ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में सितंबर ६ से दिसंबर २०, १९९९ तक के हफ्तों में दी गई जानकारी पर विचार किया जाएगा। दिए गए समय में ज़्यादा से ज़्यादा सवालों के जवाब लिखने की कोशिश कीजिए और अपने जवाब एक अलग कागज़ पर लिखिए।
[सूचना: सवालों का जवाब देने के लिए आप सिर्फ बाइबल इस्तेमाल कर सकते हैं। सवालों के बाद दी गई संख्याएँ व्यक्तिगत रूप से खोज करने में आपकी मदद करने के लिए हैं। द वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग से जवाब ढूँढ़ने के लिए हर जगह शायद पेज और पैराग्राफ नंबर न दिए गए हों।
प्रत्येक निम्नलिखित कथन का सही या गलत में जवाब दीजिए:
१. यहोवा साबित करना चाहता था कि उसके शासन करने का तरीक़ा हमेशा उचित और न्यायसंगत है इसलिए उसने इंसान को अपनी मरज़ी से शासन करने की इज़ाज़त दी। (व्यव. ३२:४; अय्यू. ३४:१०-१२; यिर्म. १०:२३) [w-HI९७ २/१५ पृ. ५ अनु. ३]
२. बाइबल बताती है कि परमेश्वर हर शिकायत की निंदा करता है। [w-HI९७ १२/१ पृ. ३० अनु. ३-४]
३. मुखियापन और सुव्यवस्था के बारे में ईश्वरीय सिद्धान्तों को स्वीकार करके माता-पिता अपने विवाहित बच्चों के संबंध में उचित दृष्टिकोण रखते हैं। (उत्प. २:२४; १ कुरि. ११:३; १४:३३, ४०) [fy पृ. १६४ अनु. ६]
४. मरकुस ६:३१-३४ से पता चलता है कि यीशु को लोगों पर सिर्फ़ उनकी बीमारी और ग़रीबी की वज़ह से ही तरस आया। [w-HI९७ १२/१५ पृ. २९ अनु. १]
५. अगर अन्य भेड़ का कोई मसीही, यीशु की मृत्यु के स्मारक में हाज़िर नहीं हो सकता है तो उसे गिनती ९:१०, ११ की आज्ञा के अनुरूप एक महीने बाद इसे मनाना चाहिए। (यूहन्ना १०:१६) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९३ ५/१ पृ. ३२ अनु. ९ देखिए।]
६. अपने बच्चों को यत्नपूर्वक बाइबल सत्य सिखाने की माता-पिता की ज़िम्मेदारी को मसीही दादा-दादी अपने ऊपर नहीं ले लेते मगर वे बच्चों की आध्यात्मिक तरक्की के लिए सहायता ज़रूर कर सकते हैं। (व्यव. ६:७; २ तीमु. १:५; ३:१४, १५) [fy पृ. १६८ अनु. १५]
७. नीतिवचन ६:३० के मुताबिक, कुछ हालात में चोरी को माफ किया या सही ठहराया जा सकता है। [g-HI९७ १२/८ पृ. १३ अनु. २]
८. सन् १५३० में इब्रानी शास्त्र के अंग्रेज़ी अनुवाद में परमेश्वर के नाम, यहोवा का इस्तेमाल करनेवाला पहला व्यक्ति, विलियम टिंडॆल था। [w-HI९७ ९/१५ पृ. २८ अनु. ३]
९. आज का प्रतिरूपक शरणनगर हमें लहू की पवित्रता से संबंधित उसके नियम का उल्लंघन करने के कारण मृत्यु से बचाने के लिए परमेश्वर का प्रबंध है। (गिन. ३५:११) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९५ ११/१५ पृ. १७ अनु. ८ देखिए।]
१०. जब यीशु ने दुष्ट फरीसियों से कहा कि “परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है” तो उसके कहने का यह अर्थ था कि राज्य उन भ्रष्ट लोगों के दुष्ट हृदयों में था। (लूका १७:२१) [kl पृ. ९१ अनु. ६.]
नीचे दिए गए सवालों के जवाब दीजिए:
११. पिन्तेकुस्त के पर्व के दौरान महायाजक जो दो खमीरी रोटियाँ परमेश्वर को चढ़ाता था, वह किस बात को चित्रित करता है? (लैव्य. २३:१५-१७) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९८ ३/१ पृ. १३ अनु. २१ देखिए।]
१२. मसीही जुबली कब शुरू हुई और उस वक्त किस तरह की स्वतंत्रता मिली? (लैव्य. २५:१०) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९५ ५/१५ पृ. २४ अनु. १४ देखिए।]
१३. यहोवा द्वारा दुष्टता और दुःख की अनुमति से कौन-सी तीन बातें साबित हुई हैं? [kl पृ. ७७, ७८ अनु. १८-२०]
१४. किस तरह मूसा ने एक बढ़िया मिसाल रखी कि उसमें जलन की भावना नहीं है? (गिन. ११:२९) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९५ ९/१५ पृ. १८ अनु. ११ देखिए।]
१५. कोरह, दातान और अबीराम के मामले से कैसे साबित होता है कि इसमें कोई गारंटी नहीं कि अद्भुत काम देखने पर एक व्यक्ति परमेश्वर पर ज़रूर विश्वास करेगा? [w-HI९७ ३/१५ पृ. ४ अनु. २]
१६. मत्ती १५:३-६ और १ तीमुथियुस ५:४ में अपने वृद्ध माता-पिताओं को सम्मान देने के बारे में कौन-सी दो बातें बताई गई हैं? [fy पृ. १७३-५, अनु. २-५]
१७. गिनती २६:६४, ६५ में कौन-सी ज़रूरी बात बताई गई है? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; g-E९५ ८/८ पृ. १०-११ अनु. ५-८ देखिए।]
१८. पीनहास का उदाहरण यह समझने में हमारी मदद कैसे करता है कि यहोवा को हमारे समर्पण में क्या सम्मिलित है? (गिन. २५:११, NW) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९५ ३/१ पृ. १६ अनु. १२-१३ देखिए।]
१९. प्रतिरूपक शरणनगर में से एक व्यक्ति किस तरह नगर ‘के सिवाने से बाहर’ जा सकता है? (गिन. ३५:२६) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९५ ११/१५ पृ. २० अनु. २० देखिए।]
२०. किस तरह कोडॆक्स साइनाइटिकस से बाइबल का अनुवाद करने में मदद मिली? [w-HI९७ १०/१५ पृ. ११ अनु. २ देखिए।]
नीचे दिए गए वाक्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी शब्द या वाक्यांश लिखिए:
२१. यहोवा ने बुराई को इसलिए रहने दिया है ताकि इस बुनियादी सच्चाई को हमेशा के लिए क़ायम कर सके कि केवल वही ___________________ है और उसके नियमों के प्रति ___________________ उसकी सारी सृष्टि की जारी शान्ति और सुख के लिए आवश्यक है। (भज. १:१-३; नीति. ३:५, ६; सभो. ८:९) [w-HI९७ २/१५ पृ. ५ अनु. ४]
२२. ___________________ हमें यह भी सिखाती है कि यहोवा ___________________ का परमेश्वर है। [kl पृ. ६६ अनु. १४]
२३. भजन १४४:१५ख (NHT) के मुताबिक सच्ची ख़ुशी हृदय की एक स्थिति है, जो कि यहोवा में सच्चे ___________________ और उसके साथ एक अच्छे ___________________ पर आधारित है। [w-HI९७ ३/१५ पृ. २३ अनु. ७]
२४. इब्रानी बाइबल से प्रचलित यूनानी भाषा में बाइबल को अनुवाद करने का काम सा.यु.पू. १५० के करीब पूरा हुआ और यह ___________________ के नाम से जाना जाने लगा; जेरोम ने लातिन भाषा में बाइबल का अनुवाद सा.यु. ४०० के करीब पूरा किया जो ___________________, ___________________ के नाम से जाना जाने लगा। [w-HI९७ ८/१५ पृ. ९ अनु. १; पृ. १० अनु. ४]
२५. उन सभी मरे हुओं के पास ___________________, ___________________, अर्थात् ___________________ से मुक्ति की प्रत्याशा है जो परमेश्वर के स्मरण में हैं। [kl पृ. ८७-८८ अनु. १८]
नीचे दिए गए वाक्यों के सही जवाब चुनिए:
२६. साल में एक बार (मंडपों के पर्व के दिन; प्रायश्चित्त के दिन; फसह के पर्व के दिन) सारी इस्राएल जाति साथ ही यहोवा की उपासना करनेवाले परदेशियों को (किसी भी काम में हाथ नहीं लगाना होता था; दशमांश देना पड़ता था; पहली उपज अर्पण करनी पड़ती थी) और उपवास करना पड़ता था। (लैव्य. १६:२९-३१) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९६ ७/१ पृ. १० अनु. १२ देखिए।]
२७. ‘नया संसार बाइबल अनुवाद’ कमेटी का एक मकसद था बाइबल का अनुवाद (जितना हो सके उतना शाब्दिक होना चाहिए; मूल भाषा में दी गई बातों को अपने शब्दों में बताना चाहिए; किसी खास धर्म-शिक्षा की समझ के मुताबिक होना चाहिए) ताकि पाठक को इनसे जुड़ी हुई विचारशैली और मूल भाषा की ख़ासियत को देखने का मौक़ा मिले। [w-HI९७ १०/१५ पृ. ११ अनु. ५]
२८. इब्रानी १३:१९ के मुताबिक, संगी विश्वासियों की निरंतर प्रार्थनाओं से इस बात पर फ़रक पड़ सकता है कि (परमेश्वर किस चीज़ की इजाज़त देगा; परमेश्वर कब कार्यवाही करेगा; परमेश्वर मामले को किस तरह निपटाएगा)। [w-HI९७ ४/१५ पृ. ६ अनु. १]
२९. यहोवा ने इस्राएलियों से अपने वस्त्रों के “एक एक कोर की झालर पर एक नीला फीता” लगाने की आज्ञा दी ताकि (उनके वस्त्र पवित्र और सुंदर दिख सके; वे साबित कर सकें कि उनके कपड़े सलीकेदार हैं; उन्हें अपने कपड़ों को देखकर याद रह सके कि वे यहोवा के लोग हैं और इसलिए दुनिया से अलग हैं)। (गिन. १५:३८, ३९) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w-E८३ १०/१५ पृ. २० अनु. १६]
३०. परमेश्वर के मसीहाई राज्य की बुनियाद (यीशु के प्रेरितों के चुनाव के समय; मसीह के बलिदान के समय; मसीह के स्वर्ग वापस जाते समय) डाली गयी। [kl पृ. ९३ अनु. १०]
नीचे दी गई आयतों का वाक्यों के साथ सुमेल कीजिए:
गिन. १६:४१, ४९; मत्ती १९:९; लूका २:३६-३८; कुलु. २:८; ३:१४
३१. सन्यासवाद विशेष पवित्रता या सच्चे प्रबोधन की ओर नहीं ले जाता। [g-HI९७ ११/८ पृ. २९ अनु. ३]
३२. व्यभिचार तलाक़ का वह एकमात्र शास्त्रीय आधार है जिसके बाद पुनःविवाह किया जा सकता है। [fy पृ. १५८-९ अनु. १५]
३३. अगर बुढ़ापे में किसी का जीवन-साथी मर जाता है तब भी परमेश्वर की सेवा में व्यस्त रहने से उसे अपने दुःख पर काबू पाने में मदद मिलेगी। [fy पृ. १७०-१ अनु. २१]
३४. अपने नियुक्त सेवकों के ज़रिए यहोवा के न्याय करने के तरीके में नुक्स निकालने का अंजाम बहुत बुरा होगा। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI९६ ६/१५ पृ. २१ अनु. १३]
३५. निःस्वार्थ प्रेम एक दम्पति को एकसाथ बाँधता है और उन्हें वह करने की चाह देता है जो एक दूसरे के लिए और उनके बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। [fy पृ. १८७ अनु. ११]