‘तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है’
यहोवा की सेवा में हम जो भी मेहनत करते हैं, वह कभी व्यर्थ नहीं जाती, यह जानकर ही हमारा हौसला कितना बुलंद होता है! (1 कुरि. 15:58) मगर दुनिया के लोगों को देखें तो वे कुछ-न-कुछ हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं, इसके बावजूद भी अकसर उनकी मेहनत बेकार जाती है। कुछ लोग ऊँचे पद पाने के लिए सालों-साल पढ़ाई करते हैं, तो कुछ लोग दौलत के लिए खून-पसीना एक करते हैं। मगर ज़िंदगी तो “समय और संयोग के वश में है” जिसकी वज़ह से जो शोहरत और दौलत वे हासिल करना चाहते हैं, वह उन्हें नहीं मिलती। उनकी मेहनत ‘वायु को पकड़ने’ जैसी हो जाती है। (सभो. 1:14; 9 :11) मगर दुनिया में सिर्फ एक ही ऐसा काम है जो कभी व्यर्थ नहीं जाता और वह काम हम मसीही कर रहे हैं।
2 ऐसा काम जो कभी बेकार न जाए: परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करना ही वह काम है जो कभी व्यर्थ नहीं जाता और यह आज का सबसे ज़रूरी काम है। लोग चाहे सुनें या नहीं, हमारा यह फर्ज़ बनता है कि हम उन्हें ज़रूर प्रचार करें। तभी हम पौलुस की तरह कह सकेंगे: “मैं सब के लोहू से निर्दोष हूं। क्योंकि मैं परमेश्वर की सारी मनसा को तुम्हें पूरी रीति से बताने से न झिझका।”—प्रेरि. 20:26, 27.
3 जब लोग हमारा संदेश सुनते हैं और सच्चाई में दिलचस्पी लेते हैं, तो हमें बहुत खुशी मिलती है। इस बारे में एक मिसाल पर गौर कीजिए। एक जवान लड़की की आंटी जब गुज़र गई तो वह इस बात को लेकर परेशान होने लगी कि उसकी आंटी अब स्वर्ग में है या नरक में? इसलिए उसने प्रार्थना करने की सोची। उसकी बहन ने उसे यहोवा के बारे में बताया था, इसलिए उसने यहोवा का नाम लेकर प्रार्थना की। जल्द ही यह लड़की भी अपनी बहन के साथ बाइबल स्टडी करने और सभाओं में जाने लगी। इससे ज़िंदगी के बारे में उसका पूरा नज़रिया ही बदल गया। पहले वह कुछ आवारा लोगों से दोस्ती करती थी। वह सिगरेट पीती, ड्रग्स लेती और चोरी भी करती थी। लेकिन अब उसने ये सभी बुराइयाँ छोड़ दीं। वह कहती है: “यहोवा परमेश्वर के लिए मेरे दिल में प्यार बढ़ने लगा और इस वज़ह से ही मैं अपनी ज़िंदगी को सुधार सकी। सचमुच, यहोवा कितना रहमदिल है कि उसने मुझ जैसे लोगों को भी हमेशा की ज़िंदगी पाने की आशा दी।” अब इस लड़की की ज़िंदगी को एक मकसद मिल गया और वह दुनिया की बेकार चीज़ों में अपना समय नहीं गँवा रही।
4 लेकिन, अगर लोग हमारा संदेश न सुनें तो भी हमारा प्रचार काम व्यर्थ नहीं जाता। क्योंकि प्रचार काम से यह साबित होता है कि उन्हें साक्षी ज़रूर मिली है। साथ ही उनके पास बार-बार जाने से यहोवा के प्रति हमारी खराई, वफादारी, और प्रेम भी ज़ाहिर होता है। इसलिए हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि यहोवा की सेवा में हमारी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। कभी नहीं!