“विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़”
पहली सदी में प्रेरित पौलुस ने तीमुथियुस को सलाह देते हुए कहा: “विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़।” (1 तीमु. 6:12) पौलुस ने खुद इन शब्दों को अपने जीवन में लागू किया। इसलिए कई सालों बाद वह पूरे आत्म-विश्वास के साथ यह कह सका कि उसने विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़ी। (2 तीमु. 4:6-8) जी हाँ, वह प्रचार काम को पूरी हिम्मत, विश्वास और धीरज के साथ करने में लगा रहा। अगर हम भी पौलुस की मिसाल पर चलें तो हम पूरे यकीन के साथ कह सकेंगे कि हमने विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़ी है।
2 मेहनत कीजिए: पौलुस ने प्रचार के लिए बहुत मेहनत की। (1 कुरि. 15:10) ठीक उसी तरह हमें भी उन लोगों को ढूँढ़ने में मेहनत करने की ज़रूरत है जिन्हें सच्चाई की तलाश है। (मत्ती 10:11) ऐसे लोगों तक पहुँचने के लिए हो सकता है कि हमें अपने शेड्यूल में फेर-बदल करना पड़े जैसे सुबह जल्दी उठकर सड़कों पर उन लोगों को गवाही देना जो सुबह-सुबह घर से निकलते हैं। या हो सकता है कि प्रचार के लिए हमें दोपहर या शाम को निकलना पड़े जब लोग वापस अपने घर लौटते हैं।
3 सेवकाई के लिए हमें जिस जगह पर मिलना है, अगर वहाँ पर हम वक्त पर पहुँचना चाहते हैं तो हमें घर से थोड़ा पहले निकलना होगा। और अपनी आदत बनानी होगी कि जब भी हम घर से निकलें तो उसी समय पर निकलें जिससे हम हमेशा समय पर पहुँच सकें। मिसाल के तौर पर, बेथेल के कुछ भाई-बहनों को हर हफ्ते प्रचार में आने-जाने के लिए एक या ज़्यादा घंटे का सफर तय करना पड़ता है। इसके अलावा हमारी कलीसिया में कुछ ऐसे भाई-बहन और परिवार भी हैं जो काबिल-ए-तारीफ हैं। क्योंकि वे प्रचार के लिए बहुत दूर जाते हैं, लेकिन फिर भी वे समय पर पहुँचते हैं। उन लोगों की मेहनत और लगन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।
4 प्रचार में मिले उन लोगों के पास हमें दोबारा ज़रूर जाना चाहिए जो सचमुच सच्चाई में दिलचस्पी दिखाते हैं। फिर चाहे स्ट्रीट विटनेसिंग के दौरान हमने किसी को लिट्रेचर दिया हो या अनौपचारिक रूप से गवाही दी हो, हमें उनका नाम-पता या टेलिफोन नंबर लेने की कोशिश करनी चाहिए। उसके बाद हमें उनसे दोबारा मिलकर एक बाइबल अध्ययन शुरू करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
5 सेवकाई में बराबर हिस्सा लीजिए: पौलुस अपनी सेवकाई में डटा रहा और सुसमाचार का प्रचार पूरे जोश के साथ किया। (रोमि. 15:19) लेकिन आपके बारे में क्या? क्या आप बराबर प्रचार के लिए जाते हैं? क्या आपने इस महीने प्रचार में हिस्सा लिया है? कलीसिया के बुक स्टडी कंडक्टर को बेहद खुशी होगी जब वो देखेंगे कि इस महीने भी उनके ग्रुप के सभी भाई-बहन सेवकाई में हिस्सा ले रहे हैं। और इसके लिए वे आपको पूरी मदद भी देंगे।
6 पौलुस की मिसाल पर चलकर और पूरी तरह से सेवकाई में हिस्सा लेकर हम भी कह सकेंगे कि हमने “विश्वास की अच्छी कुश्ती” लड़ी।