युवाओं—कुशलतापूर्वक अपने क़दम निर्दिष्ट कीजिए
हमारा पिता, यहोवा, युवजनों की आध्यात्मिक उन्नति में व्यक्तिगत दिलचस्पी लेता है। उसके प्रेममय आदेशों को बुद्धिमत्ता से सुनने के द्वारा, युवजन न सिर्फ़ उसका हृदय आनन्दित करते हैं बल्कि अपने मन में विश्राम भी पाते हैं। (नीति. २७:११; मत्ती ११:२८-३०) वे अपने क़दमों के लिए यहोवा को कौशलपूर्ण निर्देशन देने देते हैं।—नीति. १६:९.
२ मसीह यीशु ने अपनी जवानी में एक ऐसा युवा होने का उदाहरण रखा जिसने परमेश्वर और मनुष्यों दोनों का अनुमोदन प्राप्त किया। (लूका २:५२) आज युवाओं को वैसा ही करने का प्रयत्न करना चाहिए। एक युवा व्यक्ति के क़दमों का कौशलपूर्ण निर्देशन आध्यात्मिक बातों की उसकी खोज से दिखना चाहिए। यीशु १२ साल की उम्र में, यहोवा के बारे में दूसरों से बात करने की अपनी इच्छा के लिए जाना गया। (लूका २:४६, ४७) आज युवजनों ने अपना विश्वास दूसरों को समझाने की समान इच्छा दिखाई है।—w९० ७/१ पृष्ठ २९-३०; w८७ १२/१ पृष्ठ २१.
३ ‘अपनी संपत्ति के द्वारा यहोवा की प्रतिष्ठा करने’ के लिए आप युवजन अभी और ख़ासकर गर्मी की छुट्टियों के महीनों के दौरान क्या कर सकते हैं? (नीति. ३:९) क्यों न सुसमाचार के प्रचार और शिक्षा कार्य में जितना समय आप आम तौर से लगाते हैं उसे बढ़ाएं, शायद एक सहयोगी पायनियर के रूप में भी? सेवकाई में अधिक भाग लेने से स्वाभाविक रूप से प्रवाहित होनेवाले अधिक आनन्द और दूसरे लाभों से शायद आप चकित रह जाएं। यह आपको क्षेत्र सेवा में अधिक संख्या में अलग-अलग प्रकाशकों के साथ काम करने का अवसर भी देगा। इस सप्ताहांत आपके साथ काम करने के लिए एक या दो अनुभवी प्रकाशकों को आमंत्रित करने के द्वारा आप शायद अभी ही शुरू कर सकें।
४ अपने बच्चों के साथ सेवकाई में जाने के अतिरिक्त उनके साथ अभ्यास सत्रों के प्रयोग के द्वारा भी माता-पिता उनको अत्यधिक प्रोत्साहन और सहायता दे सकते हैं। कलीसिया में अन्य प्रौढ़ जन युवजनों को द्वार-द्वार की सेवकाई और पुनःभेंट तथा बाइबल-अध्ययन कार्य में उनके साथ जाने के लिए आमंत्रित करने के द्वारा पहल कर सकते हैं। ऐसे आध्यात्मिक रूप से मज़बूत प्रकाशकों के साथ नज़दीकी संगति युवजनों को प्रोत्साहित करेगी और उन्हें “[प्रौढ़ता, NW] की ओर आगे बढ़ते” जाने में मदद करेगी।—इब्रा. ६:१.
५ प्रत्येक मसीही को अपनी शिक्षा-क्षमता को बेहतर बनाने की ज़रूरत है। युवजन कोई अपवाद नहीं हैं। युवजनों, क्या आप अपनी कार्य-नियुक्तियों को अच्छी तरह तैयार करते हैं जिनको देने का विशेषाधिकार शायद आपको थियोक्रैटिक मिनिस्ट्री स्कूल में मिला हो? क्या आपके पास पढ़ने और व्यक्तिगत अध्ययन करने और साथ ही मनन करने के लिए भी एक नियमित सारणी है? जिस विषय पर आप विचार करते हैं क्या आप तत्परता से उसको निजी उपयोग में लाते हैं? क्या आप सभाओं के लिए अच्छी तैयारी करते हैं ताकि आप विषय को पूरी तरह समझेंगे और टिप्पणियाँ करने के लिए तैयार रहेंगे? क्या आप सभाओं के दौरान अभिव्यक्त उपयोगी मुद्दों पर ध्यान देते हैं और हमारी राज्य सेवकाई में दिए सुझावों को प्रयोग करने की कोशिश करते हैं?
६ राज्यगृह की सफ़ाई करने और बुज़ुर्ग या बीमार भाई-बहनों के काम में या दूसरे व्यावहारिक तरीक़ों से उनकी मदद करने के अवसरों को हाथ से जाने न दीजिए। राज्यगृह के खर्च और संस्था के विश्वव्यापी कार्य को संभालने में मदद करने के लिए अपना नियमित अंशदान देने में लापरवाह मत होइए।
७ यदि हम ‘यहोवा के वचन के अनुसार सावधान’ रहते हैं और उसे हमारे क़दमों को निर्दिष्ट करने देते हैं, तो वह हमें ख़ुशी और सेवा के अधिक विशेषाधिकारों की ओर ले जाएगा।—भजन ११९:९.