पायनियर सेवा—क्या आप कर सकते हैं?
“मैं इसके अलावा कुछ और करने की सोच भी नहीं सकता। मैं वाकई नहीं सोच सकता कि कोई और काम मुझे इतनी ही खुशी दे सकता है।” यह किसने कहा? उन लाखों यहोवा के साक्षियों में से एक जिन्होंने पूर्ण-समय की सेवकाई को अपने जीवन में एक पेशा बनाया है, जिससे वे खुश हैं। क्या पायनियर सेवा करने के बारे में आपने प्रार्थनापूर्वक विचार किया है? चूँकि यहोवा के प्रति हमने खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है तो हमें निश्चित ही विचार करना चाहिए कि हम राज्य का सुसमाचार प्रचार करने में अधिकाधिक हिस्सा ले सकते हैं या नहीं। यही बात मन में रखते हुए पायनियर सेवा के बारे में कई लोगों द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्नों पर कृपया ध्यान दीजिए।
प्रश्न १: “कुछ कहते हैं कि सभी लोग पायनियर-कार्य नहीं कर सकते। मैं कैसे जानूँ कि मैं कर सकता हूँ या नहीं?”
२ इसका उत्तर आपकी परिस्थितियों और बाइबल पर आधारित आपके कर्त्तव्यों पर निर्भर करता है। कई लोग स्वास्थ्य या अपनी वर्तमान परिस्थिति के कारण हर महीने सेवकाई में ९० घंटे नहीं बिता पाते। ऐसी अनेक वफादार बहनों का उदाहरण लीजिए जो मसीही पत्नियाँ और माताएँ हैं। ये सेवकाई में अकसर अपनी परिस्थिति अनुसार जितना हो सके उतना हिस्सा लेती हैं। जब मौका मिलता है, ये साल में एकाध बार सहयोगी पायनियर-कार्य करती हैं और यूँ सेवा में ज़्यादा हिस्सा लेकर आनंद की कटनी काटती हैं। (गल. ६:९) जबकि फिलहाल अपनी परिस्थितियों के कारण ये पूर्ण-समय पायनियर नहीं बन पाईं, फिर भी ये पायनियर आत्मा को बढ़ावा देती हैं और सुसमाचार के जोशीले प्रकाशकों के तौर पर कलीसिया के लिए आशीष हैं।
३ दूसरी तरफ जिन भाई-बहनों के कर्त्तव्य कम हैं, उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में फेरबदल करके पायनियर सेवा के लिए समय निकाला है। आपके बारे में क्या? क्या आप ऐसे युवा हैं जिसने स्कूली पढ़ाई खत्म कर ली है? क्या आप ऐसी पत्नी हैं जिसका पति परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर लेता है? क्या आप विवाहित हैं और बच्चों की ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो चुके हैं? क्या आप नौकरी से रिटायर हो चुके हैं? पायनियर-कार्य करें या न करें इसका निर्णय हर व्यक्ति को खुद करना चाहिए। सवाल यह है कि क्या आप अपने जीवन में पायनियर-कार्य करने के लिए समय निकाल सकते हैं?
४ शैतान इस रीति-व्यवस्था के ज़रिए हमारे जीवन को विकर्षणों से भरता है और एक स्वार्थी जीवन जीने के लिए हमें प्रेरित करता है। अगर हमने तय किया है कि हमें संसार का कोई भाग नहीं होना है, तो राज्य हितों को प्रथम स्थान देने और हमारे सामने उपलब्ध ईश्वरशासित सेवा के सारे विशेषाधिकारों को आगे बढ़कर ग्रहण करने में यहोवा हमारी मदद करेगा। अगर आप पायनियर के तौर पर सेवा करने के लिए अपनी परिस्थितियों में कुछ फेरबदल कर सकते हैं तो फिर ऐसा करने में देर क्यों?
प्रश्न २: “मैं कैसे निश्चित हो सकता हूँ कि पूर्ण-समय सेवा में मैं अपना खर्च खुद उठा सकूँगा?”
५ यह सच है कि कई देशों में पिछले कुछ सालों से जीवन की मूल ज़रूरतों को पाने के लिए हर सप्ताह जितने घंटे नौकरी पर बिताए जाते थे, वे अब बढ़ गए हैं। फिर भी, अनेक लोगों ने दशकों से पायनियर-कार्य किया है और यहोवा ने उन्हें लगातार सँभाला है। पायनियर-कार्य में सफल होने के लिए विश्वास और आत्म-त्याग की भावना की ज़रूरत है। (मत्ती १७:२०) भजन ३४:१० से हमें यह आश्वासन मिलता है कि “यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।” जो भी पायनियर सेवा शुरू करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा इस दृढ़ विश्वास के साथ करना चाहिए कि यहोवा उनकी देखरेख करेगा। और वह हर कहीं वफादार पायनियरों की देखरेख इसी प्रकार कर रहा है! (भज. ३७:२५) बेशक, २ थिस्सलुनीकियों ३:८, १० और १ तीमुथियुस ५:८ के सिद्धांतों के सामंजस्य में पायनियर दूसरों से आर्थिक मदद की अपेक्षा नहीं करते।
६ जो पायनियर सेवा करने की सोच रहा है, उसे यीशु के कहे अनुसार ‘पहिले बैठकर खर्च जोड़ना’ चाहिए। (लूका १४:२८) ऐसा करना व्यावहारिक बुद्धि को दर्शाता है। उनसे बात कीजिए जिन्होंने अनेक सालों से सफलतापूर्वक पायनियर-कार्य किया है। पूछिए कि यहोवा ने उन्हें कैसे सँभाला है। आपका सर्किट ओवरसियर एक अनुभवी पायनियर है जो खुशी-खुशी आपको पूर्ण-समय सेवकाई में सफल होने के बारे में सुझाव देगा।
७ एक व्यक्ति मत्ती ६:३३ में दिए गए यीशु के वादे को शायद तब तक पूरी तरह नहीं समझ पाए जब तक कि वह खुद को यहोवा के हाथों में सौंप नहीं देता। एक वफादार पायनियर ने कहा: “जब मैं और मेरी पायनियर साथी नियुक्त किए गए नए क्षेत्र में पहुँचे तो हमारे पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी, बस थोड़ी सब्ज़ी और वनस्पति-घी का छोटा पैकेट था। जो कुछ था वह शाम को खा लेने के बाद हमने कहा, ‘अब कल के लिए हमारे पास कुछ नहीं।’ हमने इसके बारे में प्रार्थना की और सोने चले गए। दूसरे ही दिन सुबह-सुबह वहाँ की एक साक्षी आई, उसने अपना परिचय देते हुए कहा, ‘मैंने प्रार्थना की थी कि यहोवा पायनियरों को भेजे। अब मैं आपके साथ सारा दिन सेवा में गुज़ार सकती हूँ लेकिन, चूँकि मैं दूर गाँव में रहती हूँ मुझे दोपहर का खाना आपके साथ खाना पड़ेगा, इसलिए मैं सबके लिए खाना साथ लायी हूँ।’ बहन अपने साथ ढेर सारा मांस और सब्ज़ियाँ लायी थी।” जैसा कि यीशु ने हमें आश्वासन दिया था, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि हम ‘अपने प्राण के लिये चिन्ता करना छोड़’ सकते हैं! उसने आगे कहा: “तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?”—मत्ती ६:२५, २७.
८ संसार में हर तरफ लोग ज़्यादा-से-ज़्यादा भौतिक चीज़ों के पीछे भाग रहे हैं। संसार के ही साँचे में ढलने के लिए हम पर अधिकाधिक दबाव आ रहे हैं। लेकिन पूर्ण-समय सेवकाई के लिए गहरी कदर होने से हम बहुत कम में भी संतुष्ट रहेंगे। (१ तीमु. ६:८) सादा और व्यवस्थित जीवन जीनेवाले पायनियरों के पास सेवा के लिए अधिक समय होता है और दूसरों को सच्चाई सिखाकर ये अधिक खुशी और आध्यात्मिक मज़बूती पाते हैं। हालाँकि ये संन्यासियों की तरह जीने की कोशिश नहीं करते परंतु अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में संतुलित दृष्टिकोण रखने की वज़ह से ये पायनियर-कार्य की आशीषों का आनंद उठा पाते हैं।
९ अगर आपको यह तीव्र एहसास है कि हम अंतिम दिनों में जी रहे हैं और कि इस दुष्ट संसार का अंत बहुत निकट है तो आप हर मौके पर सुसमाचार प्रचार करने की खातिर ज़रूरी त्याग करने के लिए आध्यात्मिक रूप से प्रेरित होंगे। अपनी आर्थिक स्थिति पर दोबारा गौर करने और मामला यहोवा के हाथों में सौंपने से आप शायद जान लें कि आप पूर्ण-समय के लिए उसकी सेवा कर सकते हैं। पायनियर-कार्य करने के लिए अगर आपको कुछ भौतिक वस्तुओं की चाहत को छोड़ना भी पड़े फिर भी आप यहोवा की भरपूर आशीषों का आनंद उठा पाएँगे।—भज. १४५:१६.
प्रश्न ३: “एक किशोर होने के नाते मैं पेशे के रूप में पायनियर सेवा का चुनाव क्यों करूँ?”
१० जब आप कुछ ही सालों में अपनी स्कूली पढ़ाई खत्म करनेवाले होते हैं, उस वक्त आपका भविष्य के बारे में सोचना स्वाभाविक है। आप चाहते हैं कि वह सुरक्षित, आनंदपूर्ण और संतुष्टिदायक हो। शिक्षक शायद आपको पैसे बनानेवाला पेशा चुनने को उकसाएँ, जिसमें कई सालों तक कॉलेज की शिक्षा लेनी पड़े। आपका सुप्रशिक्षित मसीही अंतःकरण कहता है कि आपको पूरी तरह से यहोवा की सेवा करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। (सभो. १२:१) फिर बाद में आप शायद विवाह कर अपना घर बसाने की बात भी सोचें। आप क्या करेंगे?
११ ज़िंदगी के इस मोड़ पर आप जो भी फैसले करेंगे उसका असर शायद आपके पूरे भविष्य पर पड़े। अगर आप पहले ही यहोवा के समर्पित, बपतिस्मा-प्राप्त साक्षी हैं तो आपने खुद को तन-मन से यहोवा को दे दिया है। (इब्रा. १०:७) पहला मौका मिलते ही आप एक या ज़्यादा महीनों के लिए सहयोगी पायनियर-कार्य करके देखें। इससे आप उस आनंद और उन ज़िम्मेदारियों का मज़ा चख पाएँगे जो नियमित पायनियर-कार्य करने से मिलते हैं और फिर अपने जीवन के साथ क्या करना है, यह लक्ष्य आपको बेशक साफ नज़र आएगा। इसलिए स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद अपने खाली समय में पूर्ण-समय नौकरी करने के बजाय क्यों न नियमित पायनियर-कार्य शुरू करें? कुछ लोग जिन्होंने बहुत समय बाद पायनियर सेवा का आनंद लेना शुरू किया, वे पछताते हैं कि उन्होंने यह कार्य पहले क्यों नहीं शुरू किया।
१२ एक नवयुवक होने के नाते जब तक आप अविवाहित हैं तब तक उस अवस्था का फायदा उठाकर पूर्ण-समय प्रचार काम में मिलनेवाले लाभों का आनंद लीजिए। यदि किसी दिन आप शादी करने की सोचते हैं तो शादी के लिए इससे बढ़िया और कोई नींव नहीं कि आप पहले नियमित पायनियर-कार्य करें। जैसे-जैसे आप प्रौढ़ होते और आध्यात्मिकता में बढ़ते जाते हैं, आप अपनी तरह ही सोचनेवाली विवाह-साथी के साथ अपनी ज़िंदगी एक पायनियर बनकर बिताना चाहें। मिलकर पायनियर-कार्य करनेवाले कुछ जोड़ों ने सर्किट कार्य शुरू किया है या कुछ खास पायनियर बन गए हैं। वाकई एक संतोषदायक जीवन!
१३ चाहे आप कितने ही साल पायनियर-कार्य क्यों न करें आपने संपूर्ण शिक्षा पा ली होगी और ऐसा मूल्यवान प्रशिक्षण पा लिया होगा जो दुनिया का कोई दूसरा पेशा आपको नहीं दे सकता। पायनियर-कार्य आपको अनुशासन, व्यक्तिगत व्यवस्था, लोगों से व्यवहार करना, यहोवा पर निर्भर होना तथा धीरज और कृपा विकसित करना सिखाता है। ये ऐसे गुण हैं जो आपको और भी बड़ी ज़िम्मेदारियाँ लेने में समर्थ करेंगे।
१४ मनुष्यजाति के लिए ज़िंदगी पहले से कहीं ज़्यादा अनिश्चित हो गयी है। यहोवा ने जो वादा किया है, उसे छोड़ बहुत ही कम चीज़ें हकीकत में स्थायी हैं। चूँकि आपका भविष्य आपके सामने खुला है इससे बेहतर समय और कब हो सकता है कि आप इस बात पर गंभीरतापूर्वक सोचें कि आनेवाले सालों में आप अपने जीवन के साथ क्या करेंगे? पायनियर-कार्य करने के विशेषाधिकार पर बड़े ध्यान से विचार कीजिए। पायनियर सेवा को एक पेशा बनाकर आप कभी भी नहीं पछताएँगे।
प्रश्न ४: “घंटे पूरे करने के लिए क्या लगातार दबाव नहीं रहता? अगर मैं अपने घंटे पूरे नहीं कर पाया तो?”
१५ जब आप नियमित पायनियर-कार्य करने की अर्ज़ी भरते हैं तो आपको इस प्रश्न का उत्तर देना पड़ता है: “क्या आपने अपने व्यक्तिगत मामलों को इस तरह से व्यवस्थित कर दिया है कि आप १,००० घंटों की सालाना माँग अच्छी तरह पूरी कर सकते हैं?” इसे पूरा करने के लिए आपको हर दिन सेवा में औसतन तीन घंटे बिताने होंगे। ज़ाहिर है कि इसके लिए अच्छी समय-सारणी और आत्म-अनुशासन की ज़रूरत है। बहुत-से पायनियरों ने कुछ महीनों में ही एक व्यावहारिक, कारगर नित्यक्रम बना लिया है।
१६ फिर भी सभोपदेशक ९:११ सच ही कहता है कि “सब समय और संयोग के वश में है।” गंभीर बीमारी या अन्य संयोगों के कारण घंटे पूरे करने में पायनियर पिछड़ सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक नहीं रहती और सेवा वर्ष की शुरूआत में ही आ जाती है तो घंटे पूरे करने के लिए शायद सारणी में कुछ ज़्यादा घंटे जोड़ने की ज़रूरत पड़े। लेकिन क्या हो, अगर समस्या तब आती है जब सेवा वर्ष खत्म होने में बस कुछ ही महीने रह गए हैं और पायनियर घंटे पूरे नहीं कर सकता?
१७ यदि आप कुछ महीनों के लिए बीमार पड़े हैं या किसी और आवश्यक कारण से जो आपके बस के बाहर था, आप घंटे पूरे नहीं कर सकते तो आप कलीसिया सेवा कमेटी के किसी सदस्य को समस्या बता सकते हैं। यदि ये प्राचीन सोचते हैं कि बचे हुए घंटों को पूरा करने की चिंता किए बगैर पायनियर सेवा ज़ारी रखना आपके लिए उचित होगा तो वे ऐसा फैसला कर सकते हैं। कलीसिया का सचिव यह दिखाने के लिए प्रकाशक रिकार्ड कार्ड पर लिख देगा कि आपको बचे हुए घंटे पूरे करने की ज़रूरत नहीं है। यह काम से छुट्टी न होकर आपकी परिस्थिति को मद्देनज़र रखते हुए खास रिआयत दी गई है।—अक्तूबर १९८६, हमारी राज्य सेवकाई (अंग्रेज़ी) का अंतःपत्र, अनुच्छेद १८ देखिए।
१८ अनुभवी पायनियर सेवा वर्ष की शुरूआत में ही काफी घंटे कर लेते हैं। पायनियर सेवा उनकी प्राथमिकता होती है इसलिए वे कभी-कभी गैर-ज़रूरी बातों में दिए जा रहे समय को कम करना ज़रूरी समझते हैं। यदि पायनियर अच्छी समय-सारणी न होने या उसका पालन करने में आत्म-अनुशासन की कमी के कारण अपने घंटे पूरे नहीं कर पाता तो उसे एहसास होना चाहिए कि बचे हुए घंटों को पूरा करना उसकी ज़िम्मेदारी है और उसे खास रिआयत की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
१९ ऐसे वक्त आते हैं जब पायनियर के जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं जिन्हें वह बदल नहीं पाता। वह पाता है कि लगातार स्वास्थ्य समस्या के रहने से, घरेलू ज़िम्मेदारी के बढ़ने से और ऐसे ही अन्य कारणों से वह काफी समय से अपने ज़रूरी घंटों को पूरा नहीं कर पा रहा। ऐसे समय पर फिर से प्रकाशक बनना और जब कभी संभव हो तब सहयोगी पायनियर के तौर पर सेवा करना बुद्धिमानी की बात होगी। यदि एक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के कारण नियमित रूप से अपने घंटे पूरे नहीं कर पा रहा, तो उसके लिए ऐसा कोई प्रबंध नहीं है कि वह पायनियर सूची में बना रहे।
२० योग्य जनों को खास रिआयत देने के प्रबंध से हम आशा करते हैं कि अधिक लोग बेकार की चिंता किए बगैर पायनियर सेवा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। पहले से पूर्ण-समय सेवा कर रहे लोगों को भी पायनियर-कार्य करते रहने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए। हम चाहते हैं कि पायनियर अपनी पूर्ण-समय की सेवा में सफल हों।
प्रश्न ५: “मैं कुछ हासिल करके उसमें खुशी पाना चाहता हूँ। क्या पायनियर सेवा से मुझे संतुष्टि मिल सकती है?”
२१ सच्ची खुशी ज़्यादातर यहोवा के साथ हमारे करीबी, व्यक्तिगत संबंध और इस दृढ़-विश्वास पर निर्भर करती है कि हम वफादारी से उसकी सेवा करते हैं। यीशु ने “उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था” यातना स्तंभ का दुःख सहा। (इब्रा. १२:२) परमेश्वर की इच्छा पूरी करने से उसे खुशी मिली। (भज. ४०:८) इस वर्तमान रीति-व्यवस्था में हम सच्ची खुशी पा सकते हैं अगर हमारे जीवन के अधिकांश कार्य यहोवा की उपासना से संबंधित हों। आध्यात्मिक कार्यों से हमें जीवन में मकसद मिलता है क्योंकि दिल के किसी कोने में हम जानते हैं कि हम सही कर रहे हैं। देने से खुशी मिलती है और इससे बेहतर कोई तरीका नहीं कि हम दूसरों को परमेश्वर के नए संसार में अनंत जीवन पाने की शिक्षा दें।—प्रेरि. २०:३५.
२२ पायनियर जिसका ज़िक्र शुरूआत में किया गया है उसने यूँ कहा: “जिस व्यक्ति के साथ आपने अध्ययन किया हो, उसे यहोवा का एक सक्रिय स्तुतिकर्ता बनते हुए देखने से ज़्यादा क्या कोई और ख़ुशी की बात हो सकती है? यह देखना रोमांचक और विश्वास-वर्धक है कि परमेश्वर का वचन लोगों को अपने जीवन में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करने में कितना शक्तिशाली है ताकि वे यहोवा को प्रसन्न करें।” (१५ अक्तूबर १९९७, प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ १८-२३ देखिए।) सो, आपको किस बात से खुशी मिलती है? अगर संसार द्वारा पेश किए गए क्षणिक सुख के बजाय आप स्थायी, अच्छे काम की कदर करते हैं तो पायनियर-कार्य आपको कुछ हासिल करने का एक गजब का एहसास दिलाएगा जो वास्तव में आपको खुश करेगा।
प्रश्न ६: “अगर अनंत जीवन पाने के लिए यह ज़रूरी नहीं है तो क्या पायनियर बनना या न बनना मेरी मर्ज़ी नहीं?”
२३ बेशक, पायनियर बनने या न बनने का फैसला आपका है। केवल यहोवा ही आपके जीवन की व्यक्तिगत परिस्थितियों को आँक सकता है। (रोमि. १४:४) वह आपसे उचित ही अपेक्षा करता है कि आप उसकी सेवा सारे मन, प्राण, बुद्धि और शक्ति से करें। (मर. १२:३०; गल. ६:४, ५) वह हर्ष से देनेवाले से प्रेम करता है जो उसकी सेवा खुशी से करे, न कि कुढ़ कुढ़ के या दबाव से। (२ कुरि. ९:७; कुलु. ३:२३) पूर्ण-समय सेवा करने का आपका कारण होना चाहिए यहोवा से और अपने क्षेत्र में लोगों से प्रेम। (मत्ती ९:३६-३८; मर. १२:३०, ३१) यदि आप ऐसा ही महसूस करते हैं तो आपको पायनियर सेवा पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।
२४ हम आशा करते हैं कि यहाँ जो बातें बताई गई हैं, वे पायनियर-कार्य करने की संभावनाओं पर विचार करने में आपकी मदद करेंगी। नियमित पायनियर-कार्य करने के लिए क्या आप अपनी परिस्थितियों में कुछ फेरबदल कर सकते हैं? नीचे कलेण्डर दिया गया है जिसका शीर्षक है “पायनियर सेवा की मेरी साप्ताहिक सारणी।” देखिए क्या आप अपने लिए एक व्यावहारिक सारणी तैयार कर सकते हैं जो आपको सेवकाई में हर हफ्ते औसतन २३ घंटे डालने में मदद देगी। और फिर, यहोवा पर अपना पूरा विश्वास और भरोसा रखिए। उसकी मदद से आप सफल हो सकते हैं! उसने वादा किया है: ‘मैं तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करूँगा।’—मला. ३:१०.
२५ इसलिए हम पूछते हैं, “पायनियर सेवा—क्या आप कर सकते हैं?” अगर आप “हाँ” कह सकते हैं तो जल्द ही नियमित पायनियर-कार्य शुरू करने के लिए एक तारीख निश्चित कर लीजिए और निश्चिंत रहिए कि यहोवा आपको खुशहाल जीवन की आशीष देगा!
[पेज 6 पर चार्ट]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
पायनियर सेवा की मेरी साप्ताहिक सारणी
सोमवार सुबह क्षेत्र सेवा
मंगलवार सुबह क्षेत्र सेवा
बुधवार सुबह क्षेत्र सेवा
गुरुवार सुबह क्षेत्र सेवा
शुक्रवार सुबह क्षेत्र सेवा
शनिवार सुबह क्षेत्र सेवा
रविवार सुबह क्षेत्र सेवा
सोमवार दोपहर क्षेत्र सेवा
मंगलवार दोपहर क्षेत्र सेवा
बुधवार दोपहर क्षेत्र सेवा
गुरुवार दोपहर क्षेत्र सेवा
शुक्रवार दोपहर क्षेत्र सेवा
शनिवार दोपहर क्षेत्र सेवा
रविवार दोपहर क्षेत्र सेवा
सोमवार शाम क्षेत्र सेवा
मंगलवार शाम क्षेत्र सेवा
बुधवार शाम क्षेत्र सेवा
गुरुवार शाम क्षेत्र सेवा
शुक्रवार शाम क्षेत्र सेवा
शनिवार शाम क्षेत्र सेवा
रविवार शाम क्षेत्र सेवा
सप्ताह के हर दिन में सारणी पैंसिल से लिखिए।
क्षेत्र सेवा में हर हफ्ते करीब २३ घंटे की सारणी बनाइए।
सप्ताह भर के कुल घंटों की सारणी ____________________