अभिदान और पत्रिका लेनेवालों पर पुनःभेंट कीजिए
यीशु ने अपने अनुयायियों को शिष्य बनाने में लगे रहने का प्रोत्साहन दिया। (मत्ती २८:१९) इसका अर्थ मात्र साहित्य देने से अधिक है; हम लोगों को आध्यात्मिक रूप से प्रगति करने के लिए मदद करना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए हमें उन व्यक्तियों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए लौटना है जो दिलचस्पी प्रकट करते हैं।
२ अगर आपने अपनी पहली भेंट में पत्रिका के एक लेख की विशिष्टताएँ बताने के बाद एक अभिदान दिया, तो लौटने पर उसी विषय पर चर्चा करना अच्छा होगा:
▪“जब में पिछली बार आया था, मैं ने प्रहरीदुर्ग (या अवेक!) के एक लेख की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया। इससे हमें बाइबल की जाँच करने की ज़रूरत का मूल्यांकन करने में मदद मिली। मनुष्यजाति के लिए बेहतर भविष्य का परमेश्वर का उद्देश्य उसके राज्य शासन पर केंद्रित है। मीका ४:३, ४ में उसकी प्रतिज्ञा अभिलिखित है कि यह राज्य सभी युद्धों का अन्त ले आएगा।” शास्त्रवचन पढ़ने के बाद, आप शायद “देख!” ब्रोशर प्रस्तुत करने और मुख-पृष्ठ पर बना चित्र दिखाने का चुनाव करें। पहले अनुच्छेद और उस के लिए दिए गए शास्त्रवचन के हवालों पर ग़ौर कीजिए। नोट कीजिए कि मीका ४:३, ४ उन में से एक है। अनुच्छेद २ से चर्चा आगे बढ़ाने के लिए एक पुनःभेंट का प्रबंध कीजिए।
३ अगर गृहस्वामी ने सिर्फ़ पत्रिकाओं की एकल प्रतियाँ लीं थी और उसकी दिलचस्पी बहुत कम लगती है या उसके पास वार्तालाप करने के लिए समय नहीं है, तो आप शायद उसका नाम मात्र अपने पत्रिका मार्ग में जोड़ने का निर्णय लें:
▪“चूँकि आपने उन पत्रिकाओं में दिलचस्पी प्रकट की जिन्हें मैं ने पहले आपके पास छोड़ा था, मैं ने सोचा कि आप नवीनतम अंकों का आनन्द लेंगे। मैं विश्वास करता हूँ कि आपको यह लेख ख़ास तौर पर दिलचस्प लगेगा।” ऐसा एक लेख दिखाइए जो आपको लगता है उसे आकर्षक लगेगा। अगले अंकों को साथ लेकर लौटने का प्रस्ताव रखिए।
४ अगर गृहस्वामी ने एकल प्रतियाँ पढ़ी थीं और उनके लिए क़दरदानी व्यक्त करता है, तो आप एक अभिदान पेश कर सकते हैं:
▪“चूँकि ऐसा लगता है कि आप प्रहरीदुर्ग (या अवेक!) का आनन्द लेते हैं, मैं चाहूँगा कि आप उनका (प्रहरीदुर्ग या अवेक! या दोनों का) अभिदान लें ताकि आप डाक द्वारा इसे (या इन्हें) नियमित तौर पर प्राप्त कर सकें। आपको निश्चित रूप से हर अंक मिलेगा।” अगर वह एक अभिदान स्वीकार करता है या दिलचस्पी दिखाता है, तो पुनःभेंट करने का प्रबंध कीजिए।
५ पहली भेंट में ही अभिदान पेश करने के बारे में सकारात्मक रहिए। और अगर वह व्यक्ति पत्रिकाओं की सिर्फ़ एकल प्रतियाँ स्वीकार करता है, तो लौटने पर एक अभिदान पेश कीजिए। अभिदान परची पूरी तरह और स्पष्ट रूप से भरना न भूलिए, और तीन प्रतियाँ भरिए—एक प्रति गृहस्वामी के पास रसीद के रूप में छोड़िए और आपकी कलीसिया में अभिदानों को सँभालनेवाले भाई को दूसरी दो प्रतियाँ अंशदान सहित दीजिए। परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार फैलाने में हमारी मदद करने के लिए हमारे पास अद्भुत साधनों के तौर पर प्रहरीदुर्ग और अवेक! हैं। जिन बातों की आज्ञा यीशु ने दी उनके बारे में अधिक सीखने के लिए निष्कपट लोगों को प्रोत्साहन देने में आइए हम इन्हें पूरी तरह इस्तेमाल करें।—मत्ती २८:२०.