नया सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम
मार्च १९९६ से आरम्भ होते हुए, सर्किट सम्मेलनों का मूल-विषय होगा “परमेश्वर का वचन सुनिए और उसका पालन करना सीखिए।” व्यवस्थाविवरण ३१:१२, १३ पर आधारित यह मूल-विषय, उन पाठों को विशिष्ट करने का उपयुक्त आधार प्रदान करता है जिन्हें हमें सीखनें और लागू करने की आवश्यकता है।
२ हालाँकि आज अधिकांश लोग भ्रामक उत्प्रेरित अभिव्यक्तियों को सुनते हैं, हममें से प्रत्येक के लिए परमेश्वर के वचन को सुनने तथा सीखकर उसका पालन करने की अति आवश्यकता है। (लूका ११:२८; १ तीमु. ४:१) इस बात को मन में रखते हुए, सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम प्रकाशकों, परिवारों, प्राचीनों, और पायनियरों को प्रोत्साहन तथा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। शनिवार को, “अपनी समस्याओं से निपटना—परमेश्वर के वचन पर ध्यान देने के द्वारा” विषय पर चार-भाग वाली एक परिचर्चा होगी। और रविवार की सुबह, शीर्षक “कैसे शास्त्र धार्मिकता में अनुशासित करते हैं” पर एक परिचर्चा होगी। सम्पूर्ण कार्यक्रम आध्यात्मिक प्रोत्साहन प्रस्तुत करेगा जिसे आपको और आपके परिवार को चूकना नहीं चाहिए।
३ शनिवार और रविवार दोनों दिन, क्षेत्र सेवा के लिए व्यवहारिक सुझाव पेश किए और प्रदर्शित किए जाएँगे। प्रोत्साहक और निर्देशपूर्ण अनुभव और इन्टरव्यू भी प्रस्तुत किए जाएँगें। अतः, उपस्थित होने और आप जो सीखते हैं उसे व्यवहार में लाने के दृष्टिकोण से सुनने के द्वारा, आप परमेश्वर के वचन की आज्ञाओं का पूरी तरह से पालन करने की बेहतर स्थिति में होंगे।
४ सर्किट सम्मेलन की एक विशिष्टता नए-नए समर्पित भाइयों और बहनों का बपतिस्मा होगी। अपने समर्पण की इस सार्वजनिक घोषणा से क़ाफी पहले, उम्मीदवारों को बपतिस्मा लेने की अपनी इच्छा को प्रिसाइडिंग ओवरसियर को व्यक्त करना चाहिए ताकि वो प्राचीनों को उनके साथ मिलने का प्रबन्ध कर सकें।
५ इस सर्किट सम्मेलन श्रंखला के जन-भाषण का शीर्षक है “बाइबल द्वारा मार्गदर्शित क्यों हों?” दिलचस्पी रखनेवाले लोगों को उपस्थित होने के लिए आमंत्रित कीजिए। आप और आपके परिवार को जो अति-आवश्यक प्रोत्साहन और सहायता मिलेगी उसकी प्रत्याशा में, सम्पूर्ण कार्यक्रम के लिए उपस्थित होने की निश्चित योजनाएँ बनाइए।