घोषणाएँ
▪ साहित्य भेंट जून: जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से? (अंग्रेज़ी) ४५ रुपये के चंदे पर। प्रांतीय भाषाओं में कोई भी नयी १९२-पृष्ठवाली पुस्तक १५ रुपये के सामान्य चंदे पर पेश की जा सकती है। जुलाई और अगस्त: निम्नलिखित कोई भी ३२-पृष्ठ का ब्रोशर ५ रुपये के चंदे पर पेश किया जा सकता है: क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, अनन्त काल तक पृथ्वी पर जीवन का आनन्द लीजिए!, “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ,” हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा?, क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, वह परमेश्वरीय नाम जो सर्वदा तक बना रहेगा, वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा, जीवन का उद्देश्य क्या है—आप इसे कैसे पा सकते हैं?, और जब आपका कोई प्रियजन मर जाता है (अंग्रेज़ी)। सितम्बर: पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं २५ रुपये के चंदे पर (बड़ा संस्करण ४५ रुपये का है)। गृह बाइबल अध्ययन आरम्भ करने की कोशिश की जानी चाहिए।
▪ क्योंकि अनेक कलीसियाएँ अपनी डाक-सम्बन्धित समस्याओं की रिपोर्ट कर रही हैं, प्राचीन अपनी स्थिति का स्थानीय रूप से मुआयना कर सकते हैं। कलीसिया द्वारा प्राप्त की गई डाक, जिसमें पत्रिका बण्डल शामिल हैं, के असाधारण परिमाण को ध्यान में रखते हुए प्राचीनों को निश्चित करना चाहिए कि अपने स्थानीय डाक-घर और डाकिए के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाए रखें। इसमें शायद एक या अधिक योग्य भाइयों को नियुक्त करना शामिल हो जो डाक-अधिकारियों के साथ संचार करें और संपर्क रखें, साथ ही साथ इस अतिरिक्त डाक को संभालने और ले आने के लिए मूल्यांकन दिखाने के वास्ते, जैसे स्थानीय तौर पर उचित समझा जाए, डाकिए को टिप भी दें।
▪ प्रिसाइडिंग ओवरसियर या उसके द्वारा नियुक्त किसी भाई को कलीसिया की लेखा-परीक्षा जून १ या उसके बाद यथाशीघ्र करनी चाहिए। ऐसा किए जाने पर कलीसिया में घोषणा कीजिए।
▪ अब से, ज़िला अधिवेशनों, सर्किट सम्मेलनों, और ख़ास सम्मेलन दिनों में केवल हल्के अल्पाहार ही उपलब्ध किए जाएँगे। भोजन परोसा नहीं जाएगा। यदि वे चाहें तो उपस्थित होनेवाले अल्पाहार स्टाल में उपलब्ध भोजन के अतिरिक्त अपना भोजन ला सकते हैं।
▪ गोवा के लिए “आनन्दित स्तुतिकर्ता” ज़िला अधिवेशन का स्थान मड़गाँव से बदल कर माप्सा कर दिया गया है।
▪ जिन कलीसियाओं ने अब तक १९९५ अधिवेशन बैज-कार्ड, जाँच करना १९९६, १९९६ कैलेंडर, १९९६ वार्षिकी, और १९९६ स्मारक आमंत्रण के लिए निवेदन नहीं किया है उन्हें ऐसा तुरन्त करना चाहिए। इस सम्बन्ध में कृपया अप्रैल की हमारी राज्य सेवकाई में की गई घोषणा पर पुनर्विचार कीजिए।