पारिवारिक बाइबल अध्ययन—मसीहियों के लिए एक प्राथमिकता
सभी मानव संस्थानों में पारिवारिक इकाई सबसे पुरानी है। यह यहोवा के लिए मूल्यवान है, क्योंकि उससे “स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।” (इफि. ३:१५) एक परिवार अस्तित्व में आता है जब एक पुरुष और स्त्री विवाह करते हैं। बच्चे यहोवा की देन हैं। (उत्प. २:२४; भज. १२७:३) इसलिए, परिवार की आध्यात्मिकता एक मुख्य चिन्ता है। अकसर जहाँ विश्वासी पारिवारिक सदस्यों के सम्बन्ध में गंभीर समस्याएँ होती हैं, विशेषकर किशोर-किशोरियों के साथ, यह पाया गया है कि घर में पारिवारिक बाइबल अध्ययन संचालित नहीं किया जाता था। दुःख की बात है, लेकिन अनेक परिवार, जिनमें प्राचीनों और सहायक सेवकों के परिवार भी सम्मिलित हैं, अपने स्कूल जानेवाले बच्चों को सांसारिक प्रभावों के क़ाबू में पाते हैं। लगभग हमेशा इस समस्या की जड़ घर में बाइबल उपदेश के प्रति लापरवाही होती है।
२ अगर परिवारों को परमेश्वर के वचन में दिए गए निर्देशनों का पालन करना है तो पारिवारिक अध्ययन के लिए नियमित रूप से समय निकालना ज़रूरी है। परिवार के सिर को नियमित रूप से पारिवारिक बाइबल अध्ययन संचालित करने में परिश्रमपूर्वक लगे रहने की ज़रूरत है, और परिवार के अन्य सदस्यों को भी पारिवारिक उपासना के इस पहलू को सफल बनाने के लिए मदद करनी चाहिए ताकि पूरे परिवार को इससे लाभ हो। सभी को यह बात समझने की ज़रूरत है कि अगर वे परिवार की आध्यात्मिक ज़रूरतों पर अभी उचित ध्यान नहीं देंगे, तो अति संभव है कि उन्हें भविष्य में गंभीर और यहाँ तक कि दुःखदायी समस्याओं का सामना करना पड़े।
३ अध्ययन को कैसे संचालित किया जाना चाहिए? किसका अध्ययन किया जाना चाहिए? इसे कब किया जाना चाहिए और कितने समय तक? आप कैसे निश्चित कर सकते हैं कि आप बच्चे के हृदय तक पहुँचें? इन सवालों के जवाबों के लिए, कृपया अक्तूबर १, १९९४ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) के पृष्ठ २६ पर विचार कीजिए।
४ पारिवारिक अध्ययन को नियमित रूप से और परिवार की ज़रूरतों के अनुकूल किया जाना चाहिए। यह बात दिन के पाठ की चर्चा के सम्बन्ध में भी सच होनी चाहिए। परमेश्वर के वचन की चर्चा के साथ दिन की शुरूआत करना क्या ही बढ़िया बात है! दिन-भर इस पर मनन करना ‘जो जो बातें पवित्र, सुहावनी और मनभावनी हैं, उन पर ध्यान लगाने’ में हमारी मदद करेगा। (फिलि. ४:८) क्या दिन के पाठ की आपकी चर्चा और आपका पारिवारिक अध्ययन नियमित है? क्या आपको इसमें उन्नति करने की ज़रूरत है?
५ सफल पारिवारिक अध्ययन के आवश्यक तत्व हैं, माता-पिता द्वारा दिखाया गया आनन्द और उत्साह। (भजन ४०:८ से तुलना कीजिए।) साथ ही, माता-पिता को अपने बच्चों के प्रयासों के लिए उनकी सराहना करनी चाहिए और यहोवा के सिद्धान्तों को लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए।
६ जब इतने सारे तत्व परिवार की एकता और यहोवा के प्रति एक व्यक्ति की निष्ठा के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, तो यह अत्यावश्यक है कि परिवार का सिर अध्ययन संचालित करने में अगुआई करे। यद्यपि एक अनौपचारिक स्थिति में, जैसे कि भोजन के समय पर आध्यात्मिक मामलों पर चर्चा की जा सकती है, पूर्वायोजित पारिवारिक बाइबल चर्चाएँ परिवार की सफलता और आध्यात्मिक वृद्धि के लिए आवश्यक हैं।—व्यव. ६:६-९.
७ अगर माता-पिता अपने बच्चों की आध्यात्मिक ज़रूरतों पर निरन्तर ध्यान दें, तो अनेक आशीषों का आनन्द अब और भविष्य में उठाया जा सकता है। जैसे-जैसे बच्चे परमेश्वर के नियम का महत्त्व देखते हैं और निश्चित होते हैं कि यह सचमुच भला और लाभदायक है, तो वे सिर्फ़ आदतन सभाओं में उपस्थित होने और सेवकाई में आपके साथ भाग लेने के बजाय सत्य को अपना बनाएँगे। और जब तक वे सत्य को अपना नहीं बनाते, तब तक इसकी काफ़ी संभावना है कि वे शैतान की धूर्त युक्तियों के शिकार हो जाएँगे। इसलिए, माता-पिताओं अपने पारिवारिक अध्ययन को आनन्दपूर्वक वह महत्त्वपूर्ण स्थान दीजिए जिसके वह योग्य है।