ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पुनर्विचार
ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में सितंबर 4 से दिसंबर 18, 2000 तक के हफ्तों में दी गई जानकारी पर विचार किया जाएगा। दिए गए समय में ज़्यादा-से-ज़्यादा सवालों के जवाब एक अलग कागज़ पर लिखने की कोशिश कीजिए।
[सूचना: सवालों का जवाब देने के लिए आप सिर्फ बाइबल इस्तेमाल कर सकते हैं। सवालों के बाद दिए गए हवाले व्यक्तिगत रूप से खोज करने में आपकी मदद करने के लिए हैं। प्रहरीदुर्ग से जवाब ढूँढ़ने के लिए हर जगह शायद पेज और पैराग्राफ नंबर न दिए हों।]
नीचे दिए गए वाक्यों का सही या गलत में जवाब दीजिए:
1. शिमी द्वारा दाऊद पर लगाए गए इलज़ाम सही थे। इसीलिए दाऊद ने शर्मिंदा होकर अबीशै को रोका कि वह शिमी का खून न करे। (2 शमू. 16:5-13) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 5/1 पेज 32 पैरा. 3 देखिए।]
2. शुद्ध और बाइबल के मुताबिक सिखाया हुआ विवेक न सिर्फ परमेश्वर के साथ हमारा करीब रिश्ता बनाता है बल्कि यह हमारे उद्धार के लिए भी ज़रूरी है। (इब्रा. 10:22; 1 पत. 1:15, 16) [w-HI98 9/1 पेज 4 पैरा. 4]
3. बेशक हमारा गुस्सा करना वाजिब हो सकता है, मगर फिर भी इसकी वजह से हम ठोकर खा सकते हैं। [w-HI99 8/15 पेज 8, 9]
4. यीशु के हज़ार साल के राज्य की तुलना, सुलैमान के 40 साल के खुशहाल राज्य से की जा सकती है। (1 रा. 4:24, 25, 29) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w90 6/1 पेज 6 पैरा. 5 देखिए।]
5. यारोबाम के घराने में से सिर्फ अबिय्याह को दफनाया गया। यह इस बात का सबूत था कि वह यहोवा का वफादार सेवक था। (1 रा. 14:10, 13) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI95 4/1 पेज 12 पैरा. 11 देखिए।]
6. किसी के बपतिस्मा लेने से उसके बारे में यह पता चलता है कि अब वह परमेश्वर का बहुत अच्छा सेवक बन गया है। [w-HI98 10/1 पेज 28 पैरा. 2]
7. यहोवा ने एलिय्याह को इतनी हिम्मत दे दी थी कि डर नाम की उसमें कोई चीज़ ही नहीं थी। (1 रा. 18:17, 18, 21, 40, 46) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI98 1/1 पेज 31 पैरा. 2 देखिए।]
8. मन्ना प्राकृतिक भोजन था। [w-HI99 8/15 पेज 25]
9. एक सच्चा इंसान चाहे किसी भी जाति का हो यहोवा उसे स्वीकार करता है। इसे एलीशा और नामान के उदाहरण से देखा जा सकता है। यह उदाहरण यहोवा पर हमारे विश्वास को भी मज़बूत करता है कि यहोवा उनकी तरह नहीं जिनके विचार बुरे होते हैं और जो धर्म के नाम पर लोगों में दुश्मनी और जातिभेद फैलाते हैं। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 6/15 पेज 23 देखिए।]
10. दूसरा राजा 11:12 में जिस साक्षीपत्र का ज़िक्र है उसका लाक्षणिक अर्थ था कि राजा को परमेश्वर की व्यवस्था की नकल करनी थी और सब लोगों को उसका पालन करना था। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w91 2/1 पेज 31 पैरा. 6 देखिए।]
नीचे दिए सवालों के जवाब दीजिए:
11. परमेश्वर का भय माननेवाले माता-पिताओं के बच्चे जब नौकरी करने के बारे में सोच रहे होते हैं तो उन्हें 1 यूहन्ना 2:15-17 के मुताबिक बच्चों को किस बात से दूर रहने के लिए कहना चाहिए? [w-HI98 7/15 पेज 5 पैरा. 2]
12. दूसरा शमूएल 18:8 में लिखा है: “उस दिन जितने लोग तलवार से मारे गए, उन से भी अधिक वन के कारण मर गए।” इसका क्या मतलब है? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI88 3/1 पेज 31 पैरा. 2 देखिए।]
13. गोलियत के रिश्तेदार, रपाईवंश की तुलना आज किनसे की जा सकती है और ये क्या करने की कोशिश करते हैं? (2 शमू. 21:15-22) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI89 1/1 पेज 20 पैरा. 8 देखिए।]
14. साथियों का दबाव क्या है? [w-HI99 8/1 पेज 22]
15. सब्त के दिन काम करने की वजह से एक व्यक्ति को मार डाला गया था। इस घटना से हम कौन-सा खास सबक सीखते हैं? (गिन. 15:35) [w-HI98 9/1 पेज 20 पैरा. 2]
16. “सुलैमान की कीर्ति” सुनकर दूर देश से आई शीबा की रानी से, हम क्या सबक सीखते हैं? (1 रा. 10:1-9) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 7/1 पेज 31 पैरा. 1-2.]
17. पहला राजा 17:3, 4, 7-9, 17-24 के मुताबिक किन तीन तरीकों से एलिय्याह ने यहोवा पर विश्वास दिखाया? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w92 4/1 पेज 19 पैरा. 5 देखिए।]
18. नाबोत को क्यों ज़िद्दी नहीं कहा जा सकता जबकि उसने अहाब को अपनी दाख की बारी बेचने से मना कर दिया था? (1 रा. 21:2, 3) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 8/1 पेज 13 पैरा. 18 देखिए।]
19. दूसरा राजा 6:16 के शब्द आज यहोवा के सेवकों को क्या करने के लिए बढ़ावा देते हैं? [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI98 6/15 पेज 18 पैरा. 5 देखिए।]
20. सच्चे मसीहियों को किन तरीकों से खुद को साइमनी यानी रिश्वतखोरी से बचाना चाहिए? [w-HI98 11/15 पेज 28 पैरा. 5]
नीचे दिए वाक्यों को पूरा करने के लिए ज़रूरी शब्द या वाक्य लिखिए:
21. एक सच्चे मसीही को न तो ___________________ मानना चाहिए, और न ही ऐसे रीति-रिवाजों में भाग लेना चाहिए जो ___________________ को नाखुश करते हैं। (नीति. 29:25; मत्ती 10:28) [w-HI98 7/15 पेज 20 पैरा. 5]
22. पौलुस ने राजा अग्रिप्पा से बहुत ही ___________________ के साथ बात की। उसने ऐसे मुद्दों पर बात की जिन पर वो ___________________ थे। (प्रेरि. 26:2, 3, 26, 27) [w-HI98 9/1 पेज 31 पैरा. 3]
23. कुछ लोगों के मुताबिक परमेश्वर के साथ एक करीबी रिश्ता नहीं बनाया जा सकता क्योंकि परमेश्वर ___________________ है, मगर जब एक व्यक्ति गहराई से रोज़ाना ___________________ है तो परमेश्वर उसके लिए वास्तविक बन जाता है। यह दरअसल ‘अनदेखे को मानो देखने’ में मदद करेगा। (इब्रा. 11:27) [w-HI98 9/15 पेज 21 पैरा. 3-4]
24. अराम के सेनापति ___________________ के किस्से से हम देख सकते हैं कि कभी-कभी थोड़ी-सी ___________________ दिखाने से बहुत बड़े फायदे हो जाते हैं। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 2/1 पेज 3 पैरा. 6-पेज 4 पैरा. 1 देखिए।]
25. जैसे राजा येहू से मिलने यहोनादाब आया था, वैसे ही आज ___________________ सच्ची उपासना में बड़े येहू, ___________________ का और पृथ्वी पर यीशु का प्रतिनिधित्व करनेवाले ___________________ का समर्थन करने आई है। (2 रा. 10:15, 16) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI98 1/1 पेज 13 पैरा. 5-6 देखिए।]
नीचे दिए गए वाक्यों के लिए एक सही जवाब चुनिए:
26. ‘इस्राएल की गिनती लेने’ का पाप करने के लिए दाऊद को (शैतान; यहोवा; योआब) ने उकसाया था। (2 शमू. 24:1) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w92 7/15 पेज 5 पैरा. 2 देखिए।]
27. यरूशलेम में यहोवा के मंदिर के समर्पण पर राजा सुलैमान ने (दीनता; बुद्धि, मंदिर पूरा करने के घमंड) से सबके लिए प्रार्थना की। (1 राजा 8:27) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI99 1/15 पेज 17 पैरा. 7 देखिए।]
28. बीस साल के दौरान जब सुलैमान ने यरूशलेम में मंदिर और अपना घर बनाया था, उसकी तुलना सिद्धांत और संगठन से संबंधित सवाल उठने के समय से की जा सकती है जो (1919; 1923; 1931) में शुरू हुआ और (1938; 1942; 1950) में खत्म हुआ। (1 रा. 9:10) [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w92 3/1 पेज 20 का बॉक्स देखिए।]
29. दूसरा राजा 2:11 में जिस “स्वर्ग” के बारे में बात की गई है वह (परमेश्वर के रहने की जगह; ब्रह्मांड; आकाश है जहाँ पक्षी उड़ते हैं और हवा चलती) है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 9/15 पेज 15 का बॉक्स देखिए।]
30. यीशु की पैदाइश नासरत के बजाए बैतलहम में होने की वजह यह थी कि (हेरोदेस राजा; औगूस्तुस कैसर; तिबिरियुस कैसर) ने यह आज्ञा निकाली थी कि सारे जगत के लोगों की गणना की जाए। [w-HI98 12/15 पेज 7 का बॉक्स देखिए।]
नीचे दिए गए वचनों का वाक्यों के साथ मेल कीजिए:
भज. 15:4; इब्रा. 10:24, 25; 2 रा. 3:11; कुलु. 3:13; गल. 6:10
31. यहोवा जानता है कि अच्छे साथियों से घिरे रहना बहुत फायदेमंद है इसलिए वह अपने लोगों को नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ इकट्ठा होने की आज्ञा देता है। [w-HI99 8/1 पेज 23]
32. दूसरों के भले और फायदे के लिए काम करके आप दूसरों के साथ हमदर्दी दिखा सकेंगे और उन पर भरोसा कर सकेंगे। आप ऐसी गलतफहमियों से भी दूर रह सकेंगे, जिनकी वज़ह से आपको जल्दी गुस्सा आ सकता है। [w-HI99 8/15 पेज 9]
33. यहोवा की दया की कदर करने से हमें दयालु बनने और दूसरों को क्षमा करने का बढ़ावा मिलता है। [w-HI98 11/1 पेज 6 पैरा. 3]
34. यहोवा की खास सेवा में लगे वफादार सेवकों की दिल से मेहमानदारी करना और उनका साथ देना एक विशेषाधिकार है। [हफ्ते की बाइबल पढ़ाई; w-HI97 11/1 पेज 31 पैरा. 1 देखिए।]
35. यहोवा का भय माननेवाला इंसान अपना कर्ज़ चुकाने का वादा निभाने की पूरी कोशिश करता है। और हालात खराब होने के बावजूद कुछ-न-कुछ त्याग करके वह उधार चुकाने के लिए तैयार रहता है। [w-HI98 11/15 पेज 27 पैरा. 1]