ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की कार्य-नियुक्तियों में जनवरी ६ से अप्रैल २१, १९९७ के सप्ताहों में चर्चा किए गए विषय का बंद-पुस्तक पुनर्विचार। नियत समय में जितने सवालों के जवाब आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग काग़ज़ का प्रयोग कीजिए।
[सूचना: लिखित पुनर्विचार के दौरान, किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए, सिर्फ़ बाइबल इस्तेमाल की जा सकती है। सवालों के बाद दिए गए हवाले आपकी व्यक्तिगत खोज के लिए हैं। द वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के हवालों में शायद हर जगह पृष्ठ और अनुच्छेद क्रमांक नहीं दिए गए हों।]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन का सही या ग़लत में जवाब दीजिए:
१. घमण्ड हमारी व्यक्तिगत त्रुटियों को मानने और सलाह स्वीकार करने में बाधा बन सकता है। [rs पृ. ३९१ अनु. १]
२. पृथ्वी पर कोई भी अधिकारी पाप क्षमा नहीं कर सका जब तक कि यीशु की मृत्यु नहीं हुई और छुड़ौती प्रदान नहीं की गयी थी। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९६ ४/१५ पृ. २९ देखिए।]
३. जकर्याह ९:२-४ की पूर्ति में, नबूकदनेस्सर द्वारा सोर पूरी तरह नष्ट किया गया था। [si पृ. १६९ अनु. ४]
४. बपतिस्मा उद्धार की एक गारंटी है। [uw पृ. १०० अनु. १२]
५. परमेश्वर उन “प्राकृतिक विपदाओं” का दोषी नहीं है जो हमारे दिनों के लिए पूर्वबतायी गयी थीं, वैसे ही जैसे मौसम-विज्ञानी उस मौसम के ज़िम्मेदार नहीं हैं जिसकी वे पूर्वसूचना देते हैं। [rs पृ. ३९८ अनु. १-३]
६. असिद्ध मनुष्यों के सभी पाप छुड़ौती द्वारा ढँके जाते हैं। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९५ १२/१५ पृ. २९ देखिए।]
७. मत्ती २५:३१-४६ में उल्लिखित “बकरियों” में, जो अनन्त विनाश भोगेंगी, बड़े बाबुल के सक्रिय सदस्य और उनके धार्मिक अगुवे शामिल होंगे। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९५ १०/१५ पृ. २६ अनु. १३-१५ देखिए।]
८. मत्ती २३:३३ में अभिलिखित यीशु के शब्द संकेत करते हैं कि एक समूह के रूप में, शास्त्री और फरीसी, सर्प के वंश का भाग थे। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९६ ६/१ पृ. ११ अनु. ११ देखिए।]
९. दूसरों को क्षमा करना परमेश्वर द्वारा हमारे पापों को क्षमा किया जाना संभव करता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-९४ ९/१५ पृ. ७ देखिए।]
१०. यीशु का मृत्यु में बपतिस्मा २९ सा.यु. में शुरू हुआ और तब तक ख़त्म नहीं हुआ, जब तक कि वह सचमुच मर नहीं गया और उसका पुनरुत्थान नहीं हुआ। [uw पृ. ९७ अनु. ६]
निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए:
११. आज मनुष्य किन तरीक़ों से यीशु के बलिदान से लाभ उठाते हैं? [kl पृ. ६८-९ अनु. १७-१९]
१२. यीशु मसीह द्वारा अदा की गयी कौन-सी दो भूमिकाएँ जकर्याह ६:१२, १३ में वर्णित थीं? [si पृ. १७२ अनु. २५]
१३. उनकी आलोचना करने के बजाय जिनके बारे में हम सोचते हैं कि वे राज्य सेवा में और कर सकते हैं, हमें स्वयं व्यक्तिगत रूप से क्या करना चाहिए? (गल. ६:४) [uw पृ. ९३ अनु. १३]
१४. जकर्याह के अनुग्रह नामक लाठी तोड़ने का क्या अर्थ था? (जक. ११:७-११) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८९ ६/१ पृ. ३२ देखिए।]
१५. किस प्रकार पाप सब मनुष्यों में फैल गया? [kl पृ. ५८ अनु. १३]
१६. मलाकी ४:५ की पूर्ति में, किस अर्थ में “भविष्यवक्ता एलिय्याह” प्रथम शताब्दी में प्रकट हुआ? [si पृ. १७४ अनु. १५]
१७. किस प्रकार एक व्यक्ति परमेश्वर को लूट सकता है? (मला. ३:८) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९५ ४/१५ पृ. १८ अनु. १५ देखिए।]
१८. गंभीर मुश्किलों से निपटने के लिए यीशु ने जो ठोस सलाह दी वह मत्ती की पुस्तक में कहाँ पायी जाती है? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९५ ७/१५ पृ. २२ देखिए।]
१९. मत्ती २०:१-१६ में अभिलिखित यीशु के दृष्टांत में उल्लिखित “दीनार” क्या है? [साप्ताहिक बाइबल पठन; gt ९७ अनु. ६.देखिए।]
२०. परमेश्वर द्वारा दुष्टता की अनुमति से साबित हुई दो बातें बताइए। [kl पृ. ७७-८ अनु. १८-२०]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन को पूरा करने के लिए आवश्यक शब्द या वाक्यांश दीजिए:
२१. पहली तीन सुसमाचार पुस्तकों को अकसर सहदर्शी कहा जाता है, जिसका अर्थ है _________________________। [si पृ. १७५ अनु. ३]
२२. यदि कोई व्यक्ति जो परमेश्वर की आत्मा रखने का दावा करता है, अपने जीवन में आत्मा के _________________________ उत्पन्न नहीं करता और _________________________ और उसकी प्रथाओं से अलग नहीं रहता, तो उसके दावे का कोई आधार नहीं है। [rs पृ. ४०२ अनु. ३-६]
२३. प्रकाशितवाक्य २०:१२ में उल्लिखित मृतजनों का उनके पुनरुत्थान _________________________ किए गए कार्यों के आधार पर न्याय किया जाएगा। यह हमें इस बात की क़दर करने में सहायता करता है कि उनका पुनरुत्थान अनिवार्य रूप से _________________________ का पुनरुत्थान नहीं होगा। (यूह. ५:२८, २९) [uw पृ. ७५ अनु. १२]
२४. हालाँकि यीशु को वास्तव में व्यक्तिगत नाम _________________________ नहीं दिया गया था, मनुष्य के रूप में उसकी भूमिका ने उस नाम के _________________________ की पूर्ति की। (यशा. ७:१४; मत्ती १:२२, २३) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९२ १/१५ पृ. २२ देखिए।]
२५. जो “आत्मा” मृत्यु के समय मनुष्यों से चली जाती है यह वह _________________________ है जिसका उद्गम परमेश्वर से होता है। (भज. १४६:४) [kl पृ. ८१ अनु. ५-६]
प्रत्येक निम्नलिखित कथन में सही जवाब चुनिए:
२६. ऐसा प्रमाण है कि मत्ती ने अपनी सुसमाचार पुस्तक (इब्रानी; आरामी; यूनानी) में लिखी और बाद में उसे (इब्रानी; आरामी; यूनानी) में अनुवादित किया। [si पृ. १७६ अनु. ६]
२७. (शेषवर्ग; १,४४,०००) में से अधिकतर जन स्वर्ग में हैं, और (शेषवर्ग; १,४४,०००), जो अब भी पृथ्वी पर हैं, (शासी निकाय; विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास वर्ग) बनाते हैं। [uw पृ. ८० अनु. ७]
२८. यीशु अपने (जन्म; बपतिस्मे; पुनरुत्थान) के समय मसीहा बना, जो कि वर्ष (२ सा.यु.पू.; २९ सा.यु.; ३३ सा.यु.) में हुआ। [kl पृ. ६५ अनु. १२]
२९. “पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा” (२९ सा.यु.; ३३ सा.यु.; ३६ सा.यु.) में शुरू हुआ। (मत्ती २८:१९) [uw पृ. ९८ अनु. ९]
३०. जैसा मत्ती १०:४१ में अभिलिखित है, यीशु के चेलों को भविष्यवक्ता के रूप में स्वीकार करनेवालों से उसने जिस प्रतिफल की प्रतिज्ञा की थी, वह है (अनन्त जीवन; दैवी सुरक्षा; राज्य संदेश को सुनना)। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI८८ ३/१ पृ. २४ देखिए।]
निम्नलिखित शास्त्रवचनों का नीचे सूचीबद्ध कथनों के साथ सुमेल कीजिए:
जक ४:६; मत्ती ४:८-१०; मत्ती १६:१९; इब्रा. १३:५, ६; याकू. १:१३; १ यूह. ५:१९
३१. परमेश्वर उन अनेक कष्टों का कारण नहीं है जो मानवजाति को पीड़ित करते हैं। [kl पृ. ७१ अनु. ३]
३२. यीशु के सच्चे अनुयायी इस संसार के राजनीतिक मामलों में शामिल होने से इनकार करते हैं। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९६ ५/१ पृ. १२ अनु. ९ देखिए।]
३३. परमेश्वर के राज्य से सम्बन्धित ज्ञान यहूदियों, सामरियों, और अन्यजातियों के लिए स्वर्ग का मार्ग खोलता। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९१ ३/१५ पृ. ५ देखिए।]
३४. हमारे प्रचार कार्य के विश्वव्यापी विरोध को मानव प्रयास से नहीं, बल्कि यहोवा के निर्देशन और संरक्षण से पार किया गया है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-HI९४ ८/१ पृ. २५ अनु. ४ देखिए।]
३५. मसीहियों के पास संसार की ओर पीठ कर लेने का उचित कारण है। [kl पृ. ६० अनु. १८]