क्या आप शर्मीले हैं?
एक बच्चा किसी अजनबी को देखते ही अपने माँ या पिता के पीछे छिप जाता है। बच्चों का शरमाना कोई नयी बात नहीं है। लेकिन कुछ बड़े लोग भी स्वभाव से शर्मीले होते हैं। अगर यही स्वभाव हमारे प्रचार काम में अड़चन पैदा करे तब हम क्या कर सकते है?
2 शर्मीलेपन से लड़ना: इसके लिए अपने ‘छिपे हुए और गुप्त मनुष्यत्व’ पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। (1 पत. 3:4) यहोवा और पड़ोसियों के लिए अपने प्रेम को और भी बढ़ाइए। यकीन रखिए कि आत्म-त्यागी प्रेम दिखाने का सबसे बेहतरीन रास्ता प्रचार का काम करना ही है। बाइबल का गहरा अध्ययन करने का एक अच्छा शेड्यूल बनाइए और सभाओं में बिना नागा हाज़िर होते रहिए। साथ ही हर रोज़ प्रार्थना कीजिए और यहोवा को साफ-साफ बताइए कि आपको खासकर किस बात में, किस तरह की मदद चाहिए। अगर आप यहोवा पर पूरा भरोसा रखेंगे तो इससे आपको आत्मविश्वास मिलेगा ताकि आप ‘और भी हियाव के साथ परमेश्वर का वचन निधड़क सुना सकें।’—फिलि. 1:14.
3 मन में ऐसे खयाल मत आने दीजिए कि आप किसी भी लायक नहीं हैं। पहली सदी में तीमुथियुस को भी यही करने की ज़रूरत पड़ी थी। प्रेरित पौलुस ने तीमुथियुस का हौसला बढ़ाने के लिए उसे लिखा: “कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए” और उसे यह भी याद दिलाया कि “परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ . . . की आत्मा दी है।” (1 तीमु. 4:12; 2 तीमु. 1:7) तीमुथियुस को यहोवा ने अपने मकसद के लिए पूरी तरह इस्तेमाल किया। उसी तरह परमेश्वर पर पूरा भरोसा रखकर अगर आप भी उन्नति करने की पूरी कोशिश करें तो वह आपको भी इस्तेमाल करेगा।—भज. 56:11.
4 मिसाल के लिए, एक बहन को अपना डर दूर करने में मत्ती 10:37 में लिखे वचन से बहुत मदद मिली। वह बहुत शर्मीली थी और अपने विरोधी पति से डरती थी। मगर जब वह प्रचार काम में डटी रही तो उसका शर्मीलापन दूर होने लगा और बाद में उसके पति, माँ और भाइयों ने भी सच्चाई को अपना लिया।
5 तैयारी करना ज़रूरी है: अगर आप प्रचार के लिए अच्छी तैयारी करेंगे तो लोगों से बात करने की आपको और भी हिम्मत मिलेगी। रीज़निंग किताब या हमारी राज्य सेवकाई से कोई आसान-सी प्रस्तावना चुनकर उसे अच्छी तरह पढ़कर, प्रैक्टिस कर लीजिए। बेवज़ह डरने और परेशान होने के बजाय हिम्मत करके आगे बढ़िए। दूसरे भाई-बहनों के साथ काम करके हिम्मत पाइए। याद रखिए कि जिन लोगों के पास आप जाने से डरते हैं दरअसल उनमें से कई आपकी तरह ही शर्मीले हैं और दूसरों से बात करने में झेंपते हैं। मगर इनमें से हरेक को सुसमाचार सुनाना बेहद ज़रूरी है।
6 अगर आप शर्मीले हैं या लोगों से बात करने में कतराते हैं तो मायूस मत होइए। अगर आप कोशिश करते रहेंगे तो यहोवा आपकी मदद ज़रूर करेगा और आप अच्छी तरह गवाही दे पाएँगे। और जब ऐसा होगा तो प्रचार काम में आपका आनंद दुगना हो जाएगा।—नीति. 10:22.