वे ऐसा क्यों करते हैं?
मसीह के बारे में यह पूर्वबताया गया था कि ‘उसके भवन की धुन [“उत्साह,” NW] उसे भस्म कर डालेगी।’ (भज. ६९:९, NHT) यहोवा की सच्ची उपासना के लिए यीशु के उत्साह ने उसे सेवकाई को प्रथम स्थान देने के लिए प्रेरित किया। (लूका ४:४३; यूह. १८:३७) सच्चाई के प्रति गवाही देने का यही उत्साह आज यहोवा के साक्षियों की सेवकाई में प्रतिबिंबित होता है। गत सेवा वर्ष में, दुनिया-भर में हर महीने पायनियर सेवा के किसी-न-किसी पहलू में औसतन ६,४५,५०९ जनों ने भाग लिया। परमेश्वर के प्रति अपने समर्पण को मद्देनज़र रखते हुए, हम में से प्रत्येक को प्रार्थनापूर्वक विचार करना चाहिए कि क्या हम अपनी परिस्थिति को यूँ व्यवस्थित कर सकते हैं जिससे कि हम एक सहयोगी या एक नियमित पायनियर के तौर पर सेवा कर सकें।—भज. ११०:३; सभो. १२:१; रोमि. १२:१.
२ ऐसी रीति-व्यवस्था में जीते हुए जो स्वार्थपूर्ण रूप से भौतिकवादी है, दुनिया के अनेक लोग यह समझना कठिन पाते हैं कि क्यों कोई व्यक्ति ऐसी सेवकाई में इतनी मेहनत करेगा जिससे उसे न तो कोई आर्थिक फ़ायदा होता है ना ही शोहरत मिलती है। पायनियर ऐसा क्यों करते हैं? वे जानते हैं कि वे एक जीवन-रक्षक कार्य में अंतर्ग्रस्त हैं। यहोवा और अपने संगी मनुष्यों के प्रति गहरे प्रेम से प्रेरित होकर, वे जान बचाने में मदद करने के लिए एक प्रबल, व्यक्तिगत बाध्यता महसूस करते हैं। (रोमि. १:१४-१६; १ तीमु. २:४; ४:१६) एक पायनियर दंपति ने यह कहने के द्वारा अच्छी तरह से इसका सार दिया: “हम पायनियर-कार्य क्यों कर रहे हैं? यदि हमने ऐसा नहीं किया तो क्या हम यहोवा को कभी इसकी सफ़ाई दे सकते हैं?”
३ एक और बहन ने पायनियर-कार्य शुरू करने के अपने फ़ैसले के बारे में यह लिखा: “मेरे पति और मैंने एकल आमदनी पर जीविका चलाने की योजनाएँ बनायीं, जिसका अर्थ था सारी अनावश्यक चीज़ों को त्याग देना। फिर भी, यहोवा ने हमें भरपूर आशिष दी है, और हमें ग़रीब या ज़रूरतमंद नहीं छोड़ा। . . . मुझे जीने के लिए सच्चा कारण मिल गया है—ज़रूरतमंदों को यह जानने में मदद करना कि यहोवा, अर्थात् सच्चा परमेश्वर उसके ढूँढ़नेवालों से दूर नहीं है।” समय की अत्यावश्यकता को देखते हुए पायनियर, स्थायी आध्यात्मिक ख़ज़ाने की उत्सुकता से तलाश करते हुए जीवन की मूल ज़रूरतों से संतुष्ट हैं।—१ तीमु. ६:८, १८, १९.
४ यदि आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियाँ अनुमति देती हैं, तो क्यों न दुनिया-भर में आपके उन लाखों भाई-बहनों के साथ शामिल हो जाएँ जो पायनियर-कार्य कर रहे हैं? इस तरह आप भी उनके जैसे हर्ष का अनुभव कर सकते हैं।