सब प्रकार के मनुष्यों का उद्धार होगा
यहोवा चाहता है “कि सब [प्रकार के] मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।” (१ तीमु. २:४) हालाँकि लोग कुछ हद तक आनुवंशिकता, पृष्ठभूमि, और वातावरण से प्रभावित होते हैं, उनके पास स्वतंत्र इच्छा है और वे व्यक्तिगत तौर पर चुन सकते हैं कि अपने जीवन को कैसे प्रयोग करें। वे जो अच्छा है उसे कर सकते हैं और जी सकते हैं, या जो बुरा है उसे कर सकते हैं और नष्ट हो सकते हैं। (मत्ती ७:१३, १४) किस प्रकार यह समझ उन लोगों के प्रति हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करती है जिन्हें हम राज्य सुसमाचार बताने के लिए मिलते हैं?
२ हमें यह अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि सच्चाई में एक व्यक्ति की रुचि राष्ट्रीय या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि या समाज में रुतबे जैसे कारकों द्वारा निर्धारित की जाती है। सच्चाई ऐसे लोगों को जिनके पास सीमित या उच्च शिक्षा हो, जो राजनैतिक गतिविधि में अन्तर्ग्रस्त हों, और पेशेवरों, नास्तिकों, अज्ञेयवादियों, और यहाँ तक कि कुख्यात अपराधियों को भी आकर्षित कर सकती है। सभी पृष्ठभूमियों और सामाजिक स्तरों से आए लोगों ने अपने पहले के चाल-चलन को बदला है और अब परमेश्वर के नए संसार में जीवन पाने की प्रत्याशा कर रहे हैं। (नीति. ११:१९) इसलिए, हमें राज्य संदेश लेकर जीवन के हर वर्ग के लोगों से मिलने में झिझकना नहीं चाहिए।
३ इन उदाहरणों पर ग़ौर कीजिए: एक व्यक्ति ने अपने सौतेले पिता की हत्या करने की योजना बनाई थी लेकिन नहीं की। बाद में उसने आत्महत्या करने का निश्चय किया लेकिन नहीं कर सका। जब वह चोरी और नशीले पदार्थों की तस्करी के जुर्म में गिरफ़्तार हुआ, तो उसका विवाह असफल हो गया। आज यह व्यक्ति ईमानदारी से कमा रहा है और एक सुखी विवाह के साथ-साथ अपने सौतेले पिता के साथ एक अच्छे संबंध का भी आनंद उठा रहा है। यह बदलाव कैसे आया? उसने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन किया और जो सीखा उसे लागू किया। यहोवा ने यह नहीं समझा कि वह उद्धार नहीं पा सकता।
४ एक टीवी अभिनेत्री के रूप में एक युवती की ख्याति उसे ख़ुशी नहीं लायी। लेकिन साक्षियों के उच्च नैतिक चाल-चलन से प्रभावित हो कर, उसने एक बाइबल अध्ययन स्वीकार किया, और वह शीघ्र ही दूसरों की राज्य सुसमाचार सीखने में सहायता करने लगी। घर-घर की सेवकाई में वह जहाँ भी गयी उसे पहचान लिया गया, लेकिन उसने प्रसन्नतापूर्वक समझाया कि वह एक अभिनेत्री के बजाय यहोवा के साक्षियों में से एक के तौर पर पहचाने जाना चाहती थी।
५ जब एक साक्षी ने प्रहरीदुर्ग के एक अभिदानकर्ता के साथ एक बाइबल अध्ययन का प्रबन्ध किया, तो एक पड़ोसन ने इसके बारे में सुना और अध्ययन में उपस्थित हुई। पड़ोसन ने तुरन्त उस सच्चाई को पहचान लिया जिसके लिए वह खोज कर रही थी! उसने और उसके पति ने उन्हें मिली एक तलाक़ की आज्ञप्ति रद्द कर दी और सुलह कर ली। वह ज्योतिषविद्या में काफ़ी अन्तर्ग्रस्त थी और एक प्रेतात्मवादी पंथ से जुड़ी हुई थी, लेकिन उसने तुरन्त मँहगी पुस्तकें और पिशाचवाद से सम्बंधित बाक़ी जो भी उसके पास था उसे फेंक दिया। शीघ्र ही वह सभाओं में उपस्थित होने लगी और अपने नव-प्राप्त विश्वास के बारे में रिश्तेदारों और मित्रों से बात करने लगी। अब वह दूसरों को उत्साह से साक्षी देती है।
६ हमें किसी भी व्यक्ति के बारे में पहले से निर्णय नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, आइए हम सभी जगह लोगों को जोश के साथ सुसमाचार बाँटें। हमारे पास आश्वस्त होने का हर कारण है कि यहोवा, जिसकी “दृष्टि मन पर रहती है,” वह ‘सब प्रकार के मनुष्यों का उद्धारकर्त्ता’ बनेगा।—१ शमू. १६:७; १ तीमु. ४:१०.