क्या आप नियमित रूप से राज्य संदेश सुनाते हैं?
अगस्त 1999 में, भारत में प्रचारकों की अब तक की सबसे ज़्यादा संख्या 21,212 थी। इस बढ़ौतरी को देखकर हम सबको बहुत खुशी हुई। सचमुच, यह एकता और लगन की वज़ह से ही मुमकिन हो सका है! लेकिन अगस्त, 1999 के बाद के महीनों में औसत प्रचारकों की संख्या 20,095 रही है। इससे पता चलता है कि कुछ प्रचारकों को नियमित रूप से राज्य का संदेश सुनाने में दिक्कत होती है और 19 प्रचारकों में से 1 प्रचारक हर महीने राज्य संदेश सुनाने में हिस्सा नहीं लेता है। इसलिए आगे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिन पर अमल करके इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
2 इस सम्मान की कदर कीजिए: राज्य संदेश सुनाना हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है। और इस सम्मान की हमें पूरे दिल से कदर करनी चाहिए। यह काम करके हम यहोवा को खुश करते हैं, साथ-ही अच्छे दिल के लोगों को भी ज़िंदगी की राह दिखा पाते हैं। (नीति. 27:11; 1 तीमु. 4:16) इसके अलावा नियमित रूप से प्रचार करने से हमारा अनुभव बढ़ता है और फल देखकर खुशी भी मिलती है।
3 रिपोर्ट डालिए: कुछ भाई-बहन ऐसे हैं जो प्रचार तो करते हैं मगर वक्त पर रिपोर्ट नहीं डालते। किसी भी भाई-बहन को ऐसा कभी नहीं सोचना चाहिए कि जो मेहनत हमने की है वह रिपोर्ट करने लायक नहीं। (मर. 12:41-44 से तुलना कीजिए।) हमने चाहे जितना प्रचार किया हो, उसकी रिपोर्ट हमें ज़रूर डालनी चाहिए। आपको घर पर एक ऐसा प्रबंध करना चाहिए कि हर बार प्रचार के बाद आप अपनी रिपोर्ट कैलॆंडर पर लिख लें। ऐसा करने से आपको महीने के अंत में अपनी सही रिपोर्ट डालना याद रहेगा।
4 मदद कीजिए: कलीसिया के प्रबंधों में और सुधार किया जा सकता है ताकि जो भाई-बहन अभी नियमित रूप से प्रचार नहीं कर पाते हैं वे भी नियमित रूप से प्रचार कर सकें। इसके अलावा कलीसिया के सॆक्रेट्री और बुक स्ट्डी कंडक्टर को इन भाई-बहनों की मदद करने के लिए अनुभवी प्रचारकों को कहना चाहिए। अगर आपके घर में बच्चे हैं या आप किसी ऐसे को बाइबल सिखा रहे हैं जो प्रचार में जाता है लेकिन अभी उसका बपतिस्मा नहीं हुआ, तो उसे भी हर महीने अपनी रिपोर्ट डालना सिखाइए।
5 याद कीजिए, अक्तूबर 1, 1997 की प्रहरीदुर्ग पत्रिका में एक जीवनी दी गई थी जिसका विषय था, “यहोवा की सेवा में एक लंबी उम्र के लिए शुक्रगुज़ार।” उसमें बताया गया है कि नॉरवे में हमारी एक बहन रहती है जिसका नाम ओतिल्यॆ मिडलॆन है। उसने 1921 में अपने बपतिस्मे से पहले ही नियमित रूप से राज्य संदेश सुनाना शुरू कर दिया था। छिहत्तर साल बाद जब वह 99 साल की हुई तो उसने कहा: “मैं खुश हूँ कि मेरे लिए अब भी एक नियमित प्रकाशक होना संभव है।” उस बहन ने कितनी अच्छी बात कही। वाकई, यहोवा के सभी साक्षियों के लिए यह अमल करने लायक बात है!