मदद के लिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए
यीशु ने अपने शिष्यों के दिल में यह बात बिठाई कि प्रचार के काम पर यहोवा की आशीष होना बहुत ज़रूरी है। (मत्ती ९:३७, ३८) सो, जब हम प्रार्थना में दिल से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करते हैं, उससे निवेदन और बिनती करते हैं, तो यह ज़ाहिर होता है कि मदद के लिए हम उस पर पूरी तरह निर्भर हैं। (फिलि. ४:६, ७) बाइबल हमसे आग्रह करती है कि हम ‘हर प्रकार की प्रार्थना और बिनती’ करते रहें। इसलिए, हमें प्रचार के काम पर भी यहोवा की आशीष के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।—इफि. ६:१८.
२ हम यहोवा की स्तुति करते हैं क्योंकि उसके गुण और उसके काम बेमिसाल हैं। जिस सुसमाचार का हम प्रचार करते हैं वह उसी की ओर से है इसलिए भी हम उसकी स्तुति करते हैं। इस वज़ह से भी यहोवा हमारी स्तुति पाने के योग्य है क्योंकि वही हमारी सेवकाई को कामयाब बनाता है।—भज. १२७:१.
३ हम यहोवा का धन्यवाद करते हैं क्योंकि उसने हमें अपनी इच्छा और मकसद के बारे में समझ दी है। राज्य की सच्चाइयों के बारे में दूसरों को बताना क्या हमारे लिए सम्मान की बात नहीं है? प्रचार काम में हमें जो भी सफलता मिलती है उसके लिए हम यहोवा को धन्यवाद कहते हैं।—भज. १०७:८; इफि. ५:२०.
४ हम यहोवा से यह निवेदन कर सकते हैं कि वह ऐसे लोगों को ढूँढ़ने में हमारी मदद करे जो बाइबल स्टडी करना चाहेंगे। हम यह भी निवेदन कर सकते हैं कि सच्चाई को उनके दिल तक पहुँचाने में वह हमारी मदद करे। ऐसे निवेदनों से हम ज़ाहिर करते हैं कि प्रचार काम में परमेश्वर की मदद से ही हमारी मेहनत का फल मिलता है।—१ कुरि. ३:५-७.
५ एक बहन मैगज़ीन रूट में एक स्त्री को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ देती थी। लेकिन उसे लगा कि वह स्त्री शायद उन्हें नहीं पढ़ती है। बहन नहीं चाहती थी कि ये अनमोल पत्रिकाएँ बेकार जाएँ। इसलिए उसने यहोवा से निवेदन किया कि अगर वह स्त्री पत्रिकाएँ नहीं पढ़ती है तो वह इन्हें लेना भी बंद कर दे। जब बहन अगली बार उससे मिलने गई तो उस स्त्री के पति ने कहा: “आपका बहुत-बहुत शुक्रिया क्योंकि आप हमें हर पत्रिका लाकर देती हैं। मैं इन्हें बराबर पढ़ता हूँ और ये मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।”
६ हम यहोवा से नम्र होकर सच्चे दिल से बिनती कर सकते हैं कि जब प्रचार में लोग हमारी बात नहीं सुनते और हमारा मज़ाक उड़ाते हैं, या जब हमें लोगों से डर लगता है तो वह हमें हिम्मत दिलाए ताकि इस काम में हमारा हौसला कभी कम न हो। (प्रेरि. ४:३१) अगर हम प्रचार के काम पर यहोवा की आशीष पाने के लिए ‘हर प्रकार की प्रार्थना और बिनती’ करते रहें और वफादारी से अपनी पवित्र सेवा जारी रखें तो हम पूरा भरोसा रख सकते हैं कि वह हमारी मदद करेगा।—१ यूह. ३:२२.