्रम से उनके परिवार की मदद हुई। हर एक को उपस्थित होने के लिए प्रोत्साहित करता है।

गीत १८३ (२४) और अन्तिम प्रार्थना

नवम्बर २५ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह

गीत ५९ (३१)

१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। इस सप्ताह प्रचार कार्य में इस्तेमाल की जानेवाली पत्रिकाओं में से बातचीत करने के मुद्दों का संक्षिप्त रूप से ज़िक्र करें।

२० मि: “मण्डली की पुस्तक अध्ययन व्यवस्था—भाग ४।” सवाल और जवाब। हर एक व्यक्‍ति को पुस्तक अध्ययन समूह के प्रत्येक सदस्य में व्यक्‍तिगत दिलचस्पी लेने की ज़रूरत को विशिष्ट करें।

१५ मि: “अपने बच्चों में मसीही व्यक्‍तित्व विकसित करना।” जुलाई १, १९९१, के वॉचटावर, पृष्ठ २४-७ में दिए गए लेख पर आधारित दो भाइयों द्वारा विचार-विमर्श। माता-पिता की तरफ़ से ज़ोरदार कोशिश की ज़रूरत को विशिष्ट करें। विषय को मण्डली की स्थानीय आवश्‍यकताओं के अनुकूल बनाएँ। (प्रान्तीय भाषाएँ: अप्रैल १९८९ के प्रहरीदुर्ग, “इस अंत के समय में ज़िम्मेवार जनन।”)

गीत ११६ (१०८) और अन्तिम प्रार्थना

दिसम्बर २ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह

गीत १०७ (५७)

१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। दिसम्बर महीने की साहित्य भेंट पर संक्षिप्त रूप से विचार करें।

२० मि: योग्य लोगों को ढूँढ़ निकालना और सिखाना। भाषण और मुलाक़ातें। मत्ती १०:११ पर बल दें। लोगों को घरों में पा सकना एक बढ़ती हुई समस्या है और इस से हमारी उत्पादकता और हर्ष पर एक सुनिश्‍चित असर हो सकता है। क्या किया जा सकता है? (km ७/८५ पृष्ठ ८) अपने बग़ीचों में काम करनेवाले लोगों से बात करें। जो लोग घर पर नहीं हैं, उनका रिकार्ड रखें और बिना देर किए वापस जाएँ। कुछ लोगों ने शाम के वक़्त इन लोगों को घर में पाकर बहुत बढ़िया सफ़लता पायी है, इसलिए शाम के प्रचार कार्य में भाग लें। (km ७/८७ पृष्ठ ८) सड़क पर किया गया प्रचार कार्य भी प्रभावकारी हो सकता है। जब सड़क पर दिलचस्पी रखनेवाले लोगों से मुलाक़ात होती है, तब उनसे उनका नाम और पता ले लें। उनके घरों में उनसे मुलाक़ात करने का प्रबन्ध करें। (दो या तीन प्रचारक और/या पायनियरों से संक्षिप्त मुलाक़ात लें, जिन्होंने शाम के या सड़क के प्रचार कार्य में सफ़लता पायी है।) शैतान हर उपाय का उपयोग करेगा कि हम योग्य लोगों को ढूँढ़ने न पाए। हमें उनके लिए खोजना ही पड़ेगा। “भेड़ें” यीशु की हैं। उसने हमें उन्हें खोजने और खिलाने का आदेश दिया है। (यूहन्‍ना २१:१५-१७) इस बात से हमें यह ज़रूरत समझने की मदद होती है कि यदि संभव हो तो हर घर के सदस्यों से मिल सकें।

१५ मि: यहोवा के गवाहों की जीवन कथाओं से लाभ प्राप्त करना। दो भाइयों द्वारा विचार-विमर्श। द वॉचटावर और अवेक! पत्रिकाओं में परमेश्‍वर के आधुनिक समय के सेवकों की जीवन-कथाएँ समय-समय पर प्रकाशित होती हैं। वॉचटावर पब्लिकेशनस्‌ इन्डेक्स में वे, दोनों, नाम से और लेख के शीर्षक के द्वारा सूचिबद्ध किए गए हैं। (विशेष लेखों को किस तरह ढूँढ़ निकालना चाहिए, इसे दर्शित करें।) यह महत्त्वपूर्ण है कि हम इन लेखों को ध्यान से पढ़ें और उन से ताक़त और प्रोत्साहन लें। हमारे भाइयों और बाइबल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए इस जानकारी को इस्तेमाल करें। अगस्त १, १९९१, के द वॉचटावर, पृष्ठ २५-९ में दिए गए लेख “व्हॉट अ जॉय टू सिट ॲट जेहोवाज़ टेबल!” पर संक्षिप्त में पुनर्विचार करें। उस लेख से विशेष बातों को विशिष्ट करें जो हमें (अ) अपनी क्षेत्र सेवकाई में (ब) परीक्षाओं को सहन करने में (क) यहोवा और उनके संघटन की और भी बेहतर रीति से क़दर करने और (ड) विश्‍वव्यापी भाईचारे की क़दर करने की मदद करती हैं। हम उन लोगों का “अनुकरण” करने से अत्याधिक मात्रा में लाभ प्राप्त करते हैं जो “विश्‍वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।”—इब्रा. ६:११, १२. (प्रान्तीय भाषाएँ: प्रहरीदुर्ग, जनवरी १९९०, “ऐसे बलिदान चढ़ाओ जो परमेश्‍वर को प्रसन्‍न करते हैं।”)

गीत १८ (८१) और अन्तिम प्रार्थना

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