अप्रैल—“परिश्रम और यत्न” करने का समय
स्मारक समय के हफ्तों के दौरान, यहोवा के लोगों के लिए मनन करने का समय होता है। यह समय यीशु की मौत से जो हासिल हुआ है और उसके बहाए गए खून से परमेश्वर द्वारा जो आशा मिली है, इन बातों पर विचार करने का समय होता है। जब आप पिछले साल के अप्रैल 19 को याद करते हैं, तो आपके सामने कौन-सी तस्वीर उभर आती है? क्या आपको वो चेहरे याद आते हैं, जो आपने उस शाम को देखे थे? स्मारक का वह शानदार आध्यात्मिक माहौल याद आता है? बाइबल पर आधारित वो गंभीर चर्चा और तहेदिल से की गई वो प्रार्थनाएँ याद आती हैं? शायद आपने उस दिन अपने संकल्प को और भी पक्का कर लिया था कि यहोवा और यीशु ने आपके लिए जो प्यार दिखाया है, उसकी आप और भी गहराई से कदर करेंगे। इन बातों पर मनन करने से आप पर अभी क्या असर पड़ रहा है?
2 यह साफ है कि यहोवा के लोग अपना एहसान सिर्फ शब्दों में ही प्रकट नहीं करते। (कुलु. 3:15, 17) यहोवा ने हमारे उद्धार के लिए जो प्रबंध किया है, उसके लिए कदरदानी हमने खासकर पिछले अप्रैल को सेवकाई में पूरी तरह हिस्सा लेकर दिखाया। और ऑक्ज़लरी पायनियरों की संख्या हज़ारों में थी, जो भारत के पिछले साल के शिखर के मुकाबले 34 प्रतिशत ज़्यादा थी। इन पायनियरों के साथ-साथ, राज्य के दूसरे सभी प्रचारकों की मेहनत की वजह से घंटों में, पत्रिकाओं की पेशकश में और रिटर्न विज़िट में एक नया शिखर प्राप्त हुआ। और तब हमारी खुशी और भी बढ़ गई थी, जब हमने देखा कि हज़ारों नए बाइबल अध्ययन शुरू हुए, और स्मारक की हाज़िरी में एक नया शिखर प्राप्त हुआ!
3 इसमें कोई शक नहीं कि हमारी पक्की आशा ही हमें प्रचार काम के लिए उकसाती है। जैसे प्रेरित पौलुस ने कहा था: “हम परिश्रम और यत्न इसी लिये करते हैं, कि हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है; जो सब मनुष्यों का, और निज करके विश्वासियों का उद्धारकर्त्ता है।”—1 तीमु. 4:10.
4 इस बार स्मारक के महीने में, आप यहोवा द्वारा किए गए जीवन के प्रबंधों के लिए अपना विश्वास कैसे ज़ाहिर करेंगे? पिछले अप्रैल में भारत में राज्य प्रचारकों का, दूसरा अभी तक का सबसे बड़ा शिखर हासिल हुआ। क्या इस बार अप्रैल में हम इस संख्या को और बढ़ा सकते हैं? यह तो हमारे हाथ में है। मगर इसके लिए हर प्रचारक को प्रचार में हिस्सा लेने की ज़रूरत है, फिर चाहे वह बपतिस्मा प्राप्त हो या ना हो। कई और नए लोग भी प्रचार काम शुरू करने के काबिल हो सकते हैं। सो जब आप इस अप्रैल में प्रचार काम में परिश्रम और यत्न करने की अपनी योजना बनाएँगे, तो आप ऐसे तरीकों पर भी विचार कर सकते हैं जिनसे आप अपने साथ प्रचार में आने के लिए दूसरों का, जैसे नए या कम अनुभवी लोगों का जोश बढ़ा सकें।
5 दोबारा प्रचार शुरू करने में कुछ प्रचारकों की मदद करना: अगर आप ऐसे भाई-बहनों को जानते हैं जो एक-दो महीने से प्रचार के लिए नहीं गए हैं, तो आप उनका उत्साह बढ़ा सकते हैं। आप उन्हें अपने साथ प्रचार करने के लिए बुलाइए। कलीसिया के कुछ लोग अगर निष्क्रिय हो गए हैं, तो प्राचीन उनसे मिलने की खास कोशिश करेंगे और अप्रैल से उन्हें दोबारा प्रचार काम में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
6 यहोवा की सेवा में हर हाल में लगे रहने के लिए हम सभी को उसकी पवित्र-आत्मा के लिए लगातार बिनती करनी चाहिए। (लूका 11:13) पवित्र-आत्मा पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? परमेश्वर द्वारा प्रेरित वचन पढ़िए। (2 तीमु. 3:16, 17) इसके अलावा, हमें हफ्ते की पाँचों सभाओं में हाज़िर होकर ‘सुनना चाहिए कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।’ (प्रका. 3:6) यही मौका है जब हमें अनियमित या निष्क्रिय भाई-बहनों की मदद करनी चाहिए जिससे वे अपने अध्ययन की आदतें सुधारें और सभाओं में लगातार हाज़िर होना शुरू करें। (भज. 50:23) इसके साथ-साथ हमें अपने आध्यात्मिक हित पर भी ध्यान देना है। लेकिन कुछ और बात भी ज़रूरी है।
7 प्रेरित पतरस ने कहा कि परमेश्वर अपनी पवित्र-आत्मा उन्हें देता है “जो उस की आज्ञा मानते हैं।” (प्रेरि. 5:32) इस आज्ञा मानने में ‘लोगों में प्रचार करना; और गवाही देना’ शामिल है। (प्रेरि. 1:8; 10:42) तो यह सच है कि प्रचार काम में लगे रहने के लिए हमें परमेश्वर की आत्मा की ज़रूरत होती है, मगर यह भी सच है कि जब हम इस काम में लगकर यहोवा को खुश करने की इच्छा दिखाते हैं, तो वह हमारी और भी मदद करता है। परमेश्वर को खुश करने में दिल से उसकी आज्ञा मानकर प्रचार करना शुरूआती कदम हैं, और हमें इन बातों की अहमियत को कभी कम नहीं समझना चाहिए!
8 बच्चों की मदद करना: माता-पिताओ, क्या आपने गौर किया है कि आपके बच्चे दूसरों को सच्चाई के बारे में बताना चाहते हैं? क्या प्रचार काम में वे भी आपके साथ आते हैं? क्या उनका आचरण सबके लिए एक मिसाल है? अगर हाँ, तो फिर आपको कौन-सी बात रोक रही है? आप अपनी कलीसिया की सर्विस कमेटी के एक सदस्य के पास जाकर बात कीजिए। हो सकता है, इस अप्रैल में आपका बच्चा प्रचारक के तौर पर योग्य साबित हो जाए। (आवर मिनिस्ट्री किताब के पेज 99-100 देखिए।) यह ध्यान रखिए कि इस स्मारक महीने में यहोवा की जो ज़ोरदार स्तुति होगी, उसमें आपके बच्चों का एक बहुत बड़ा हिस्सा हो सकता है।—मत्ती 21:15, 16.
9 अमरीका के जॉर्जिया में एक मसीही माँ अपनी बेटी को हमेशा दूसरों के साथ यहोवा के बारे में बात करने के लिए उकसाती थी। पिछले साल जब वह बच्ची अपनी माँ के साथ सेवकाई में गई, तब उसने एक आदमी को माँग ब्रोशर दिया और संक्षिप्त में उसकी विषय-सूची के बारे में समझाया। उस आदमी ने पूछा, “तुम कितने साल की हो?” बच्ची ने जवाब दिया: “सात साल की।” वह आदमी दंग रह गया कि यह बच्ची तो कितनी समझदारी की बातें कर रही है। दरअसल बचपन में उस आदमी का साक्षियों के साथ मेल-जोल रहा था, फिर भी उसने सच्चाई को कभी-भी अपनी ज़िंदगी में गंभीरता से नहीं लिया था। जल्द ही उस आदमी, उसकी पत्नी और बेटी के साथ एक बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया गया।
10 हमारे बीच तो बहुत-से बच्चे पहले से ही प्रचारक हैं, और उनके साथ हमें प्रचार में जाना बहुत अच्छा लगता है। ये बच्चे अपनी उम्र के लोगों का भी हौसला बढ़ा सकते और उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं। मगर, अप्रैल के खास महीने में पूरा परिवार मिलकर पवित्र-सेवा कर सकता है। इससे वे अपना पारिवारिक बंधन और आध्यात्मिकता भी मज़बूत कर सकते हैं। इस काम में परिवार के मुखिया को आगे होना चाहिए।—नीति. 24:27.
11 नए लोगों की मदद करना: उन नए लोगों के बारे में क्या जिनके साथ आप बाइबल का अध्ययन कर रहे हैं? जब अप्रैल के महीने में ज़्यादा मेहनत की जाएगी, क्या उसमें वे भी हिस्सा ले सकते हैं? हो सकता है कि जब आपने ज्ञान किताब के अध्याय 2 के पैराग्राफ 22 या अध्याय 11 के पैराग्राफ 14 पर उनके साथ चर्चा की थी, तब उन्होंने सीखी हुई बातें दूसरों को बताने की इच्छा ज़ाहिर की हो। किताब के अंत में जब आप अध्याय 18 के पैराग्राफ 8 पर चर्चा करते हैं, तो प्रचार के बारे में उनके साथ साफ-साफ बात कीजिए, वहाँ लिखा है: “संभवतः आप अपने रिश्तेदारों, मित्रों, और दूसरों को वो बातें बताने के लिए उत्सुक हैं जो आप सीख रहे हैं। असल में, आप शायद पहले से ही ऐसा कर रहे हैं, जैसे यीशु ने भी अनौपचारिक अवसरों पर दूसरों के साथ सुसमाचार बाँटा। (लूका 10:38, 39; यूहन्ना 4:6-15) अब आप शायद अधिक करना चाहते हैं।” तो क्या आपके विद्यार्थी के बारे में भी यह सच है?
12 क्या आपका विद्यार्थी परमेश्वर के वचन में विश्वास रखता है? क्या वह बाइबल के सिद्धांतों को अमल में ला रहा है? क्या उसने अपना जीवन परमेश्वर के स्तरों के मुताबिक जीना शुरू कर दिया है? क्या वह कलीसिया की सभाओं में आता है? क्या वह यहोवा परमेश्वर की सेवा करना चाहता है? अगर हाँ, तो क्यों ना उसका हौसला बढ़ाएँ कि वह प्राचीनों से जाकर बात करे ताकि वे यह तय कर सकें कि वह बपतिस्मा रहित प्रचारक बनने के योग्य है या नहीं, और आपके साथ अप्रैल में काम कर सकता है या नहीं? (आवर मिनिस्ट्री किताब के पेज 97-9 पर देखिए।) इस तरह वह खुद ही यह अनुभव करेगा कि यहोवा की सेवा करने की उसकी कोशिश में यहोवा का संगठन कैसे उसकी मदद कर रहा है।
13 यह सच है कि कुछ विद्यार्थी दूसरों के मुकाबले जल्दी प्रगति करते हैं। इसलिए हालाँकि जिन विद्यार्थियों ने शुरू में प्रचार काम के लिए दिलचस्पी तो दिखायी, मगर जिन्हें प्रचार में पूरी तरह से भाग लेने के लिए अभी भी थोड़ी मदद की ज़रूरत है, उनके साथ बहुत-से भाई-बहन, जून 2000 की हमारी राज्य सेवकाई में पेज 4 के पैराग्राफ 5-6 में दिए गए निर्देशन के मुताबिक दूसरी किताब से अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन हम आखिर तक यही उम्मीद करेंगे कि “चाहे थोड़े अथवा अधिक समय में” नेकदिल इंसान मसीह के चेले ज़रूर बनेंगे। (प्रेरि. 26:29, NHT) विद्यार्थी के साथ अध्ययन करने में आपने जितने महीने बिताए हैं, अगर उन महीनों को “अधिक समय” कहा जा सकता है, तो क्या इस साल यह स्मारक का महीना एक अच्छा मौका नहीं है कि आपका विद्यार्थी मसीह की छुड़ौती के लिए गहरी कदरदानी दिखाए?
14 हिस्सा लेने में उनकी मदद कैसे करें: यीशु ने जिस तरह दूसरों को प्रचार करने के लिए सिखाया, उससे हम भी योग्य जनों को मदद देने के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। यीशु ने बस कोई भीड़ देखकर, अपने प्रेरितों से यह नहीं कह दिया कि जाओ उनसे बात करो। इसके बजाए, उसने सबसे पहले उन्हें यह बताया कि प्रचार करने की ज़रूरत क्यों है, इस बारे में उसने प्रार्थना और मनन करने के लिए प्रोत्साहित किया और फिर तीन ज़रूरी प्रबंध बताए: साथी, नियुक्त इलाका, और संदेश। (मत्ती 9:35-38; 10:5-7; मर. 6:7; लूका 9:2, 6) आप भी ऐसा ही कर सकते हैं। चाहे आप अपने बच्चे की, नए विद्यार्थी की या फिर किसी ऐसे प्रचारक की मदद करें जो कुछ समय के लिए अनियमित हो गया हो, आप इन मुद्दों को इस्तेमाल करने की खास कोशिश कीजिए।
15 ज़रूरत पर ज़ोर दीजिए: व्यक्ति के मन में प्रचार करने की ज़रूरत को अच्छी तरह बिठा दीजिए। प्रचार काम के बारे में हमेशा उत्साह दिखाइए। कुछ अनुभव बताइए कि कलीसिया प्रचार काम के ज़रिए क्या-क्या हासिल कर रही है। जिस भावना के बारे में यीशु ने मत्ती 9:36-38 में कहा, वैसी भावना दिखाइए। जल्द बननेवाले प्रकाशक को या अनियमित व्यक्ति को सेवकाई में खुद हिस्सा लेने के बारे में और पूरी दुनिया में इस काम को कामयाबी मिले, इसके बारे में प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
16 उसे गवाही देने के अलग-अलग मौकों के बारे में बताइए: बताइए कि वह चाहे तो बुक स्टडी ग्रूप के साथ घर-घर की सेवकाई में हिस्सा ले सकता है। इसके अलावा बताइए कि वह रिश्तेदारों से, जान-पहचानवालों से या साथ काम करनेवालों या साथ पढ़नेवालों से भी लंच ब्रेक के दौरान बात कर सकता है। अगर सफर कर रहे हैं, तो साथ बैठनेवाले में थोड़ी-सी दिलचस्पी दिखाकर भी अकसर आसानी से बातचीत शुरू की जा सकती है। जब हम पहल करते हैं, तो दूसरों को गवाही देने का अकसर बढ़िया मौका मिलता है। इसमें दो राय नहीं कि “दिन दिन” दूसरों को अपनी आशा के बारे में बताने के लिए अनेक अवसर हैं।—भज. 96:2, 3.
17 लेकिन अच्छा होगा कि जल्द-से-जल्द आप और नया प्रचारक घर-घर की सेवकाई में साथ-साथ काम करें। अगर आपने अप्रैल के महीने में ज़्यादा सेवा करने का लक्ष्य रखा है और अगर आपकी सहुलियत के मुताबिक कोई टेरिटरी है, तो टेरिटरी सँभालनेवाले भाई से ऐसी टेरिटरी के लिए पूछिए। इससे आपको अपनी नियुक्त टेरिटरी में अच्छी तरह प्रचार करने का एक बढ़िया मौका मिलेगा। उदाहरण के लिए, जब आप अपना प्रचार काम खत्म करते हैं, या सभाओं के लिए या फिर दूसरी जगह कहीं जा रहे होते हैं, तो शायद आपकी नज़र ऐसे घर पर पड़े जहाँ आपको पहले कोई नहीं मिला था, या जहाँ पहले दिलचस्पी दिखायी गई थी। अगर उचित हो, तो सही समय देखकर घरवाले से थोड़ी देर बात कीजिए। इससे आपको अपनी सेवकाई में खुशी तो मिलेगी ही, साथ ही आप महसूस करेंगे कि आपने अपनी सेवा पूरी की है।
18 इस तरह संदेश पेश कीजिए कि वह दिल को छू जाए: राज्य का संदेश दूसरों को जाकर सुनाने की इच्छा रखना एक बात है, मगर पूरे विश्वास के साथ इसे पेश करना अलग बात है, खासकर अगर व्यक्ति नया है या फिर काफी समय से प्रचार में नहीं गया है। नए प्रचारकों और निष्क्रिय लोगों को पेशकश तैयार करने में मदद करना फायदेमंद है। सेवा सभा, साथ ही क्षेत्र-सेवा के लिए सभा से भी अच्छे सुझाव मिल सकते हैं, मगर निजी तैयारी करना तो बेहद ज़रूरी है।
19 सेवकाई के लिए तैयारी करने में आप नए लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं? पहले उन्हें पत्रिका पेश करना सिखाइए, मगर प्रस्तावना एकदम सरल और छोटी होनी चाहिए। उनसे समाचार की कोई ऐसी घटना बताने के लिए कहिए जिसके बारे में हर कहीं लोग बातें कर रहे हैं। फिर आप हाल की पत्रिकाओं में से, उसी से संबंधित कोई मुद्दा निकालकर उन्हें बताइए। आपस में प्रस्तावना की अच्छी प्रॆक्टिस भी कीजिए और जितनी जल्दी हो सके प्रचार में उसका इस्तेमाल कीजिए।
20 स्मारक में आए नए लोगों को प्रगति करने में मदद दीजिए: पिछले साल दुनिया भर में स्मारक में 148 लाख से भी ज़्यादा लोग हाज़िर हुए थे। और प्रचारक के तौर पर जितनों ने रिपोर्ट किया, उनकी संख्या सिर्फ 60 लाख से थोड़ी ज़्यादा थी। तो इसका मतलब है कि तकरीबन 88 लाख ऐसे थे, जिन्हें थोड़ी-बहुत दिलचस्पी ज़रूर थी। इसीलिए वे इस खास कार्यक्रम में उपस्थित हुए और बाइबल की एक मुख्य शिक्षा के बारे में भाषण सुना। हममें से कुछ लोगों के साथ उनकी जान-पहचान भी बढ़ी, और इसका उन पर ज़रूर अच्छा प्रभाव पड़ा है। हमारे बारे में कई लोगों ने ऊँचे विचार भी व्यक्त किए, विश्व भर में किए जा रहे काम के लिए दान दिए और दूसरों के सामने हमारे पक्ष में बात भी की। ये बड़ी संख्या ज़ाहिर करती है कि भविष्य में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। तो उन्हें और भी प्रगति करने में हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?
21 स्मारक में आनेवाले ज़्यादातर नए लोग अकसर हममें से किसी-न-किसी के बुलावे पर ही आते हैं। तो इसका मतलब है कि वे उस समारोह में कम-से-कम एक व्यक्ति से तो ज़रूर परिचित हैं। जब कोई हमारे बुलावे पर आता है, तो फिर यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम उसका स्वागत करें और उसकी मदद करें ताकि वह कार्यक्रम से पूरा-पूरा फायदा उठा सके। चूँकि हॉल भरा होगा, तो बैठने की जगह पाने में उसकी मदद कीजिए। उसे बाइबल दीजिए और अपनी गीत पुस्तक से उसे भी अपने साथ गाने के लिए गुज़ारिश कीजिए। उसके हर सवालों का जवाब दीजिए। अगर आप उसमें सच्ची दिलचस्पी दिखाएँगे तो सच्चाई के प्रति उसकी दिलचस्पी बढ़ सकती है। वैसे तो यह हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि नया चेहरा देखने पर हम उसका हार्दिक स्वागत करें और थोड़ी बातचीत करके जान-पहचान बढ़ाएँ।
22 स्मारक में उपस्थित होने से व्यक्ति के सोच-विचार पर ज़बरदस्त असर होता है। उसका सभा में आना ही यह दिखाता है कि वह जिसकी तलाश कर रहा है, उसे वह कहीं और नहीं मिली है। और उसे लगता हो कि जो हम बताते हैं उसे गहराई से जाँच करनी चाहिए। इसके अलावा, जब छुड़ौती के अद्भुत इंतज़ाम के बारे में समझाया जाता है, तो यह बात उसके लिए बिलकुल अनोखी और नयी होती है, क्योंकि तब तक वह यहोवा के अपार प्रेम से बिलकुल बेखबर होता है। सो, वह वाकई यह देख सकेगा कि हम कितने अलग हैं। हम नेकदिल, दोस्ताना, प्रेममय हैं और दूसरों की इज़्ज़त करते हैं। हमारे हॉल चर्चों की तरह नहीं हैं जहाँ उसने मूर्तियाँ देखी हैं और जहाँ अर्थहीन रस्म मनाए जाते हैं। इसके अलावा, नए लोगों की नज़रों से यह बात तो बिलकुल नहीं चूकती कि इस समारोह में हर तरह के लोग मौजूद हैं, और यहाँ लोगों के पास जा-जाकर चंदा नहीं माँगा जाता है। जब नए लोग खुद ऐसे हालात से रू-ब-रू होंगे तो फिर से हमारी दूसरी सभाओं में आने के उनके आसार बहुत बढ़ जाएँगे।
23 स्मारक के बाद इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जितने नए लोग स्मारक में आए थे, उनसे दुबारा मुलाकात की जाए। अगर आपने किसी नए व्यक्ति को बुलाया है, तो उसके पास वापस जाना खास आपकी ज़िम्मेदारी बनती है। इसके पहले कि समारोह में आए नए लोग चले जाएँ, उन्हें बताइए कि किंगडम हॉल में दूसरी सभाएँ भी होती हैं। अगले हफ्ते होनेवाले जन-भाषण का विषय बताइए। उन्हें उनके घर के पास के बुक स्टडी ग्रूप का पता और सही समय भी बताइए। बाद में, उन्हें क्रिएटर किताब की एक कॉपी दीजिए और बताइए कि अप्रैल 30 के हफ्ते में “एक किताब से आप अपने सृजनहार के बारे में क्या सीख सकते हैं?” पर चर्चा होनेवाली है। यह भी समझाइए कि क्यों पूरी कलीसिया आनेवाले सर्किट या खास सम्मेलन में जाने की योजना बना रही है जो जल्द ही होनेवाला है।
24 उनके घर दोस्ताना मुलाकात करने का इंतज़ाम कीजिए। निश्चित कीजिए कि उनके पास माँग ब्रोशर और ज्ञान किताब की कापियाँ हों। इनसे वे बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं से वाकिफ हो पाएँगे। अगर वे फिलहाल अध्ययन नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए कहिए। उन्हें यहोवा के गवाह ब्रोशर पढ़ने के लिए दीजिए, जिसमें साफ-साफ समझाया गया है कि हमारा संगठन कैसे काम करता है। उन्हें हमारे विडियो जैसे आवर होल असोसिएशन ऑफ ब्रदर्स देखने के लिए भी बुलाइए। कलीसिया के दूसरे भाई-बहनों से भी उनकी मुलाकात करवाने का इंतज़ाम कीजिए। आनेवाले महीनों में ऐसे नए लोगों से मिलते रहिए और जब कलीसिया में सर्किट ओवरसियर की भेंट होती है तब उन्हें सभाओं में बुलाइए या अगर ज़िला अधिवेशन है तो आप उसके लिए भी उन्हें बुला सकते हैं। उन्हें हर मौका दीजिए ताकि वे दिखा सकें कि वे भी “अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए” हैं!—प्रेरि. 13:48.
25 प्राचीन क्या कर सकते हैं: इस अप्रैल महीने में जो कड़ी मेहनत की जा रही है उसकी कामयाबी बहुत हद तक प्राचीनों पर निर्भर है। अगर आप बुक स्टडी चलाते हैं, तो ऐसी बातों की सूची बनाइए जिससे आप अपने ग्रूप के हर व्यक्ति को इस खास रूप से होनेवाले प्रचार काम में भाग लेने में मदद दे सकें। क्या आपके ग्रूप में कोई बच्चा है, नया है, अनियमित है या निष्क्रिय है? यह पता लगाइए कि क्या माता-पिताओं ने, पायनियरों ने या दूसरे प्रचारकों ने उनकी मदद करने के लिए कोई पहल की है? अपनी तरफ से जितना हो सके आप उतनी मदद करने की कोशिश कीजिए। एक बहन जो दो साल से प्रचार में अनियमित थी, उसने पिछले अप्रैल को 50 घंटे से भी ज़्यादा समय प्रचार में बिताया। यह फर्क उसमें कैसे आ गया? वह कहती है कि चरवाही भेंट के ज़रिए प्राचीनों ने उसका हौसला बढ़ाया था।
26 प्राचीनों और सहायक सेवकों को इस काम में एक-दूसरे का साथ देना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि आनेवाले महीने में सबके लिए भरपूर मात्रा में साहित्य, पत्रिकाएँ और इलाका हो। क्षेत्र-सेवा की सभा के लिए क्या कोई खास इंतज़ाम किया जाएगा? अगर हाँ, तो इसके बारे में सबको ज़रूर इत्तला कीजिए। और सबसे बढ़कर, जब आप कलीसिया में या निजी तौर पर प्रार्थना करते हैं तो ज़ोर-शोर से होनेवाले राज्य के इस प्रचार काम पर यहोवा की खास आशीष माँगना न भूलें।—रोमि. 15:30, 31; 2 थिस्स. 3:1.
27 पिछले अप्रैल में, उत्तर कॆरोलाइना की एक कलीसिया के प्राचीनों ने प्रचार काम में ज़ोर-शोर से हिस्सा लेने के लिए वाकई सबको प्रोत्साहित किया। हर सभा में वे प्रचारकों से मिलकर बात करते कि वे ऑक्ज़लरी पायनियरिंग करने के बारे में प्रार्थनापूर्वक विचार करें। सभी प्राचीनों और सहायक सेवकों ने पूरे जोश के साथ अप्रैल को अब तक का सबसे उम्दा महीना बनाने के बारे में हर मौके पर बात की। नतीजा यह हुआ कि 58 प्रचारकों ने पायनियरिंग की जिनमें प्राचीन और सहायक सेवक भी शामिल थे।
28 पूरा-पूरा हिस्सा लेने से मिलनेवाली खुशी: सेवकाई में “परिश्रम और यत्न” करने से कौन-सी आशीषें मिलती हैं? (1 तीमु. 4:10) पिछले अप्रैल में, कलीसिया के जोश भरे काम के बारे में ऊपर बताए गए वही प्राचीन कहते हैं: “जब से भाई-बहन प्रचार काम में ज़्यादा हिस्सा लेने लगे हैं, तब से वे अकसर ऐसी बातें करते हैं कि उनमें कितना प्रेम बढ़ गया है और वे एक-दूसरे के कितना करीब महसूस करते हैं।”
29 एक जवान अपाहिज भाई भी पिछले अप्रैल में किए जा रहे खास प्रचार काम में अपनी तरफ से पूरा हिस्सा लेना चाहता था। सोच-समझकर की गई योजना की वजह से, साथ ही अपनी माँ और दूसरे भाई-बहनों के सहयोग से उसने उस महीने ऑक्ज़लरी पायनियरिंग की और उसे बहुत ही अच्छे नतीजे मिले। अपने उस अनुभव के बारे में वह कैसा महसूस करता है? वह कहता है: “पहली बार अपनी ज़िंदगी में मुझे लगा कि मैं भी किसी सेहतमंद व्यक्ति से कम नहीं हूँ।”
30 परमेश्वर की राजसत्ता के बारे में लोगों को बताने का जो सम्मान हमें मिला है, जब हम उसकी दिल से कदर करते हैं तो इसमें ज़रा भी शक नहीं कि यहोवा हमें भरपूर आशीष देगा। (भज. 145:11, 12) प्रभु का संध्या भोज मनाने के दौरान हम यह अच्छी तरह समझेंगे कि ऐसी ईश्वरीय भक्ति दिखाने के लिए हमें भविष्य में और भी भरपूर आशीष मिलेगी। प्रेरित पौलुस अनंत जीवन की आशीष पाने के लिए बेसब्र था। लेकिन वह यह भी जानता था कि यह सिर्फ हाथ-पर-हाथ धरे चुपचाप बैठकर आशा करने से नहीं मिलेगी। उसने लिखा: “इसी के लिये मैं उस की उस शक्ति के अनुसार जो मुझ में सामर्थ के साथ प्रभाव डालती है तन मन लगाकर परिश्रम भी करता हूं।” (कुलु. 1:29) यहोवा ने यीशु के ज़रिए पौलुस को ताकत दी ताकि वह एक ऐसी सेवकाई पूरी कर सके जिसमें लोगों की ज़िंदगी और मौत का सवाल था। उसी तरह यहोवा हमें भी ताकत दे सकता है। तो क्या इस अप्रैल में आप भी वही अनुभव हासिल करना चाहते हैं?
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अप्रैल में प्रचार करने के लिए आप किसका हौसला बढ़ा सकते हैं?
अपने बच्चे का?
अपने बाइबल विद्यार्थी का?
ऐसे भाई का जो प्रचार काम में निष्क्रिय हो गया है?