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हमारी राज-सेवा—1998
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घोषणाएँ

◼ जुलाई और अगस्त के लिए साहित्य भेंट: निम्नलिखित कोई भी ३२ पृष्ठवाला ब्रोशर पेश किया जा सकता है: अनन्त काल तक पृथ्वी पर जीवन का आनन्द लीजिए!, क्या आपको त्रियेक में विश्‍वास करना चाहिए?, क्या परमेश्‍वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपके किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है (अंग्रेज़ी), जीवन का उद्देश्‍य क्या है—आप इसे कैसे पा सकते हैं? और वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा। जहाँ उचित हो वहाँ इन ब्रोशरों को पेश किया जा सकता है, जैसे क्या कभी युद्ध के बिना एक संसार होगा? (अंग्रेज़ी), परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है?, मृत जनों की आत्माएँ—क्या वे आपकी मदद कर सकती हैं या नुकसान पहुँचा सकती हैं? क्या वे सचमुच अस्तित्त्व में हैं? (अंग्रेज़ी), सब लोगों के लिए एक किताब और हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? सितंबर: ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है। नहीं तो, सृष्टि या सर्वदा जीवित रहना पुस्तक को पेश किया जा सकता है। सूचना: जिन कलीसियाओं ने ऊपर बतायी गई किसी भी अभियान वस्तु को अभी तक नहीं मँगवाया है तो उन्हें अपने अगले साहित्य निवेदन फार्म (S-AB-14) में इसके लिए निवेदन कर देना चाहिए। अक्‍तूबर: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के लिए अभिदान। जहाँ अभिदान स्वीकार नहीं किया जाता है वहाँ प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! की प्रतियाँ पेश की जा सकती हैं।

◼ अगस्त के महीने में पाँच सप्ताहांत हैं। इसीलिए कई लोगों के लिए सहयोगी पायनियर-कार्य करने का यह एक बढ़िया मौका है।

◼ सितंबर २१, १९९८ से शुरू होनेवाले सप्ताह से कलीसिया पुस्तक अध्ययन में एक के बाद एक ब्रोशरों का अध्ययन किया जाएगा। पहले परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? का अध्ययन किया जाएगा।

◼ उपलब्ध नए प्रकाशन:

परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है?—थांगुल

जब आपके किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है—गुजराती

प्रहरीदुर्ग १९९७ का सजिल्द खंड

सजग होइए! १९९७ का सजिल्द खंड

◼ पुनः उपलब्ध प्रकाशन:

कुरुक्षेत्र से अरमगिदोन तक—और आपकी उत्तरजीविता?—मलयालम

परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है?—मलयालम

मृत जनों की आत्माएँ—क्या वे आपकी मदद कर सकती हैं या नुकसान पहुँचा सकती हैं? क्या वे सचमुच अस्तित्त्व में हैं?—अंग्रेज़ी

राज्य का यह सुसमाचार—कन्‍नड़

◼ प्रकाशन जो उपलब्ध नहीं हैं:

आपकी युवावस्था—इसका पूरा लाभ उठाना—अंग्रेज़ी खुशी—इसे कैसे पाएँ?—अंग्रेज़ी

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