सन् 2001 के लिए ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की तालिका
हिदायतें
साल 2001 के दौरान ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल के लिए ये इंतज़ाम किए गए हैं।
किताबें: द होली बाइबल हिन्दी ओल्ड वर्शन [ohv], प्रहरीदुर्ग [w-HI], सजग होइए! [g-HI] पारिवारिक सुख का रहस्य [fy-HI], “यहोवा के गवाह बीसवीं शताब्दी में” [br78-HI], “जीवन का उद्देश्य क्या है?” [pr-HI], “परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है?” [rq-HI], यहोवा के गवाह संयुक्त रूप से पूरे विश्व में परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं [je-HI], और वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा [gt-HI] से भाषण दिए जाएँगे।
स्कूल को समय पर शुरू करना चाहिए। स्कूल की शुरूआत गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से होगी। स्कूल ओवरसियर को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि कार्यक्रम में कौन-कौन-से भाग पेश किए जाएँगे। हर भाग से पहले वह उसका विषय बताएगा। इन हिदायतों के मुताबिक चलिए:
भाषण नं. 1: 15 मिनट। इस भाषण को एक प्राचीन या सहायक सेवक देगा और यह भाषण प्रहरीदुर्ग [w-HI] या सजग होइए! [g-HI] से या पारिवारिक सुख का रहस्य किताब [fy-HI] से होगा। यह भाषण 15 मिनट का होगा और इसके आखिर में सवाल नहीं पूछे जाएँगे। इस भाषण का मकसद सिर्फ दिए गए विषय की जानकारी देना नहीं है बल्कि यह समझने में कलीसिया की मदद करना है कि चर्चा किए जानेवाले विषय को हम कैसे अमल में ला सकते हैं और यह बताया जाना चाहिए कि यह कलीसिया के लिए कैसे फायदेमंद है। तालिका में दिए गए शीर्षक को ही इस्तेमाल करना चाहिए।
जो भाई यह भाषण देगा उसे ख्याल रखना चाहिए कि वह दिए गए समय में ही अपना भाषण खत्म करे। अगर भाषण देनेवाले भाई को सलाह देनी ज़रूरी हो या अगर भाई खुद इसकी गुज़ारिश करे तो उसे सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पढ़ाई से खास बातें: 6 मिनट। इसे एक प्राचीन या सहायक सेवक देगा। यह भाई कलीसिया की ज़रूरतों को मन में रखकर असरदार तरीके से भाषण देगा ताकि कलीसिया को फायदा हो। इस भाषण के लिए किसी शीर्षक का होना ज़रूरी नहीं है। शुरूआत में, 30 से 60 सेकेंड में सरसरी तौर पर इन अध्यायों के बारे में बताया जा सकता है। इसमें दिए गए अध्यायों का सिर्फ सार ही नहीं बताना चाहिए। इस भाषण का खास मकसद श्रोताओं को यह समझने में मदद करना है कि इन अध्यायों में दी गई जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे अनमोल है। इसके बाद स्कूल ओवरसियर भाई-बहनों को अपने-अपने क्लासरूम में जाने का निर्देश देगा।
भाषण नं. 2: 5 मिनट। यह बाइबल के एक भाग को पढ़ने का असाइनमेंट है जिसे एक भाई को दिया जाना चाहिए। यह मेन स्कूल और ऑक्ज़लरी स्कूल, दोनों में दिया जाएगा। पढ़ने के लिए अकसर कम आयतें दी गई हैं ताकि भाषण की शुरूआत में और आखिर में भाई कुछ जानकारी दे सके। दी गई आयतों की ऐतिहासिक जानकारी, या अगर उनमें कोई भविष्यवाणी हो तो उसके पूरा होने के बारे में या फिर उनमें दिए गए सिद्धांतों और नियमों को लागू करने के बारे में बताया जा सकता है। दी गई सभी आयतों को पढ़ना चाहिए और बीच में समझाने के लिए नहीं रुकना चाहिए। मगर जब सारी आयतें एक साथ नहीं हैं तो भाई बता सकता है कि वह आगे किस आयत से पढ़नेवाला है।
भाषण नं. 3: 5 मिनट। इसे किसी बहन को दिया जाना चाहिए। इसके लिए विषय “यहोवा के गवाह बीसवीं शताब्दी में” [br78-HI], “जीवन का उद्देश्य क्या है?” [pr-HI], “परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है?” [rq-HI], यहोवा के गवाह संयुक्त रूप से पूरे विश्व में परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं [je-HI], से होगा। इसकी सॆटिंग किसी भी मौके पर साक्षी देने, रिटर्न विज़िट या बाइबल स्टडी करने की हो सकती है और इसमें भाग लेनेवाली बहनें चाहें तो खड़ी होकर या फिर बैठकर बात कर सकती हैं। स्कूल ओवरसियर खासकर इस बात पर ध्यान देगा कि बहन किस तरह विषय को साफ तरीके से पेश करती है और बाइबल की मदद से दूसरे व्यक्ति को सोच-विचार करने में मदद करती है। जिस बहन को यह भाग दिया जाएगा, उसे पढ़ना आना चाहिए। स्कूल ओवरसियर उस बहन के साथ सहायक के तौर पर दूसरी बहन को नियुक्त करेगा और अगर ज़रूरत पड़े तो एक तीसरे व्यक्ति को भी साथ में लिया जा सकता है। सॆटिंग पर नहीं बल्कि इस बात पर खास ध्यान देना चाहिए कि बहन, बाइबल का कितने अच्छे तरीके से इस्तेमाल करती है।
भाषण नं. 4: 5 मिनट। इस असाइनमेंट का विषय वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा से होगा। यह असनाइनमेंट नं. 4 किसी भाई या फिर किसी बहन को दिया जा सकता है। अगर भाई इसे पेश कर रहा है तो इसे एक टॉक की तरह देना चाहिए। अगर यह भाग एक बहन पेश करती है तो उसे असाइनमेंट नं. 3 के लिए दी गई हिदायतों के मुताबिक ही पेश करना चाहिए।
बाइबल-पढ़ाई का शेड्यूल: हम कलीसिया में हरेक को यह बढ़ावा देंगे कि वे हफ्ते के लिए दी गई बाइबल पढ़ाई के मुताबिक बाइबल पढ़ें, इसके हिसाब से एक दिन के लिए एक पेज होता है।
नोट: सलाह, समय, रिटन रिव्यू और भाषणों की तैयारी के बारे में ज़्यादा जानकारी और हिदायतों के लिए अक्तूबर 1996 की हमारी राज्य सेवकाई का पेज 3 देखिए।
शैड्यूल
जन. 1 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 13-16
गीत नं. 3 (32)
नं. 1: माफ करने से बचाव का रास्ता खुलता है (w-HI99 1/1 पे. 30-1)
नं. 2: 2 राजा 14:1-14
नं. 3: यहोवा के साक्षी—वे कौन हैं? (br78 पे. 3-5)
नं. 4: स्वर्ग से संदेश (gt-HI अध्याय 1)
जन. 8 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 17-20
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: ऐसी सलाह जो आसानी से मानी जा सके (w-HI99 1/15 पे. 21-4)
नं. 2: 2 राजा 18:1-16
नं. 3: यहोवा के साक्षी—उनका आधुनिक विकास और वृद्धि (br78-HI पे. 6-11)
नं. 4: पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया (gt-HI अध्याय 2)
जन. 15 बाइबल पढ़ाई: 2 राजा 21-25
गीत नं. 16 (143)
नं. 1: क्या पारिवारिक सुख का एक रहस्य है? (fy-HI पे. 5-12)
नं. 2: 2 राजा 21:1-16
नं. 3: यहोवा के साक्षी—वे क्या विश्वास करते हैं? (br78-HI पे. 12-14)
नं. 4: मार्ग तैयार करनेवाला पैदा हुआ (gt-HI अध्याय 3)
जन. 22 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 1-5
गीत नं. 22 (130)
नं. 1: एक सफल विवाह की तैयारी करना (fy-HI पे. 13-26)
नं. 2: 1 इतिहास 1:1-27
नं. 3: सुसमाचार जो वे चाहते हैं आप सुनें (br78-HI पे. 14-17)
नं. 4: गर्भवती पर अविवाहित (gt-HI अध्याय 4)
जन. 29 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 6-10
गीत नं. 7 (51)
नं. 1: आप दिल से नम्रता कैसे दिखा सकते हैं? (w-HI99 2/1 पे. 6-7)
नं. 2: 1 इतिहास 9:1-21
नं. 3: सुसमाचार देने के लिए यहोवा के साक्षी जो तरीके प्रयोग करते हैं (br78-HI पे. 18-22)
नं. 4: यीशु का जन्म—कहाँ और कब? (gt-HI अध्याय 5)
फर. 5 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 11-16
गीत नं. 12 (113)
नं. 1: हौसला बढ़ानेवाले बनिए (w-HI99 2/15 पे. 26-9)
नं. 2: 1 इतिहास 11:1-9
नं. 3: आपके समुदाय के लिए सुसमाचार का व्यावहारिक महत्त्व (br78-HI पे. 23-4)
नं. 4: प्रतिज्ञा का बच्चा (gt-HI अध्याय 6)
फर. 12 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 17-23
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: दीनता से कमर बान्धे रहो (w-HI99 3/1 पे. 30-1)
नं. 2: 1 इतिहास 18:1-17
नं. 3: उनका संसार-व्याप्त संगठन और कार्य (br78-HI पे. 25-6)
नं. 4: यीशु और ज्योतिषी (gt-HI अध्याय 7)
फर. 19 बाइबल पढ़ाई: 1 इतिहास 24-29
गीत नं. 17 (187)
नं. 1: एक स्थायी विवाह की दो कुंजियाँ (fy-HI पे. 27-38)
नं. 2: 1 इतिहास 29:1-13
नं. 3: दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों द्वारा अकसर पूछे गए सवाल—भाग-1 (br78-HI पे. 26 पैरा. 2-पे. 27 पैरा. 4)
नं. 4: एक तानाशाह से छुटकारा (gt-HI अध्याय 8)
फर. 26 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 1-5
गीत नं. 8 (53)
नं. 1: आप एक गृहस्थी कैसे चला सकते हैं? (fy-HI पे. 39-50)
नं. 2: 2 इतिहास 1:1-17
नं. 3: दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों द्वारा अकसर पूछे गए सवाल—भाग-2 (br78-HI पे. 28 पैरा. 1-3)
नं. 4: यीशु के बचपन का पारिवारिक जीवन (gt-HI अध्याय 9)
मार्च 5 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 6-9
गीत नं. 11 (85)
नं. 1: चिंता के बोझ तले मत दबिए (w-HI99 3/15 पे. 21-3)
नं. 2: 2 इतिहास 8:1-16
नं. 3: दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों द्वारा अकसर पूछे गए सवाल—भाग-3 (br78-HI पे. 29 पैरा. 1-3)
नं. 4: यरूशलेम को यात्राएँ (gt-HI अध्याय 10)
मार्च 12 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 10-15
गीत नं. 5 (46)
नं. 1: आपके सोच-विचार पर किसका असर होता है? (w-HI99 4/1 पे. 20-2)
नं. 2: 2 इतिहास 10:1-16
नं. 3: दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों द्वारा अकसर पूछे गए सवाल—भाग-4 (br78-HI पे. 30 पैरा. 1-5)
नं. 4: यूहन्ना मार्ग तैयार करता है (gt-HI अध्याय 11)
मार्च 19 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 16-20
गीत नं. 9 (37)
नं. 1: बाल की उपासना इस्राएलियों—के लिए एक परीक्षा (w-HI99 4/1 पे. 28-31)
नं. 2: 2 इतिहास 16:1-14
नं. 3: क्या जीवन का एक उद्देश्य है? (pr-HI पे. 4-6 पैरा. 1-17)
नं. 4: यीशु का बपतिस्मा (gt-HI अध्याय 12)
मार्च 26 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 21-25
गीत नं. 26 (212)
नं. 1: बोलकर एहसानमंदी जताने में मत हिचकिचाइए (w-HI99 4/15 पे. 15-17)
नं. 2: 2 इतिहास 22:1-12
नं. 3: जीवन का उद्देश्य हमें कौन बता सकता है? (pr-HI पे. 6-10 पैरा. 1-26)
नं. 4: यीशु के प्रलोभनों से शिक्षा प्राप्त करना (gt-HI अध्याय 13)
अप्रै. 2 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 26-29
गीत नं. 6 (45)
नं. 1: क्या परमेश्वर “टेढ़े” तरीकों से काम करता है? (w-HI99 5/1 पे. 28-9)
नं. 2: 2 इतिहास 28:1-15
नं. 3: श्रेष्ठ बुद्धि का एक अद्वितीय स्रोत—वैज्ञानिक यथार्थता (pr-HI पे. 10-13 पैरा. 1-17)
नं. 4: यीशु के प्रथम शिष्य (gt-HI अध्याय 14)
अप्रै. 9 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 30-33
गीत नं. 2 (15)
नं. 1: इंसान यहोवा को धन्य कैसे कह सकते हैं? (w-HI99 5/15 पे. 21-4)
नं. 2: 2 इतिहास 33:1-13
नं. 3: श्रेष्ठ बुद्धि का एक अद्वितीय स्रोत—ऐतिहासिक यथार्थता (pr-HI पे. 13-15 पैरा. 18-31)
नं. 4: यीशु का पहला चमत्कार (gt-HI अध्याय 15)
अप्रै. 16 बाइबल पढ़ाई: 2 इतिहास 34- 36
गीत नं. 4 (43)
नं. 1: अपने बच्चे को बालकपन से प्रशिक्षित कीजिए (fy-HI पे. 51-63)
नं. 2: 2 इतिहास 36:1-16
नं. 3: श्रेष्ठ बुद्धि का एक अद्वितीय स्रोत—पूरित भविष्यवाणी (pr-HI पे. 15-16 पैरा. 32-7)
नं. 4: यहोवा की उपासना के लिए सरगर्मी (gt-HI अध्याय 16)
अप्रै. 23 बाइबल पढ़ाई: एज्रा 1-6
गीत नं. 7 (51)
नं. 1: अपने किशोर को फलने-फूलने में मदद दीजिए (fy-HI पे. 64-75)
नं. 2: एज्रा 4:1-16
नं. 3: मसीहीजगत ने परमेश्वर और बाइबल के साथ विश्वासघात किया है (pr-HI पे. 16-19 पैरा. 1-19)
नं. 4: नीकुदेमुस को सिखाना (gt-HI अध्याय 17)
अप्रै. 30 रिटन रिव्यू। बाइबल पढ़ाई: एज्रा 7-10
गीत नं. 24 (185)
मई 7 बाइबल पढ़ाई: नहेमायाह 1-5
गीत नं. 4 (43)
नं. 1: क्या घर में एक विद्रोही है? (fy-HI पे. 76-89)
नं. 2: नहेमायाह 1:1-11
नं. 3: जीवन का एक महान उद्देश्य है (pr-HI पे. 20-2 पैरा. 1-13)
नं. 4: यूहन्ना घटता है, यीशु बढ़ता है (gt-HI अध्याय 18)
मई 14 बाइबल पढ़ाई: नहेमायाह 6-9
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: मसीही कलीसिया—ताज़गी और खुशी का ज़रिया (w-HI99 5/15 पे. 25-8)
नं. 2: नहेमायाह 9:1-15
नं. 3: इतना ज़्यादा दुःख और अन्याय क्यों? (pr-HI पे. 22-5 पैरा. 1-15)
नं. 4: एक सामरी स्त्री को शिक्षा देना (gt-HI अध्याय 19)
मई 21 बाइबल पढ़ाई: नहेमायाह 10-13
गीत नं. 5 (46)
नं. 1: अपने परिवार को विनाशकारी प्रभावों से बचाइए (fy-HI पे. 90-102)
नं. 2: नहेमायाह 12:27-43
नं. 3: परमेश्वर का उद्देश्य जल्द ही पूरा होगा (pr-HI पे. 25-8 पैरा. 1-22)
नं. 4: काना में रहते समय एक और चमत्कार (gt-HI अध्याय 20)
मई 28 बाइबल पढ़ाई: एस्तेर 1-4
गीत नं. 16 (143)
नं. 1: एक-जनक परिवार सफल हो सकते हैं! (fy-HI पे. 103-115)
नं. 2: एस्तेर 1:1-15
नं. 3: एक परादीस पृथ्वी पर सर्वदा जीवित रहिए (pr-HI पे. 29-30 पैरा. 1-27)
नं. 4: यीशु के गृहनगरीय आराधनालय में (gt-HI अध्याय 21)
जून 4 बाइबल पढ़ाई: एस्तेर 5-10
गीत नं. 9 (37)
नं. 1: जब परिवार का एक सदस्य बीमार है (fy-HI पे. 116-127)
नं. 2: एस्तेर 5:1-14
नं. 3: परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है यह कैसे पता लगा सकते हैं (rq-HI पे. 3)
नं. 4: चार शिष्य बुलाए जाते हैं (gt-HI अध्याय 22)
जून 11 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 1-7
गीत नं. 6 (45)
नं. 1: अपने घराने में शान्ति बनाए रखिए (fy-HI पे. 128-141)
नं. 2: अय्यूब 1:6-22
नं. 3: परमेश्वर कौन है? (rq-HI पे. 4-5)
नं. 4: कफरनहूम में और भी चमत्कार (gt-HI अध्याय 23)
जून 18 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 8-14
गीत नं. 21 (191)
नं. 1: शाऊल—प्रभु का चुना हुआ पात्र (w-HI99 5/15 पे. 29-31)
नं. 2: अय्यूब 8:1-22
नं. 3: यीशु मसीह कौन है? (rq-HI पे. 6-7)
नं. 4: क्यों यीशु पृथ्वी पर आए थे (gt-HI अध्याय 24)
जून 25 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 15-21
गीत नं. 26 (212)
नं. 1: अपने वादों को पूरा करने में परमेश्वर देर नहीं करता (w-HI99 6/1 पे. 4-7)
नं. 2: अय्यूब 17:1-16
नं. 3: इब्लीस कौन है? (rq-HI पे. 8-9)
नं. 4: एक कोढ़ी के प्रति करुणा (gt-HI अध्याय 25)
जुलाई 2 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 22-29
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: क्या आपको अपना दृष्टिकोण बढ़ाना चाहिए? (w-HI99 6/15 पे. 10-13)
नं. 2: अय्यूब 27:1-23
नं. 3: पृथ्वी के लिए परमेश्वर का उद्देश्य क्या है? (rq-HI पे. 10-11)
नं. 4: वापस अपने घर कफरनहूम में (gt-HI अध्याय 26)
जुला. 9 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 30-35
गीत नं. 5 (46)
नं. 1: आप बाइबल की भविष्यवाणियों पर क्यों भरोसा कर सकते हैं (w-HI99 7/15 पे. 4-8)
नं. 2: अय्यूब 31:1-22
नं. 3: परमेश्वर का राज्य क्या है? (rq-HI पे. 12-13)
नं. 4: मत्ती का बुलाहट (gt-HI अध्याय 27)
जुला. 16 बाइबल पढ़ाई: अय्यूब 36-42
गीत नं. 25 (204)
नं. 1: आप उन समस्याओं को पार कर सकते हैं जो परिवार को हानि पहुँचाती हैं (fy-HI पे. 142-152)
नं. 2: अय्यूब 36:1-22
नं. 3: प्रार्थना में परमेश्वर के क़रीब आना (rq-HI पे. 14-15)
नं. 4: उपवास के विषय पर सवाल किया गया (gt-HI अध्याय 28)
जुला. 23 बाइबल पढ़ाई: भजन 1-10
गीत नं. 11 (85)
नं. 1: यदि विवाह टूटने पर है (fy-HI पे. 153-162)
नं. 2: भजन 3:1–4:8
नं. 3: पारिवारिक जीवन जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है (rq-HI पे. 16-17)
नं. 4: सब्त पर अच्छे कार्य करना (gt-HI अध्याय 29)
जुला. 30 बाइबल पढ़ाई: भजन 11-18
गीत नं. 10 (82)
नं. 1: ढलती उम्र में साथ-साथ (fy-HI पे. 163-172)
नं. 2: भजन 11:1–13:6
नं. 3: परमेश्वर के सेवकों का शुद्ध होना ज़रूरी है (rq-HI पे. 18-19)
नं. 4: अपने दोष लगानेवालों को जवाब देना (gt-HI अध्याय 30)
अग. 6 बाइबल पढ़ाई: भजन 19-26
गीत नं. 14 (117)
नं. 1: अच्छी बातचीत—सुखी और सफल विवाह का राज़ (w-HI99 7/15 पे. 21-3)
नं. 2: भजन 20:1–21:13
नं. 3: कार्य जिनसे परमेश्वर घृणा करता है (rq-HI पे. 20-1)
नं. 4: सब्त के दिन बालें तोड़ना (gt-HI अध्याय 31)
अग. 13 बाइबल पढ़ाई: भजन 27-34
गीत नं. 22 (130)
नं. 1: फिलिप्पुस—सुसमाचार का जोशीला प्रचारक (w-HI99 7/15 पे. 24-5)
नं. 2: भजन 28:1–29:11
नं. 3: विश्वास और प्रथाएँ जो परमेश्वर को अप्रसन्न करते हैं (rq-HI पे. 22-3)
नं. 4: सब्त के दिन उचित क्या है? (gt-HI अध्याय 32)
अग. 20 बाइबल पढ़ाई: भजन 35-39
गीत नं. 15 (127)
नं. 1: साथियों का असर—क्या यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है? (w-HI99 8/1 पे. 22-5)
नं. 2: भजन 38:1-22
नं. 3: जीवन और लहू के लिए आदर दिखाना (rq-HI पे. 24-5)
नं. 4: यशायाह की भविष्यवाणी की पूर्ति करना (gt-HI अध्याय 33)
अग. 27 रिटन रिव्यू। बाइबल पढ़ाई: भजन 40-47
गीत नं. 21 (191)
सितं. 3 बाइबल पढ़ाई: भजन 48-55
गीत नं. 13 (124)
नं. 1: गुस्से में आकर ठोकर खाने से बचिए (w-HI99 8/15 पे. 8-9)
नं. 2: भजन 49:1-20
नं. 3: आप सच्चे धर्म का कैसे पता लगा सकते हैं? (rq-HI पे. 26-7)
नं. 4: अपने प्रेरितों को चुनना (gt-HI अध्याय 34)
सितं. 10 बाइबल पढ़ाई: भजन 56-65
गीत नं. 19 (164)
नं. 1: क्या दुष्टात्माएँ हमें बीमार करती हैं? (w-HI99 9/1 पे. 4-7)
नं. 2: भजन 59:1-17
नं. 3: यहोवा के साक्षी कैसे संगठित हैं (rq-HI पे. 28-9)
नं. 4: वह सबसे मशहूर धर्मोपदेश जो कभी दिया गया (gt-HI अध्याय 35)
सितं. 17 बाइबल पढ़ाई: भजन 66-71
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: “उत्तम भाग” चुनिए (w-HI99 9/1 पे. 30-1)
नं. 2: भजन 69:1-19
नं. 3: परमेश्वर की इच्छा करने के लिए दूसरों की मदद करना (rq-HI पे. 30)
नं. 4: एक सेना अफ़सर का महान विश्वास (gt-HI अध्याय 36)
सितं. 24 बाइबल पढ़ाई: भजन 72-77
गीत नं. 9 (37)
नं. 1: आपको अपने वादे क्यों निभाने चाहिए? (w-HI99 9/15 पे. 8-11)
नं. 2: भजन 73:1-24
नं. 3: परमेश्वर की सेवा करने का आपका निर्णय (rq-HI पे. 31)
नं. 4: यीशु एक विधवा का ग़म दूर करते हैं (gt-HI अध्याय 37)
अक्तू. 1 बाइबल पढ़ाई: भजन 78-81
गीत नं. 6 (45)
नं. 1: बुद्धि पाइए और अनुशासन स्वीकार कीजिए (w-HI99 9/15 पे. 12-15)
नं. 2: भजन 78:1-22
नं. 3: परमेश्वर का उद्देश्य अब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच रहा है (je-HI पे. 4-5)
नं. 4: क्या यूहन्ना में विश्वास की कमी थी? (gt-HI अध्याय 38)
अक्तू. 8 बाइबल पढ़ाई: भजन 82-89
गीत नं. 27 (221)
नं. 1: तीमुथियुस—“विश्वास में सच्चा पुत्र” (w-HI99 9/15 पे. 29-31)
नं. 2: भजन 88:1-18
नं. 3: पहली शताब्दी की मसीही कलीसिया (je-HI पे. 6-7)
नं. 4: घमण्डी और दीन (gt-HI अध्याय 39)
अक्तू. 15 बाइबल पढ़ाई: भजन 90-98
गीत नं. 28 (224)
नं. 1: गलत काम करने से इनकार करने के लिए हिम्मत जुटाना (w-HI99 10/1 पे. 28-31)
नं. 2: भजन 90:1-7
नं. 3: यहोवा काम के लिए अपने लोगों को एकत्रित और सुसज्जित करता है (je-HI पे. 8-11)
नं. 4: दया के विषय में एक सबक़ (gt-HI अध्याय 40)
अक्तू. 22 बाइबल पढ़ाई: भजन 99-105
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: प्यार की बेहतरीन राह पर चलना सीखिए (w-HI99 10/15 पे. 8-11)
नं. 2: भजन 103:1-22
नं. 3: प्रेम और एकता में उन्नति करने के लिए कलीसियाएँ (je-HI पे. 12-13)
नं. 4: वाद-विवाद का केंद्र (gt-HI अध्याय 41)
अक्तू. 29 बाइबल पढ़ाई: भजन 106-109
गीत नं. 1 (13)
नं. 1: “बुद्धि यहोवा ही देता है” (w-HI99 11/15 पे. 24-7)
नं. 2: भजन 107:1-19
नं. 3: प्रेम और अच्छे कामों को प्रेरित करने के लिए सभाएँ (je-HI पे. 14-15)
नं. 4: यीशु फरीसियों को फटकारते हैं (gt-HI अध्याय 42)
नवं. 5 बाइबल पढ़ाई: भजन 110-118
गीत नं. 8 (53)
नं. 1: प्रकाशितवाक्य का संदेश—डरावाना है या एक खुशखबरी? (w-HI99 12/1 पे. 5-8)
नं. 2: भजन 112:1–113:9
नं. 3: परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने के लिए संगठित की गई कलीसियाएँ (je-HI पे. 16-17)
नं. 4: दृष्टान्तों के सहारे शिक्षा देना (gt-HI अध्याय 43)
नवं. 12 बाइबल पढ़ाई: भजन 119
गीत नं. 20 (93)
नं. 1: आपकी खूबी कहीं आपकी खामी न बन जाए (w-HI99 12/1 पे. 26-9)
नं. 2: भजन 119:1-24
नं. 3: सम्मेलनों में खुशी मनाना तथा परमेश्वर की स्तुति करना (je-HI पे. 19)
नं. 4: एक भयावना तूफ़ान को शांत करना (gt-HI अध्याय 44)
नवं. 19 बाइबल पढ़ाई: भजन 120-137
गीत नं. 5 (46)
नं. 1: अपने वृद्ध माता-पिताओं को सम्मान देना (fy-HI पे. 173-182)
नं. 2: भजन 120:1–122:9
नं. 3: सफ़री ओवरसियर—सत्य में सहकर्मी (je-HI पे. 20-1)
नं. 4: एक असंभावनीय शिष्य (gt-HI अध्याय 45)
नवं. 26 बाइबल पढ़ाई: भजन 138-150
गीत नं. 6 (45)
नं. 1: अपने परिवार के लिए स्थायी भविष्य सुरक्षित कीजिए (fy-HI पे. 183-191)
नं. 2: भजन 139:1-24
नं. 3: पूर्ण-समय के सेवक प्रचार कार्य का नेतृत्व करते हैं (je-HI पे. 22-3)
नं. 4: उसने उसके वस्त्र को छुआ (gt-HI अध्याय 46)
दिसं. 3 बाइबल पढ़ाई: नीतिवचन 1-7
गीत नं. 23 (200)
नं. 1: परमेश्वर की पवित्र आत्मा क्या है? (g-HI99 2/8 पे. 26-7)
नं. 2: नीतिवचन 4:1-27
नं. 3: परमेश्वर की स्तुति करने के लिए बाइबल साहित्य का उत्पादन करना (je-HI पे. 24-5)
नं. 4: आँसू उल्लास में बदल गए (gt-HI अध्याय 47)
दिसं. 10 बाइबल पढ़ाई: नीतिवचन 8-13
गीत नं. 7 (51)
नं. 1: क्या मृतजनों के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए? (g-HI99 3/8 पे. 10-11)
नं. 2: नीतिवचन 13:1-25
नं. 3: एकता में परमेश्वर के झुण्ड की रखवाली करना (je-HI पे. 26-7)
नं. 4: याईर का घर छोड़कर नासरत को पुनःभेंट करना (gt-HI अध्याय 48)
दिसं. 17 बाइबल पढ़ाई: नीतिवचन 14-19
गीत नं. 29 (222)
नं. 1: क्या परमेश्वर का नाम ज़ुबान पर लाना गलत है? (g-HI99 4/8 पे. 26-7)
नं. 2: नीतिवचन 16:1-25
नं. 3: स्वैच्छिक अंशदान द्वारा आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त (je-HI पे. 28)
नं. 4: गलील का एक और प्रचार दौरा (gt-HI अध्याय 49)
दिसं. 24 बाइबल पढ़ाई: नीतिवचन 20-25
गीत नं. 22 (130)
नं. 1: दोस्तों के बीच उधार लेना-देना (g-HI99 5/8 पे. 18-19)
नं. 2: नीतिवचन 20:1-30
नं. 3: धार्मिकता के लिए सताए गए (je-HI पे. 29)
नं. 4: उत्पीड़न का सामना करने के लिए तैयारी (gt-HI अध्याय 50)
दिसं. 31 रिटन रिव्यू। बाइबल पढ़ाई: नीतिवचन 26-31
गीत नं. 18 (162)