प्रश्न बक्स
▪ कलीसिया में जब किसी के बहाल किए जाने की घोषणा होती है, तब क्या तालियाँ बजाकर खुशी ज़ाहिर करना सही होगा?
यहोवा परमेश्वर बहुत ही प्रेमी और दयालु है। इसलिए उसने अपने वचन में बताया है कि जब एक व्यक्ति गलती करने के बाद पश्चाताप करता है और दोबारा यहोवा की स्वीकृति पाकर कलीसिया का भाग बनना चाहता है तो उसे क्या करना चाहिए। (भज. 51:12, 17) जब कोई बहिष्कृत व्यक्ति सच्चे दिल से पश्चाताप करता है और उसे कलीसिया में बहाल किया जाता है, तो हमें बहुत खुशी होती है। और बेशक हमें उसके लिए अपने प्यार का सबूत देना चाहिए।—2 कुरि. 2:6-8.
लेकिन फिर भी जब कलीसिया में किसी व्यक्ति के बहाल किए जाने की घोषणा की जाती है, तो उस वक्त संजीदगी और शांति का माहौल होना चाहिए। खुशी के मारे बेकाबू होकर तालियाँ बजाना और सबके सामने अपनी खुशी ज़ाहिर करना सही नहीं होगा, भले ही वह व्यक्ति हमारा कोई रिश्तेदार या दोस्त ही क्यों न हो। अक्तूबर 1, 1998 की प्रहरीदुर्ग के पेज 17 में यह बताया गया: “लेकिन, हमें यह याद रखना चाहिए कि कलीसिया के ज़्यादातर लोग उन हालात के बारे में नहीं जानते जिसकी वज़ह से एक व्यक्ति को बहिष्कृत किया गया या जिस वज़ह से उसे बहाल किया गया। इसके अलावा, कलीसिया में कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिनके खिलाफ पछतावा दिखानेवाले व्यक्ति ने अपराध किया हो या जिन्हें ऐसी चोट पहुँचायी हो जिसका बहुत समय तक असर रहे। इसलिए, ऐसे मामलों में दूसरों की भावनाओं का लिहाज़ रखते हुए यह ठीक होगा कि जब किसी के बहाल होने की घोषणा की जाती है तब हम सबके सामने स्वागत करने के बजाय निजी तौर पर ऐसा करें।”
हालाँकि हमें बहुत खुशी होती है जब कोई सच्चाई की राह पर वापस आ जाता है, लेकिन उसे बहाल करते वक्त अपनी खुशी ज़ाहिर करने के लिए तालियाँ बजाना सही नहीं होगा।