अगस्त के लिए सेवा सभाएँ
अगस्त १ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १५९ (६७)
१५ मि:स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य वकाई से उपयुक्त घोषणाएँ। सामयिक पत्रिकाओं में बातचीत के मुद्दों को प्रदर्शित कीजिए जो इस सप्ताहांत क्षेत्र सेवा में विशिष्ट किए जा सकते हैं।
१५ मि:“सकारात्मक मनोवृत्ति रखिए।” सवाल और जवाब। पायनियर या लंबे समय के प्रकाशक का संक्षिप्त इन्टरव्यू लीजिए जो वर्णन करेगा कि क्षेत्र में भावशून्यता या प्रतिरोध के बावजूद भी एक सकारात्मक मनोवृत्ति बनाए रखना कैसे संभव हुआ है।
१५ मि:“ब्रोशर—सेवकाई के लिए मूल्यवान साधन।” श्रोतागण के साथ चर्चा कीजिए। सुझायी गई प्रस्तुतियों के दो अच्छी तरह तैयार किए गए प्रदर्शनों का प्रबंध कीजिए। अगस्त के दौरान पेश किए जाने वाले कुछ ब्रोशरों को दिखाइए। इस सप्ताहांत सेवा में इस्तेमाल करने के लिए श्रोताओं को प्रतियाँ लेने के लिए याद दिलाइए।
गीत १४२ (९३) और समाप्ति प्रार्थना।
अगस्त ८ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २१६ (४९)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ। ईश्वरशासित समाचार।
१५ मि:“अपने भाइयों को अच्छी तरह जानिए।” सवाल और जवाब। श्रोतागण को संक्षिप्त अनुभवों का वर्णन करने के लिए आमंत्रित कीजिए यह दिखाने के लिए कि अनुच्छेद ६ में दिए गए सुझावों को लागू करने के द्वारा वे कैसे दूसरों के साथ बेहतर परिचित होने में समर्थ हुए।
२० मि:ज़्यादा अनौपचारिक गवाही करना। तीन या चार प्रकाशकों का सूमह चर्चा करता है कि इस गतिविधि में वे अपना भाग कैसे विस्तृत कर सकते हैं। जुलाई १, १९८८ प्रहरीदु के पृष्ठ २१-६ को इस्तेमाल करते हुए, दूसरों ने क्या किया है उसपर वे पुनर्विचार करते हैं और इस प्रकार का कार्य ज़्यादा करने के लिए कौन-सी योजना बना रहे हैं उसपर वे बात करते हैं। अध्यक्ष श्रोतागण को इसपर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे सेवा के इस पहलू में कैसे भाग लें।
गीत १८२ (९७) और समाप्ति प्रार्थना।
अगस्त १५ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १६६ (९०)
५ मि:स्थानीय घोषणाएँ, जिसमें लेखा रिपोर्ट और अंशदान स्वीकृतियाँ शामिल हैं।
१५ मि:“पुनःभेंटों पर दिलचस्पी विकसित करना।” श्रोतागण के साथ चर्चा कीजिए। प्रस्तुतियों को पुनःभेंट करने में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है यह दिखाने के लिए दो ३-मिनट के प्रदर्शन शामिल कीजिए। बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए प्रयत्न करने का प्रोत्साहन दीजिए।
२५ मि:“सुव्यवस्थित नित्यकर्म में प्रगतिशील रूप से चलते रहिए।” सवाल और जवाब।
गीत ९६ (१३) और समाप्ति प्रार्थना।
अगस्त २२ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २१८ (१९)
१० मि:स्थानीय घोषणाएँ।
२० मि:मैं परमेश्वर के निकट कैसे आ सकता हूँ? प्रदर्शन। माता-पिता किशोर बच्चों के साथ वा लग पूछते हैं (अंग्रेज़ी) पुस्तक के अध्याय ३९ में दिए विषय की चर्चा करते हैं। पृष्ठ ३१५-१८ के उपशीर्षक “परमेश्वर के साथ अपनी मित्रता की सार्वजनिक रूप से घोषणा करना” की व्याख्या कीजिए। बच्चे दर-दर जाते समय लज्जित महसूस करने के बारे में शिकायत करते हैं और सभाओं को पुनरावर्तक और बारम्बार होनेवाली कहते हैं। माता-पिता उनके साथ कृपाशील तरीक़े से तर्क करते हैं, शास्त्रीय सिद्धान्तों की ओर संकेत करते हुए दिखाते हैं कि यदि उन्हें यहोवा के साथ एक अच्छा संबंध बनाए रखना है तो ये गतिविधियाँ अनिवार्य हैं।
१५ मि:स्थानीय ज़रूरतें। या “सुसमाचार सुनाने की धुन में लगकर” लेख पर भाषण दीजिए जो अप्रैल १, १९९२ की प्रहरीदुर्ग के पृष्ठ ३० पर दिया गया है। यही लेख जुलाई १, १९९१ की द वाचॅटावर के पृष्ठ २८-३० पर दिया गया है।
गीत १८४ (३६) और समाप्ति प्रार्थना।
अगस्त २९ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत १९९ (१०५)
१३ मि:स्थानीय घोषणाएँ। सप्ताहांत के लिए क्षेत्र सेवा प्रबंधों की रूपरेखा दीजिए। एक या दो प्रकाशकों का इन्टरव्यू लीजिए जो सहयोगी पायनियर कार्य करने में अन्यथा गर्मी के महीनों में अपनी गतिविधि विस्तृत करने में समर्थ हुए हों। अनुभव किए गए कुछेक हर्षों का वर्णन कीजिए।
१५ मि:“क्या आप पायनियर श्रेणी में फिर से शामिल हो सकते हैं?” श्रोतागण के साथ चर्चा कीजिए। कोई स्थानीय अनुभव शामिल कीजिए यह दिखाने के लिए कि कैसे एक व्यक्ति पायनियर सेवा में फिर से प्रवेश करने में समर्थ हुआ है या कैसे एक घराने ने अपने एक परिवार सदस्य को इस विशेषाधिकार का लाभ उठाने के लिए सहायता की।
१७ मि:सितम्बर के दौरान सर्वदा जीवित रहना पुस्तक पेश कीजिए। सितम्बर के दौरान इस पुस्तक को वितरित करने और अध्ययन शुरू करने के उत्साही प्रयत्नों को प्रोत्साहन दीजिए। यह १९८२ में रिलीज़ की गई थी और तब से बाइबल अध्ययन संचालित करने के लिए मूल साधन के रूप में इस्तेमाल की गई है। जो प्रतियाँ ज़िला अधिवेशनों में रिलीज़ की गई थीं उनमे यह संदेश था: “हमारी आशा अन्य लोगों के साथ बाँटने में सहायता करने के लिए जिन बातों की ज़रूरत है इस नई अध्ययन पुस्तक में ठीक वही है। . . . इसमें सब महत्त्वपूर्ण बाइबल सच्चाइयाँ हैं जिन्हें नए लोगों को समझने की ज़रूरत है ताकि वे यहोवा को अपना जीवन समर्पित कर सकें और स्वीकार्य रूप से उसकी सेवा कर सकें।” परिणाम प्रकाशकों की वृद्धि से दिखते हैं जो १९८३ में २६,५२,३२३ से १९९३ में ४७,०९,८८९ हो गए। इस पुस्तक का अध्ययन करने के द्वारा कैसे उन्होंने सच्चाई सीखी है या दूसरों के साथ इसका अध्ययन करने के द्वारा उन्होंने कैसे उनकी सहायता की है इसका वर्णन करने के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित कीजिए। जैसे समय अनुमति दे, इस पुस्तक की अन्य विशेषताओं को दिखाइए जिन्हें इसे पेश करते वक़्त विशिष्ट किया जा सकता है।
गीत १६१ (११०) और समाप्ति प्रार्थना।