वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 8/00 पेज 2
  • सेवा सभा की तालिका

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सेवा सभा की तालिका
  • हमारी राज-सेवा—2000
  • उपशीर्षक
  • अगस्त 14 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अगस्त 21 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अगस्त 28 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • सितंबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2000
km 8/00 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

अगस्त 14 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 23 (200)

12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। कलीसिया की मई महीने की फील्ड सर्विस रिपोर्ट के बारे में चंद बातें बताइए। अगस्त में सिर्फ दो शनिवार-रविवार बचे हैं, इसलिए सभी भाई-बहनों को महीना खत्म होने से पहले सेवकाई में भाग लेने का बढ़ावा दीजिए। आनेवाले शनिवार-रविवार की मीटिंग फॉर फील्ड सर्विस के शेड्‌यूल को दोबारा दोहराइए।

15 मि: “विश्‍वास की अच्छी कुश्‍ती लड़।” एक मिनट से कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के द्वारा चर्चा कीजिए। इसके अलावा आवर मिनिस्ट्री किताब के पेज 44-5 से यह बताइए कि बुक स्टडी कंडक्टर किस तरह अपने ग्रूप के लिए सेवकाई में जाने का इंतज़ाम करते हैं। और उन भाई-बहनों की मदद करते हैं जो सेवकाई में भाग नहीं ले पाते और न ही अपनी रिपोर्ट समय पर दे पाते।

18 मि: स्कूल की पढ़ाई से हमें क्या फायदा हो सकता है। एक पिता अपने बच्चों को यह समझने में मदद करता है कि स्कूल की शिक्षा उनके लिए कितनी अहमियत रखती है। (युवाओं के प्रश्‍न किताब के पेज 133-9 देखिए।) आज दुनिया के इस बुरे माहौल को देखते हुए जवानों को लगता है कि स्कूल जाना उनके लिए एक चुनौती है। वे स्कूल से ऊब जाते हैं और कहते हैं कि स्कूल में जो कुछ भी सिखाया जाता है वो हमारे कुछ खास काम का नहीं है। ऐसे में पिता अपने बच्चों से बाइबल सिद्धांतों के बारे में बात करते हुए उन्हें ठोस कारण बताता है कि स्कूल की पढ़ाई क्यों ज़रूरी है और इसके क्या-क्या फायदें हैं। पिता अपने बच्चों को अच्छी तरह पढ़ने और क्लास में पूरा ध्यान देने का बढ़ावा देता है।

गीत 15 (127) और प्रार्थना।

अगस्त 21 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 16 (143)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट। फील्ड सर्विस का एक प्रदर्शन दिखाइए जिसमें इस सवाल का जवाब दिया जाता है: “क्यों प्रेम का परमेश्‍वर अब तक दु:ख-तकलीफों की इजाज़त दे रहा है?” (रीज़निंग किताब, पेज 395-6) इस शनिवार और रविवार की सेवकाई में भाग लेने के लिए सभी भाई-बहनों को बढ़ावा दीजिए।

10 मि: सर्विस ओवरसियर का भाषण। दिसंबर 1999 की हमारी राज्य सेवकाई के पेज 3 पर दिया गया लेख “अपने साहित्य का सही इस्तेमाल कीजिए” से ज़रूरी बातों के बारे में बताइए। भाई-बहनों से कहिए कि वे लोगों को सोच-समझकर साहित्य दें।

25 मि: “क्या आप खुद को फायदा पहुँचा रहें हैं?” सवाल-जवाब।

गीत 6 (45) और प्रार्थना।

अगस्त 28 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 20 (93)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। सभी को याद दिलाइए कि वे अगस्त महीने की फील्ड सर्विस रिपोर्ट डाल दें। कलीसिया की सारी रिपोर्ट का हिसाब सितंबर 6 तक पूरा होने के लिए बुक स्टडी कंडक्टर को देखना चाहिए कि उसके ग्रूप के सभी भाई-बहनों ने रिपोर्ट डाल दी हो।

15 मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

20 मि: “सभाएँ जवानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।” एक प्राचीन इस लेख पर सवाल-जवाब द्वारा चर्चा करता है। पैराग्राफ 8 पर चर्चा करते वक्‍त प्राचीन कुछ ऐसे कारगर तरीके बताता है जिससे भाई-बहन मीटिंग में सिखाई जानेवाली बातों पर पूरा ध्यान दे सकें। (अक्टूबर 8, 1998 की सजग होइए! के पेज 20-1 देखिए।) माता-पिताओं को इस बात का बढ़ावा दीजिए कि उनके बच्चे हर मीटिंग में हाज़िर रहें।—सितंबर 1, 1997 की प्रहरीदुर्ग के पेज 25 पर दिए गए अनुभव को देखिए।

गीत 8 (53) और प्रार्थना।

सितंबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 9 (37)

15 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रश्‍न बक्स। हर मौके पर गवाही देने के बारे में भाई-बहनों को अपने अनुभव बताने को कहिए। आवर मिनिस्ट्री किताब के पेज 93-4 देखिए और इनफॉरमल विटनेसिंग में भाग लेने के लिए ज़ोर दीजिए।

10 मि: हमारा समय खास है। नवंबर 15, 1996 की प्रहरीदुर्ग के पेज 22-3 पर आधारित एक प्राचीन का भाषण।

20 मि: “क्या आप परमेश्‍वर के काम में डटे हैं?” भाषण और भाई-बहनों के साथ चर्चा। इस बात पर मनन करने के लिए सभी का हौसला बढ़ाइए कि कैसे मसीही सेवकाई में डटे रहने से उन्हें कामयाबी मिली है। अगर अपनी सेवकाई को जाँचने पर हमें पता चले कि हम किसी बात पर कमज़ोर हो गए हैं तो अपने आपको आध्यात्मिक तौर पर मज़बूत करने की ज़रूरत है। अक्टूबर 1, 1999 की प्रहरीदुर्ग के पेज 20-1, पैराग्राफ 17-21 से कुछ बातें बताइए। दो या तीन भाई-बहनों को स्टेज पर बुलाइए जो काफी सालों से वफादारी से धीरज धरते आये हैं। उन्हें यह बताने को कहिए कि सच्चाई में डटे रहने के लिए वे क्या कर रहे हैं।

गीत 6 (45) और प्रार्थना।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें