प्रश्न बक्स
◼ जब एक नियुक्त जन वक्ता सभा के लिए समय पर पहुँचने से चूक जाता है, तब क्या किया जाना चाहिए?
कभी-कभार, अपरिहार्य परिस्थितियाँ एक भाई को अपना नियत भाषण देने के लिए समय पर पहुँचने से रोक सकती हैं। यदि यह मानने का कारण है कि वह जल्द ही पहुँच जाएगा, तो प्राचीन शायद प्रहरीदुर्ग अध्ययन शुरू करने का निर्णय करें; जन सभा उसके बाद हो सकती है। तब क्या जब यह स्पष्ट हो जाता है कि वक्ता नहीं पहुँचेगा? शायद स्थानीय वक्ताओं में से कोई भाई ऐसा कोई भी भाषण दे सकता है जिसकी उसने पहले ही तैयारी कर ली हो।
सावधानी से की गयी पूर्वयोजना इस समस्या को सामान्यतः दूर करती है। जन भाषण समन्वयक को कम-से-कम एक सप्ताह पहले ही हर वक्ता से उसकी नियुक्ति की उसे याद दिलाने के लिए संपर्क करना चाहिए। अनुस्मारक में सभा का समय, राज्यगृह का पता और, यदि संभव हो तो फ़ोन नम्बर, साथ ही हॉल का कैसे पता लगाना है इसका स्पष्ट निर्देशन सम्मिलित होना चाहिए। वक्ता को इन बारीकियों को ध्यानपूर्वक नोट करना चाहिए। उसे नियुक्ति को गम्भीरतापूर्वक लेना चाहिए, और अपने व्यक्तिगत मामलों में कोई भी आवश्यक समंजन करना चाहिए ताकि वह इस ज़िम्मेदारी को निभा सके। यदि कुछ ज़रूरी काम आन पड़ता है जो उसके ऐसा करने में बाधा डालेगा, तो उसे फ़ौरन जन भाषण समन्वयक से संपर्क करना चाहिए ताकि किसी दूसरे का प्रबन्ध किया जा सके। अन्तिम-क्षण में रद्द करने से बचने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। यदि वक्ता को देरी हो जाती है और उसे कुछ मिनट देर होगी, तो वह राज्यगृह में फ़ोन करने का प्रबन्ध कर सकता है ताकि भाइयों को पता होगा कि उन्हें आगे क्या करना है।
जन भाषण नियुक्तियों के लिए मूल्यांकन, अच्छी पूर्वयोजना और अनुस्मारकें, और ध्यानपूर्वक निरीक्षण यह निश्चित कर सकता है कि कलीसिया हर सप्ताह एक लाभप्रद जन भाषण का आनन्द उठाने में समर्थ होगी।