क्या आप साहस के साथ प्रचार करते हैं?
पतरस और यूहन्ना को उनके विरोधियों ने गिरफ्तार करवाया और धमकाया भी, मगर उन दोनों ने साहस से प्रचार करना जारी रखा। (प्रेरि. 4:17, 21, 31) आज, साहस के साथ प्रचार करना हमारे लिए क्या मायने रखता है?
2 साहस के साथ साक्षी देना: “साहस” के लिए एक और शब्द है, “निर्भीक” जिसका मतलब है “मज़बूती के साथ-साथ निडरता, बल, और सहन शक्ति” होना। सच्चे मसीहियों के लिए साहस के साथ प्रचार करने का मतलब है जब भी मौका मिले, बिना डरे दूसरों को सुसमाचार सुनाना। (प्रेरि. 4:20; 1 पत. 3:15) साहसी होने का मतलब यह भी है कि हम सुसमाचार सुनाने में किसी तरह की शर्म या झिझक महसूस न करें। (भज. 119:46; रोमि. 1:16; 2 तीमु. 1:8) इसलिए, इन अंतिम दिनों में राज्य का सुसमाचार प्रचार करने की ज़िम्मेदारी को पूरा करने के लिए हम में साहस का गुण होना बहुत ही ज़रूरी है। चाहे लोग हमें कहीं भी मिलें, ये गुण हमें उनको सुसमाचार सुनाने के लिए प्रेरणा देता है।—प्रेरि. 4:29; 1 कुरि. 9:23.
3 स्कूल में साहस दिखाना: डर या संकोच की वजह से क्या आपको अपने साथ पढ़नेवाले बच्चों को प्रचार करना मुश्किल लगता है? हाँ, यह सच है कि कभी-कभार प्रचार करना आसान नहीं होता और यह एक बहुत बड़ी चुनौती हो सकती है। फिर भी, अगर आप साहस के साथ प्रचार करने के लिए यहोवा से प्रार्थना करें तो वह आपको ज़रूर बल देगा। (भज. 138:3) साहस का गुण यहोवा के एक साक्षी के तौर पर अपनी पहचान कराने में, साथ ही ठट्ठों का सामना करने में भी आपकी मदद करेगा। इस तरह स्कूल में प्रचार करने से आप, अपने सुननेवालों की जान बचा सकेंगे।—1 तीमु. 4:16.
4 नौकरी की जगह साहस दिखाना: जहाँ आप नौकरी करते हैं, क्या वहाँ लोग आपको एक यहोवा के साक्षी के तौर पर जानते हैं? आपके साथ काम करनेवालों तक सुसमाचार पहुँचाने का सिर्फ एक ही तरीका हो सकता है और वह है कि आप उन्हें प्रचार करें। मसीही सभाओं और अधिवेशनों के लिए छुट्टी हासिल करने में भी साहस आपकी मदद करेगा।
5 परीक्षा के समय साहस: विरोध का सामना करते समय साहस बेहद ज़रूरी होता है। (1 थिस्स. 2:1, 2) यह हमें अपने विश्वास को तब भी थामे रहने में मदद करेगा, जब हमारे विरोधी हमें धमकाते हैं, हमारी हँसी उड़ाते हैं या खुले-आम हम पर अत्याचार करते हैं। (फिलि. 1:27, 28) यह साहस हमें परमेश्वर यहोवा के स्तरों के मुताबिक जीने के लिए मज़बूत करता है, और दबाव आने पर भी हम उसके स्तरों के साथ कोई समझौता नहीं करते। जब दूसरे झगड़े खड़े करने की कोशिश करते हैं, तब साहस हमें शांति बनाए रखने के लिए बल देता है।—रोमि. 12:18.
6 चाहे हम कैसी भी कठिनाइयों का सामना क्यों न करें, आइए हम हमेशा साहस के साथ सुसमाचार का प्रचार करते रहें।—इफि. 6:18-20.