बढ़ोतरी के लिए यहोवा पर भरोसा रखिए
“मैंने एक नयी कलीसिया स्थापित करने में, मदद करने के अनूठे आनंद का पहली बार अनुभव किया। इसके लिए दो साल की कड़ी मेहनत, नित्य प्रार्थनाएँ और यहोवा पर भरोसा रखने की ज़रूरत थी, जो ‘बढ़ानेवाला’ है।” एक कर्त्तव्यनिष्ठ पायनियर ने, जिसने बढ़ोतरी के लिए यहोवा पर भरोसा रखने की ज़रूरत को पहचाना था, यह लिखा। (१ कुरि. ३:५-९) आध्यात्मिक रुझान दिखानेवाले लोगों की खोज में, यदि हम चाहते हैं कि हमारी सेवकाई फल लाए तो हमें भी परमेश्वर के सहारे की ज़रूरत है।—नीति. ३:५, ६.
२ बढ़ोतरी जुताई की माँग करती है: यदि सच्चाई के बीज को बढ़ाना है तो उसकी जुताई करने की आवश्यकता होती है। पहली भेंट के बाद, एक या दो दिनों में ही दोबारा मिलने से अकसर अच्छे नतीजे निकलते हैं। स्नेही और दोस्ताना रहिए। दूसरे व्यक्ति को सहज होने दीजिए। खुद ही बोलते मत रहिए। उससे जान-पहचान बढ़ाइए और दिखाइए कि आप उसमें निजी दिलचस्पी रखते हैं।
३ जुलाई और अगस्त के दौरान, हम जिन लोगों से मिलते हैं, उन्हें देने के लिए विभिन्न प्रकार के ब्रोशरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फिर भी, जहाँ दिलचस्पी दिखाई जाती है और जहाँ वितरण किए जाते हैं, वहाँ हमें दोबारा भेंट करने की भी ज़रूरत है। हम पुनःभेंट करने और बाइबल अध्ययनों की पेशकश करने के द्वारा ऐसा करते हैं। (मत्ती २८:१९, २०) ऐसा करने के लिए, अध्ययन शुरू करने में माँग ब्रोशर का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप शायद निम्नलिखित चार सुझावों को सहायक पाएँ।
४ यदि आपने किसी ऐसे व्यक्ति से बात की थी जिसने इस संसार की बिगड़ती हालत के बारे में चिंता दिखाई थी, तो आप अपनी बातचीत को इस तरह ताज़ा कर सकते हैं:
▪ “मेरा विश्वास है कि आप भी मानव समाज में नैतिक गिरावट के बारे में उतने ही चिंतित हैं जितना कि मैं हूँ। हम घरेलू हिंसा की दुःखद ख़बरें सुनते हैं, जिनका परिणाम होता है बच्चों, माता-पिता और विवाह-साथी के साथ दुर्व्यवहार। और ऐसा लगता है कि कुछ लोगों के लिए खुद की इच्छा पूरी करने के वास्ते झूठ बोलना या चोरी करना कोई बड़ी बात नहीं है। क्या आपको लगता है कि लोग अपना जीवन जिस तरह बिताते हैं उससे परमेश्वर को फ़र्क़ पड़ता है? [जवाब के लिए रुकिए।] परमेश्वर ने मनुष्यों के रहने के लिए कुछ स्तर बनाए हैं और वे वाक़ई कठिन नहीं हैं।” १ यूहन्ना ५:३ पढ़िए। इसके बाद माँग ब्रोशर पेश कीजिए और उसमें पाठ १० खोलिए। पहला अनुच्छेद पढ़िए। अनुच्छेद २-६ के आरंभ में दिए गए उन शब्दों और वाक्यांशों को दिखाइए जो तिरछे टाइप में हैं और गृहस्वामी से पूछिए कि इनमें से कौन-से ऐसे कार्य हैं, जिन्हें वह समाज के लिए हानिकारक समझता है। संबंधित अनुच्छेद पढ़िए और जैसे अवसर मिलता है, एक या दो शास्त्रवचन पढ़िए। अनुच्छेद ७ पढ़कर समाप्त कीजिए और उसके बाद आगे चर्चा के लिए वापस भेंट करने का प्रबंध कीजिए।
५ परिवार की चिंता करनेवाले जिन लोगों से आप मिले हैं, उन्हें आप कुछ इस तरह कह सकते हैं:
▪ “क्या आप सोचते हैं कि यह उम्मीद रखना उचित है कि एक सफल पारिवारिक जीवन का निर्माण करने के लिए जिन औज़ारों की ज़रूरत है सृष्टिकर्ता हमें वे देगा?” जवाब के लिए रुकिए। माँग ब्रोशर प्रस्तुत कीजिए, पाठ ८ निकालिए और समझाइए कि इसमें परिवार के सदस्यों के लिए बाइबल से सिद्धांत दिए गए हैं। यह प्रदर्शित करने का प्रस्ताव रखिए कि ब्रोशर से सबसे ज़्यादा लाभ उठाने के लिए इसका बाइबल के साथ कैसे प्रयोग करें। ब्रोशर के पृष्ठ २ पर दिए गए निर्देशनों का पालन कीजिए। उस पाठ का अध्ययन जारी रखने के लिए दोबारा भेंट कीजिए। यदि आप उसे पूरा कर लेते हैं, तो ऐसे किसी अन्य पाठ का अध्ययन करने के लिए जाइए जिसे गृहस्वामी ब्रोशर से चुनता है।
६ यहाँ बातचीत का एक सीधा तरीक़ा दिया गया है जिसे आप हमारे बाइबल अध्ययन कार्यक्रम की पेशकश के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। “माँग” ब्रोशर दिखाइए और कहिए:
▪ “इस ब्रोशर में एक विस्तृत अध्ययन पाठ्यक्रम है, जिसमें बाइबल की बुनियादी शिक्षाएँ शामिल हैं। प्रत्येक पृष्ठ पर आप उन सवालों के जवाब पाएँगे जिन्होंने सदियों से लोगों को परेशान किया है। उदाहरण के लिए, पृथ्वी के लिए परमेश्वर का उद्देश्य क्या है?” पाठ ५ निकालिए और पाठ के शुरू में दिए गए प्रश्न पढ़िए। गृहस्वामी से पूछिए कि उसे इनमें से सबसे दिलचस्प कौन-सा लगता है और फिर उससे संबंधित अनुच्छेद पढ़िए, साथ ही उपयुक्त शास्त्रवचनों को पढ़िए। समझाइए कि इस सवाल के जवाब की तरह ही बाक़ी प्रश्नों के उत्तर भी आसानी से ढूँढ़े जा सकते हैं। यह प्रस्ताव रखिए कि आप एक और सवाल तथा उसके जवाब के बारे में चर्चा करने दोबारा आएँगे।
७ या आप बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए शायद एक आसान तरीक़ा अपनाना पसंद करें, आप यह कह सकते हैं:
▪ “क्या आप जानते हैं कि चंद मिनटों में आप एक महत्त्वपूर्ण सवाल का जवाब पा सकते हैं? उदाहरण के लिए, . . . ” फिर एक सवाल पढ़िए जो ब्रोशर के किसी पाठ के शुरू में दिया गया है और जो आपको लगता है कि उस व्यक्ति को पसंद आएगा। जिन सवालों को आप शायद इस्तेमाल करें, उनके बारे में जानकारी के लिए मार्च १९९७ की हमारी राज्य सेवकाई के अंतःपत्र, जिसका शीर्षक है: “पुनःभेंट करने का साहस प्राप्त कीजिए” के अनुच्छेद १५ और १६ देखिए।
८ पुनःभेंट करने और बाइबल अध्ययन संचालित करने की चुनौती को ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार करना परमेश्वर के “सहकर्मी” होने का एक भाग है। (१ कुरि. ३:९) जब हम पायी गयी दिलचस्पी को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और फिर बढ़ोतरी के लिए यहोवा पर भरोसा रखते हैं, तब हम उस सच्ची संतुष्टि का आनंद उठाएँगे जो दूसरे किसी काम से नहीं मिल सकती।